- बिहार पुलिस प्रमुख ने की NDTV से बात
 - कहा- कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है मुकदमा
 - 49 मशहूर हस्तियों ने पीएम मोदी को लिखा था खत
 
बिहार के मुजफ्फरपुर में इतिहासकार रामचंद्र गुहा (Ramachandra Guha), मशहूर फिल्म अभिनेत्री अपर्णा सेन (Aparna Sen), फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) और मणिरत्नम समेत 49 लोगों के खिलाफ पिछले हफ्ते राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इन लोगों ने अलग-अलग जगहों पर लोगों को पीट पीटकर मार डालने (Mob Lynching) की वारदातों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नाम एक खुला खत लिखा था. अब राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीएम मोदी के नाम जुलाई में खुला खत लिखने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ मुकदमे से बिहार सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. राज्य के पुलिस प्रमुख गुप्तेश्वर पांडे (Guptesvar Pandey) ने NDTV को बताया कि यह अदालत के आदेश के बाद किया गया था और इसे लेकर पैनिक होने की कोई वजह नहीं थी. बता दें कि इन लोगों के खिलाफ दायर हुए मुकदमे पर बड़ा बवाल हुआ था.
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, 'हमने इस मामले का संज्ञान लिया है और जो भी एफआईआर दर्ज की गई, वह स्थानीय सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) अदालत के आदेश पर थी. मैं आपको भरोसा दे सकता हूं कि आदेश के अनुसार जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि चिंता और घबराहट का कोई कारण नहीं है. पुलिस प्रमुख ने कहा, 'मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हम जांच को जल्द से जल्द खत्म करना चाहेंगे.'
प्रधानमंत्री को खत लिखना कब गुनाह हो गया?
अगस्त में मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने एक स्थानीय कार्यकर्ता की याचिका के बाद मामले की जांच का आदेश दिया था और पुलिस से 11 नवंबर तक रिपोर्ट देने को कहा था. हालांकि पिछले हफ्ते पुलिस की ओर से इस मामले को दर्ज करने के कदम को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों की भारी आलोचना हुई थी.
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लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने वाले राहुल गांधी ने भी सेलिब्रिटियों के खिलाफ मामला दर्ज होने पर प्रधानमंत्री की आलोचना की थी. उन्होंने कहा, 'जो जो कोई भी प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ भी कहता है, जो भी सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलता है उसे जेल में डाल दिया जाता है और उस पर हमला किया जाता है. मीडिया को कुचल दिया जाता है. हर कोई जानता है कि क्या हो रहा है. यह कोई रहस्य नहीं है.
फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल ने कहा कि राजद्रोह का मुकदमा दायर करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उनका खुला खत भीड़ की हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर एक अपील थी न की कोई धमकी. वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मामले में हस्तक्षेप कर कानूनी राय लेकर इसे बंद करने का आग्रह किया.
VIDEO: रामचंद्र गुहा समेत 49 लोगों पर दर्ज हुआ राजद्रोह का मामला, पीएम मोदी को लिखा था खुला खत
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