
- मुंगेर के बरियारपुर की कुमकुम देवी गंगा में तेज धार में बह गईं और करीब सात किलोमीटर तक तैरती रहीं.
- कुमकुम देवी ने गंगा की धार में बहती एक महिला की मृत देह को पकड़कर अपनी जान बचाई.
- तिलकपुर गांव के पास एक नाविक ने कुमकुम देवी को गंगा की तेज धार से बचाकर किनारे पहुंचाया.
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, यह कहावत बिहार के भागलपुर में सच साबित हुई. मुंगेर के बरियारपुर की रहने वाली कुमकुम देवी सुल्तानगंज स्थित नमामि गंगे घाट पर गंगा स्नान कर रही थीं, तभी गंगा की तेज धार में वह बह गईं. जब उनकी बचने की उम्मीद खत्म हो गई थी, तभी गंगा की बीच धार में उन्हें एक मुर्दा मिला. कुमकुम देवी ने हिम्मत नहीं हारी और उस मुर्दे को ही अपना सहारा बना लिया. वह करीब 7 किलोमीटर तक उसी मुर्दे को पकड़कर तैरती रहीं.
परिजन महिला की मौत का करने लगे थे विलाप
आखिरकार, तिलकपुर गांव के पास एक नाविक की नजर उन पर पड़ी. उसने तुरंत कुमकुम देवी को बचाया और नाव पर बैठाकर किनारे तक लाया. इससे पहले ही, कुमकुम देवी के परिवार को उनकी मौत की खबर मिल चुकी थी. लेकिन जब उन्होंने कुमकुम देवी को जिंदा देखा, तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ. यह घटना दिखाती है कि अगर भगवान साथ हो, तो कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है.
साथ में गई एक महिला डूबी, फिर उसी के लाश को पकड़ कर तैरने लगी महिला
बाद में कुमकुम देवी ने बताया को गया की एक महिला के साथ वो गंगा नहाने गई थी. दोनों महिलाएं गंगा में नहा रही थी, तभी तेज धार की चपेट में आकर डूबने लगी. उसके साथ गई महिला डूब गई. लेकिन उसमें जान बाकी थी. फिर कुमकुम उसी महिला की लाश को पकड़कर गंगा में धार के तैरते हुई बचाने की गुहार लगाती रही.
7 किमी दूर नाविक की मदद से बची जान
करीब 7 किलोमीटर दूर नाविक की मदद से वो गंगा की तेज धार से बाहर आ सकी. महिला को जिंदा देखकर आस-पास के लोग इसे भगवान का चमत्कार बता रहे हैं. मालूम हो कि इस समय गंगा की तेज उफान पर है. आलम यह है कि गंगा का पानी एनएच पर बह रहा है. निचले इलाके के गांव बुरी तरह से डूब चुके हैं.
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