बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की फाइल फोटो.
पटना:
बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण कांड मामले में पुलिस इन दिनों पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की तलाश कर रही है. लगातार दो दिन सर्वोच्च न्यायालय से फटकार लगने के बाद इस मामले में राज्य सरकार और बेगूसराय पुलिस जागी और बुधवार को मंजू की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट लिया. लेकिन बुधवार को इस वारंट के जारी होने से पूर्व राज्य सरकार के वकील ने केस की मानीटरिंग कर रही बेंच को बताया कि मंजू वर्मा गायब हैं और नहीं मिल रही हैं. वो भूमिगत हो गयी हैं. उन्हें तमाम प्रयासों के बावजूद खोजा नहीं जा सका है. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- लगता है बिहार में ऑल इज़ नॉट वेल.... मतलब सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा.
यह भी पढ़ें-मुजफ्फरपुर कांड : सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर जताई नाराजगी, कहा- बिहार सरकार कल बताए क्या किया
हालांकि इस मामले की मानीटरिंग कर रहे बिहार पुलिस के अधिकारियों का कहना हैं कि राज्य सरकार और ख़ासकर ज़िला पुलिस ने अपने लापरवाही से कोर्टकी इस टिप्पणी को आमंत्रित किया. इन अधिकारियों के अनुसार मंगलवार तक बेगूसराय के एसपी ने अपना कमेंट नहीं लिखा था और मंगलवार को फटकार के बाद मंजू वर्मा के ख़िलाफ़ मामले को पहले सही पाया गया और उसके आधार पर बुधवार को कोर्ट में वारंट के लिए अर्ज़ी दी गयी. अधिकारियों का कहना है कि जिला पुलिस और राज्य सरकार मेहरबान नहीं हैं तो आख़िर मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा सोमवार को अपने एसयूवी में बैठकर कोर्ट से जेल कैसे गये. जबकि उन्हें पुलिस के वाहन में जाना चाहिए था.
इन अधिकारियों का मानना हैं कि दरअसल 'ऊपर' से वर्मा दंपती के ख़िलाफ़ धीमी गति से जांच चलने के 'अलिखित आदेश' के कारण हर बार सुनवाई के दौरान इतनी फ़ज़ीहत हो रही हैं . हालांकि अब आलोचना से बचने के किए ज़िला पुलिस ने चंद्रशेखर वर्मा के रिमांड के लिए कोर्ट में अर्ज़ी डाली हैं और उसे दो दिनो का रिमांड भी मिल गया हैं .मंजू वर्मा और उनके पति पर आर्म्स ऐक्ट का मुक़दमा चल रहा हैं. पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की अग्रिम ज़मानत की याचिका पटना हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर चुका हैं .
वीडियो- एससी ने बिहार सरकार को लगाई फटकार
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हालांकि इस मामले की मानीटरिंग कर रहे बिहार पुलिस के अधिकारियों का कहना हैं कि राज्य सरकार और ख़ासकर ज़िला पुलिस ने अपने लापरवाही से कोर्टकी इस टिप्पणी को आमंत्रित किया. इन अधिकारियों के अनुसार मंगलवार तक बेगूसराय के एसपी ने अपना कमेंट नहीं लिखा था और मंगलवार को फटकार के बाद मंजू वर्मा के ख़िलाफ़ मामले को पहले सही पाया गया और उसके आधार पर बुधवार को कोर्ट में वारंट के लिए अर्ज़ी दी गयी. अधिकारियों का कहना है कि जिला पुलिस और राज्य सरकार मेहरबान नहीं हैं तो आख़िर मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा सोमवार को अपने एसयूवी में बैठकर कोर्ट से जेल कैसे गये. जबकि उन्हें पुलिस के वाहन में जाना चाहिए था.
इन अधिकारियों का मानना हैं कि दरअसल 'ऊपर' से वर्मा दंपती के ख़िलाफ़ धीमी गति से जांच चलने के 'अलिखित आदेश' के कारण हर बार सुनवाई के दौरान इतनी फ़ज़ीहत हो रही हैं . हालांकि अब आलोचना से बचने के किए ज़िला पुलिस ने चंद्रशेखर वर्मा के रिमांड के लिए कोर्ट में अर्ज़ी डाली हैं और उसे दो दिनो का रिमांड भी मिल गया हैं .मंजू वर्मा और उनके पति पर आर्म्स ऐक्ट का मुक़दमा चल रहा हैं. पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की अग्रिम ज़मानत की याचिका पटना हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर चुका हैं .
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