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This Article is From Apr 19, 2020

Coronavirus: हमारी परंपरा में 'सोशल डिस्टेंसिंग' शब्द अटपटा , बगैर सोचे समझे हो रहा है इसका इस्तेमाल : RJD

आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए हम लोगों ने सोशल डिस्टेंस शब्द को ही आधिकारिक शब्द बना लिया है. सोशल डिस्टेंसिंग शब्द पश्चिम से आया है.

Coronavirus: हमारी परंपरा में 'सोशल डिस्टेंसिंग' शब्द अटपटा , बगैर सोचे समझे हो रहा है इसका  इस्तेमाल : RJD
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (फाइल फोटो)
  • आरजेडी ने सोशल डिस्टेंसिंग शब्द पर जताई आपत्ति
  • कहा- इससे एक तरह का अपराधबोध होता है
  • पीएम से इसे बदलने का करेंगे अनुरोध
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पटना:

दुनिया में फैले कोरोना वायरस के चलते इन दिनों दो शब्दों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा है. इनमें एक है लॉक डाउन और दूसरा सोशल डिस्टेंसिंग. लेकिन बिहार में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को दूसरे शब्द के प्रयोग पर आपत्ति हैं. आरजेडी चाहता ही कि भरतीय समाज की वस्तिकवता के मद्देनज़र एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के लिए फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग ज्यादा उपयुक्त शब्द हैं. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए हम लोगों ने सोशल डिस्टेंस शब्द को ही आधिकारिक शब्द बना लिया है. सोशल डिस्टेंसिंग शब्द पश्चिम से आया है. दरअसल पश्चिम का समाज समता के सिद्धांत पर आधारित है. इसलिए उनके अपने सामाजिक संदर्भ में सोशल डिस्टेंसिंग शब्द बिल्कुल स्वाभाविक है.

उन्होंने कहा, 'लेकिन हमने बगैर सोचे विचारे जस का तस इस शब्द का इस्तेमाल  शुरू कर दिया है. सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी शब्द हमारी परंपरा में बिल्कुल अटपटा और  इस्तेमाल में अपराध बोध की तरह लगता है. क्योंकि सदियों तक एक सामाजिक समूह से हमने सोशल डिस्टेंस यानी सामाजिक दूरी बनाकर रखी है. अभी भी वह दूरी बिल्कुल समाप्त हो गई है यह दावा हम नहीं कर सकते हैं.'

इसके बाद शिवानंद तिवारी ने कहा कि  प्रधानमंत्री जी से हम अनुरोध करेंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग शब्द के बदले शारीरिक दूरी या इसी से मिलता-जुलता किसी अन्य शब्द का प्रयोग किया जाए. भविष्य में सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी शब्द के इस्तेमाल को  बंद किया जाए.

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