
- सिवान की रैली में नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच बातचीत हुई.
- नीतीश ने चिराग से विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना के बारे में पूछा.
- चिराग ने चुनाव की तैयारी में होने की बात कही, निर्णय पार्टी पर निर्भर है.
- नीतीश ने चिराग के राजनीतिक भविष्य की सराहना की.
सिवान की रैली में सभी नेता मंच पर जुट चुके थे और बस प्रधानमंत्री के आने का इंतजार हो रहा था. इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच बातचीत शुरू होती है. क्या हुई बातचीत? उसका पूरा लेखा जोखा एनडीटीवी के पास है नीतीश कुमार चिराग से पूछते हैं कि क्या वो बिहार विधान सभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं, यदि हां तो कहां से लड़ेंगे?
आपको विधानसभा चुनाव लड़ने की क्या आवश्यक?
चिराग कहते हैं कि अभी तो उनकी पार्टी में चुनाव की तैयारी चल रही है. निर्णय की प्रक्रिया चल रही है. अभी कुछ भी पक्का नहीं है वैसे भी यह पार्टी तय करेगी. फिर नीतिश कुमार कहते हैं कि चिराग आप युवा हैं सांसद हैं केन्द्रीय मंत्री हैं ,आपका राजनीतिक भविष्य काफी उज्जवल है. आपको विधान सभा का चुनाव लड़ने की क्या आवश्यकता है. नीतीश कुमार ने चिराग से यह भी कहा कि वो खुद उनके पिता राम विलास पासवान लंबे समय तक राजनीति में साथ रहे और चिराग का भी उतना ही सम्मान करते हैं. नीतीश कुमार ने चिराग से यह भी कहा कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में चिराग की बड़ी भूमिका रहने वाली है.
'मुख्यमंत्री का आर्शीवाद लेने जरूर आएंगे'
चिराग ने नीतीश कुमार से कहा कि यदि पार्टी और बिहार की जनता चाहेगी तो वो विधान सभा का चुनाव लड़ेगें और उस वक्त वो बिहार के मुख्यमंत्री का आर्शीवाद लेने जरूर आएंगे. बिहार के मुख्यमंत्री और चिराग पासवान के इस बातचीत के कई मायने हैं. एक तो ये कि जेडीयू को यह समझ में नहीं आ रहा है कि चिराग पासवान बिहार विधान सभा का चुनाव लड़ने की बात क्यों कर रहे हैं. इससे क्या उनका गणित कहीं फिर ना बिगड़ जाए. क्या इसके पीछे बीजेपी है या कोई और बात है. क्या चिराग एनडीए में दबाब की राजनीति कर रहे हैं. ताकि उन्हें अधिक सीट मिले.
इतना तो तय है कि जेडीयू के लिए फिलहाल चिराग एक पहेली बने हुए हैं. खास कर चिराग का यह बार बार कहना कि वो बिहार विधान सभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन अपने पत्ते भी नहीं खोलते हैं. बात को घुमाकर पार्टी पर डाल देते हैं.
जब चिराग ने कर दिया था जेडीयू का खेल खराब
यह भी सच्चाई है कि यह पहला विधान सभा चुनाव होगा, जब चिराग पासवान और उनकी पार्टी नीतीश कुमार के लिए वोट मांगेगी. पिछले चुनाव में चिराग अकेले लड़े थे और जेडीयू का खेल खराब कर दिया है. उसके पहले नीतिश और लालू इकट्ठे लड़े थे. तब चिराग की पार्टी बीजेपी के साथ थी. यही वजह है कि चिराग पासवान को अपने वोटरों को नीतीश कुमार के लिए वोट करने के लिए राजी करना होगा. लोकसभा में तो वो प्रधानमंत्री के चेहरे पर वोट मांगते हैं. लेकिन विधान सभा चुनाव में तो मुख्यमंत्री के लिए वोट मांगना पड़ेगा.
यहां पर पेंच थोड़ा फंस रहा है. चिराग गाहे बगाहे बिहार सरकार की नीतियों को लेकर भी मुखर रहे हैं. खासकर दलित और कानून व्यवस्था के मुद्दों को लेकर ऐसे में नीतीश कुमार और जेडीयू का असहज होना लाजिमी है. शायद यही सब वो कारण है जिसके चलते नीतीश कुमार ने चिराग से सीवान की रैली के दौरान मंच पर ही बात करने की ठानी. बिहार के चुनाव की अभी शुरूआत ही ढ़ंग से नहीं हुई है ये तो बस बानगी है आगे आगे देखिए होता है क्या.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)
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