विज्ञापन
This Article is From Jul 28, 2017

आरजेडी के विधायकों के अनुरोध पर नीतीश और सुशील मोदी ने जल्‍द खत्‍म किए भाषण, जानिए क्‍यों...

जेडीयू के महागठबंधन से अलग होने के बाद भले ही दोनों दलों के बीच खुला मतभेद देखा जा रहा है, लेकिन इस वाकये ने राजनीति में शालीनता की मिसाल पेश की.

आरजेडी के विधायकों के अनुरोध पर नीतीश और सुशील मोदी ने जल्‍द खत्‍म किए भाषण, जानिए क्‍यों...
  • अब्दुल गफूर और अब्दुल बारी सिद्दीकी ने स्पीकर से किया था अनुरोध
  • नीतीश और सुशील मोदी ने महज 10-10 मिनट का भाषण दिया.
  • नीतीश ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत जीता.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना: बिहार विधानसभा में शुक्रवार को नई सरकार के गठन से पहले विश्वासमत चर्चा के दौरान आरजेडी के दो मुस्लिम विधायकों के अनुरोध को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने सहज तरीके से स्‍वीकार किया और अपने पूर्व निर्धारित लंबे भाषणों को महज 10-10 मिनट में पूरा किया. 

जेडीयू के महागठबंधन से अलग होने के बाद भले ही दोनों दलों के बीच खुला मतभेद देखा जा रहा है, लेकिन इस वाकये ने राजनीति में शालीनता की मिसाल पेश की.

ये भी पढ़ें...
सुशील मोदी का करारा जवाब, गुप्त मतदान होता तो RJD टूट जाती, बहुमत था तो साबित कर लेते


दरअसल, हुआ यूं कि विश्‍वासमत की चर्चा के दौरान कांग्रेस के सदानंद सिंह ने जब अपना भाषण पूरा किया, तब तक 12:15 बज चुके थे. इसके बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्‍यमंत्री सुशील मोदी का भाषण होना था, लेकिन उससे पहले आरजेडी के पूर्व मंत्रियों अब्दुल गफूर और अब्दुल बारी सिद्दीकी ने स्पीकर से अनुरोध करते हुए कहा 'जुमे की नमाज़ 1 बजे से होती है, लिहाज़ा, भाषण को जल्दी से खत्म किया जाए'. 

ये भी पढ़ें...
बिहार में फिर एनडीए सरकार, नीतीश कुमार ने हासिल किया विश्वासमत, पक्ष में 131 और विरोध में 108 वोट पड़े

इसके बाद नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने आरजेडी के दोनों नेताओं के अनुरोध को मानते हुए महज 10-10 मिनट का भाषण दिया. नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा, सेक्युलरिज़्म पर देश का कोई भी मुझे नसीहत नहीं दे सकता.



उल्‍लेखनीय है कि नीतीश कुमार सरकार ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत जीत लिया. इसके पक्ष में 131 मत और विपक्ष में 108 मत पड़े. 243 सदस्यीय विधानसभा में चार सदस्य मतदान नहीं कर सके, जिसकी वजह से विश्वास मत के दौरान सदन में सदस्यों की संख्या घटकर 239 रह गई.

नीतीश कुमार (66) ने गुरूवार को शपथ ग्रहण की थी. वे चार वर्ष बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लौट आए. एक दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके साथ ही सहयोगी दल लालू यादव की राजद और कांग्रेस के साथ रिश्ते तोड़ लिए थे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com