“हेलमेट है जरूरी नहीं तो होगा हेड इंज्युरी”, ये कहना है बिहार के उन विपक्षी विधायकों का जो पिछले तीन दिनों से बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान परिसर में हेलमेट लगाकर आ रहे हैं. दरअसल, ये विधायक इस साल 23 मार्च को विधानसभा परिसर में हुए हंगामे के बाद पुलिस की पिटाई से काफी दुखी हैं. विपक्ष के दवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को इस मुद्दे पर विशेष बहस कराकर एक तरह से पूरे मामले को शांत कराने की कोशिश की.
सोमवार को जब से बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हुआ है, राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सतीश दास अपनी एसयूवी में बैठ कर आते हैं लेकिन हेलमेट पहनकर आते हैं. 23 मार्च को बजट सत्र के दौरान हंगामे को वो इसकी वजह बताते हैं. विधानसभा परिसर में अलग-अलग मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहे इन विधायकों से जब पूछा गया कि कब तक ऐसे हेलमेट पहने रहेंगे तो उनका जवाब था कि, “लगातार विधायकों पर जो हमला हुआ है विधानसभा के अंदर, लोकतंत्र के मंदिर में लोकतंत्र की हत्या, बिहार में बहार है सिर फोड़वा सरकार है.”
वहीं, विधायक प्रेमशंकर प्रसाद ने कहा, “जब तक हम लोगों की मांग की पूर्ति नहीं होगी, तब तक हम लोग बिहार विधानसभा के बाहर ऐसे ही धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.” हालांकि इस मुद्दे पर बहस कराने के लिए सदन के अंदर विपक्ष अड़ा है और विधानसभा अध्यक्ष ने भी विपक्ष के विधायकों के दवाब में आखिरकार बुधवार को इस मुद्दे पर बहस कराई, लेकिन विधायकों का अपना रोना है. विधायक विजय सम्राट ने कहा, “डर है हम लोगों को ये लोग किसी भी समय सिर फोड़ सकते हैं. ये सिर फोड़वा सरकार है. हम लोगों की मांग है कि जितने भी दोषी पदाधिकारी हैं, उन पर कार्रवाई की जाए. लेकिन सभी को बचाया जा रहा है. विपक्ष के विधायकों को डर है कि कहीं कार्रवाई के नाम पर उन्हें सदन से निलंबित ना कर दिया जाये.
VIDEO: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में हेलमेट लगाकर आ रहे विपक्ष के विधायक
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