बिहार के सहरसा में सदर अस्पताल भले ही सूबे का पहला मॉडल हॉस्पिटल बना है, लेकिन अभी भी यह अपनी लापरवाही की वजह से सुर्खियों में रहता है. अस्पताल प्रशासन और कर्मियों की लापरवाही के कारण एक प्रसव पीड़िता को प्रसव कक्ष के बाहर खुले में बच्चे को जन्म देना पड़ा. यह मानवता को शर्मसार करने वाला घटना है. सदर अस्पताल में प्रसव कराने आई एक गर्भवती दर्द से कराहती रही और उसने प्रसव वार्ड के सामने खुले आसमान के नीचे ही अस्पताल परिसर में ही बच्चे को जन्म दे दिया. इस बीच ड्यूटी पर मौजूद नर्स प्रसव वार्ड के भीतर मौजूद रही, जिसका वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. प्रसव पीड़िता दर्द से कराह रही थी और मौजूद नर्स उन्हें टहलाने की बात कह अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली.इसी बीच उसने प्रसव वार्ड के सामने अस्पताल परिसर में ही नवजात को जन्म दे दिया. इस दौरान एक भी अस्पताल कर्मी वहां मौजूद नहीं था.
वहीं जब लोगों ने ड्यूटी पर मौजूद नर्स से लोगों ने सवाल किया तो नर्स अपनी साख बचाने के लिए परिजनों पर ही भड़क गई कि प्रसव पीड़िता मरीज को वार्ड में ही घूमने के लिए कहा गया था, लेकिन वो बाहर चली गई और इसी दौरान उसकी डिलीवरी हो गई.
घटना के बाद अस्पताल में लोगों की भीड़ जुट गई. परिजनों ने नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि नर्स चाय की चुस्की लेती रही. ऐसे में सदर अस्पताल की व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है. मालूम हो कि सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में अक्सर कर्मियों पर लापरवाही बरतने ओर पैसा मांगने का आरोप लगते रहा है. सख्त कारवाई नहीं होने के कारण इनका मनोबल बढ़ता ही जा रहा है. इस बाबत अस्पताल प्रबंधक सिंपी कुमारी के मोबाइल पर कॉल किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
सिविल सर्जन डॉ कात्यायनी मिश्रा ने बताया कि सैकड़ो में ऐसी एक घटना हो जाती है, जब कई बच्चों को जन्म देने वाली महिला को बगैर दर्द के ही डिलीवरी हो जाती है हालांकि इस मामले में उन्होंने कहा कि प्रसव पीड़िता को बरामदे पर ही टहलने को कहा गया था, लेकिन वह बरामदे से नीचे उतर टहलने लगी, इसी दौरान बच्चा डिलीवर हो गया. उन्होंने कहा कि बच्चा-जच्चा दोनों स्वस्थ हैं. सीएस ने जांचकर कार्रवाई की बात भी कही है.
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