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NDA में सीट शेयरिंग पर कहां फंस रहा पेंच? दिल्ली में बीजेपी संग बैठक के बाद क्या बोले चिराग

चिराग पासवान की पार्टी का कहना है कि पिछली बार जब उसने 2015 में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, उस समय उसे 243-सदस्यीय विधानसभा में 43 सीटें दी गई थीं. उस समय जद (यू) गठबंधन का हिस्सा नहीं थी.

NDA में सीट शेयरिंग पर कहां फंस रहा पेंच? दिल्ली में बीजेपी संग बैठक के बाद क्या बोले चिराग
चिराग पासवान
  • बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी और बीजेपी के बीच बातचीत
  • चिराग ने कहा कि सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय से पहले कोई भी जानकारी साझा करना संभव नहीं है
  • चिराग की पार्टी ने 2015 के चुनाव में 43 विधानसभा सीटें मिलने का हवाला देते हुए बेहतर हिस्सेदारी की मांग की
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पटना:

बिहार में चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सीट शेयरिंग को लेकर भी गहमागहमी होने लगी है. इस बीच चिराग पासवान आज पटना पहुंचे. इससे पहले दिल्ली में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनकी मुलाकात हुई, जहां सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई. चिराग के साथ अरुण भारती भी पटना पहुंचे, चिराग ने कहा कि जब तक बातचीत अंतिम रूप नहीं लेती, तब तक कुछ भी बताना संभव नहीं है, क्योंकि यह चर्चा अभी शुरू हुई है. इसके अलावा, चिराग अपने पिता राम विलास पासवान की पुण्यतिथि भी मनाएंगे.

चिराग की BJP से दिल्ली में सीट शेयरिंग पर बात

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव के सिलसिले में सीटों के तालमेल को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ बातचीत की. बीजेपी के नेताओं में बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान शामिल थे. सूत्रों के अनुसार सीटों की संख्या के अलावा पासवान की पार्टी कुछ खास निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उत्सुक है, जहां उनकी पार्टी को अपने लिए बेहतर संभावनाएं दिखती हैं. इसके अलावा पार्टी ने 2024 में जीते गए पांच लोकसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में कुछ विधानसभा सीट देने की मांग की है.

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सीट शेयरिंग में चिराग की पार्टी का क्या पक्ष

प्रधान के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे भी थे, जो बिहार के लिए पार्टी के संगठनात्मक प्रभारी हैं. राज्य सरकार में मंत्री मंगल पांडे भी बातचीत में मौजूद थे. चिराग पासवान की पार्टी का कहना है कि पिछली बार जब उसने 2015 में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, उस समय उसे 243-सदस्यीय विधानसभा में 43 सीटें दी गई थीं. उस समय जद (यू) गठबंधन का हिस्सा नहीं थी.

बिहार में नवंबर में मतदान

पासवान की पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने मतभेदों के कारण 2020 में राजग से बाहर हो गयी थी और उसने जद (यू) को काफी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि लोजपा (रामविलास) को सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली थी. प्रधान ने बिहार की अपनी हालिया यात्रा के दौरान गठबंधन के अन्य सहयोगियों से मुलाकात की थी. बिहार में विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे तथा 14 नवंबर को मतों की गिनती होगी.

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