एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. केंद्र सरकार ने संसद में यह जानकारी दी. सरकार ने बुधवार को कहा कि नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की भारत सूचकांक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार का समग्र स्कोर सभी राज्यों में सबसे कम है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में राजीव रंजन सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. यह जानकारी सामने आते ही सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा. बिहार विधानसभा में तेजस्वी ने कहा, 'डबल इंजन वाली सरकार के बावजूद बिहार सभी मानकों में आखिर पिछड़ क्यों रहा है?' गौरतलब है कि केंद्र में बीजेपी/एनडीसी की सरकार है और बिहार में भी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में बीजेपी अहम सहयोगी है.
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दरअसल, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सांसद राजीव रंजन सिंह ने पूछा था कि क्या नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है? केंद्रीय मंत्री ने अपने उत्तर में कहा कि नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की भारत सूचकांक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार बिहार का समग्र स्कोर सभी राज्यों में सबसे कम (100 में से 52) है. उन्होंने कहा कि 16 एसडीजी में 115 संकेतकों के आधार पर सूचकांक तैयार किया गया है.
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केंद्रीय मंत्री राराव इंद्रजीत सिंह के अनुसार एसडीजी भारत सूचकांक रिपोर्ट में बिहार को सबसे कम अंक मिलने के कुछ प्रमुख कारणों में राज्य की बड़ी आबादी (33.74 प्रतिशत) का गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करना और 52.5 प्रतिशत जनसंख्या का बहुआयामी निर्धनता से प्रभावित होना है. संसद में दिए गए लिखित उत्तर के अनुसार, बिहार में पांच साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत बच्चे छोटे कद के या अविकसित हैं और यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है. वहीं राज्य में 15 साल और उससे अधिक आयु के वर्ग में साक्षरता सबसे कम है. मंत्री ने ऐसे कुछ अन्य कारण भी गिनाए थे.
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