कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच बिहार में लॉकडाउन (Lockdown) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी भाजपा के बीच अब प्रतिष्ठा का विषय बनता जा रहा है. हालांकि, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार ने पटना हाईकोर्ट के अल्टीमेटम के बाद लॉकडाउन लगाया है, लेकिन बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल के बयान के बाद अब लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने चुनौती देते हुए कहा है कि ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार नेता और ऐसी ग़ैर ज़िम्मेदार पार्टियां आख़िर बिहार का क्या भला करेंगी.
सिंह ने ये बात कहते हुए हालांकि 17 अप्रैल को राज्यपाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का ज़िक्र किया और कहा कि वो चाहे तेजस्वी यादव हों या जायसवाल सभी ने वीकेंड पर लॉकडाउन लगाने की मांग की थी. ललन सिंह ने इसकी कारवाई को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि मात्र वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने पूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग की थी. हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब जन हित में, राज्य हित में ये फ़ैसला लिया तो ऐसी गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी की जा रही है.
ललन सिंह का ये बयान निश्चित रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी बातचीत और निर्देश के बाद ही मीडिया में आया है, जिससे साफ़ है कि नीतीश कुमार अब भाजपा की इस मुद्दे पर किसी भी तरह की आलोचना या व्यंग का तत्काल जवाब देना चाहते हैं, जिससे जनता में उनकी नकारात्मक छवि न बने. पिछले साल अपने निर्णय को जनता के बीच न समझाने के कारण नीतीश कुमार की काफी फजीहत हुई थी.
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इसलिए न केवल ललन सिंह बल्कि संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी कहा कि अभी राजनीतिक मगजमारी नहीं बल्कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा महामारी के ख़िलाफ़ संघर्ष में अपनी ऊर्जा लगाये. भाजपा के नेताओं का कहना है कि लॉकडाउन के विधिवत घोषणा के पांच दिन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एक बैठक में आग्रह किया था कि लॉकडाउन जल्द से जल्द लगाया जाये.
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