प्रतीकात्मक तस्वीर
- बिहार के मधेपुरा में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना.
- दबंग जमींदारों ने शव को दफन करने नहीं दिया.
- घर में ही महादलित परिवार को शव दफन करना पड़ा.
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पटना:
बिहार के मधेपुरा जिले में मानवता को शर्मशार करने वाली एक बार फिर से हृदय विदारक घटना सामने आई है. मधेपुरा में एक महादलित परिवार को मृतक को दफनाने के लिए दो गज जमीन तक नहीं मिली और गांव के दबंग जमींदारों की दबंगई की वजह से महादलित परिवार को अपने ही छोटे से घर में मृतक को दफनाने पर मजबूर किया गया.
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दरअसल, जिले कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत केवटगामा गांव में एक महादलित परिवार में डायरिया से पीड़ित महिला की हो मौत हो गई. मौत के बाद भूमिहीन महादलित परिवार ने गांव के बाहर नहर किनारे शव को सरकारी जमीन पर दफनाने जा रहे थे, मगर गांव के ही कुछ तथाकथित दबंगों ने अपने जमीन के आगे सरकारी जमीन पर शव को दफनाने नहीं दिया. लाख कोशिशों के बाद जब वे लोग नहीं माने तो महादलित पति को मजबूरन अपने ही छोटे से घर में शव को दफनाना पड़ा.
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पीड़ित परिजन की मानें तो गांव के दबंग जमींदारों ने महादलित परिवार के लोगों को अपने जमीन के आगे सरकारी जमीन पर शव को दफनाने व दाह संस्कार करने नहीं दिया. इतना ही नहीं, उनका कहना है कि गांव में जब कभी भी किसी महादलित परिवार के लोग सरकारी जमींन पर शव को जलाने व दफ़नाने की कोशिश करते हैं, तो ये लोग उन्हें ऐसा नहीं करने देते हैं. साथ ही वे महादलितों के साथ मारपीट और गाली गलौज भी करते हैं.
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हालांकि, पीड़ित परिजनों ने स्थानीय जिला प्रशासन से की गांव में अश्मसान घाट बनाने की मांग की है. वहीं, इस मामले को लेकर जिले के एसडीएम वृंदा लाल ने बताया कि 'इस तरह के मामले मेरे संज्ञान में आए हैं. मैं खुद घटना स्थल पर जाकर जांच करूंगां कि आखिर मामला है क्या? और अगर गांव में श्मशान घाट नहीं है तो फिर सरकार जमीन चिन्हित कर गांव में श्मशान घाट का निर्माण कराया जाएगा और अभी फिलहाल इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.' (इनपुट कन्हैया, मधेपुरा से)
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