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कहीं टूटा बांध तो कहीं वाटर फॉल का दिखा रौद्र रूप... पढ़ें, बिहार में कैसे मुसीबत बनीं उफनती नदियां

बिहार की ज्यादातर नदियां इन दिनों उफान पर हैं. नदियों के बढ़े जलस्तर की वजह से कई गांव जलमग्न हो गए हैं. लाखों लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

कहीं टूटा बांध तो कहीं वाटर फॉल का दिखा रौद्र रूप... पढ़ें, बिहार में कैसे मुसीबत बनीं उफनती नदियां
बिहार में बाढ़ ने बढ़ाई चिंता, वाटर फॉल का भी दिखा रौद्र रूप
  • बिहार के खगड़िया जिले में बाढ़ से लगभग डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए और कई पंचायत जलमग्न हो गई हैं.
  • परबत्ता प्रखंड की एक दर्जन पंचायतों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र विकल्प है.
  • नवगछिया के इस्माइलपुर बिंदटोली रिंग बांध का हिस्सा टूटने से तीस से अधिक मकान गंगा नदी में समा गए हैं.
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पटना:

बिहार में इन दिनों ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. कई जिलों में नदी का बढ़ा जलस्तर गांवों और पंचायत में घुस चुका है. स्थिति इस कदर बिगड़ चुकी है कि इन इलाकों में रहने वाले लोगों को अपना घर छोड़कर जाना किसी सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है. बिहार के खगड़ियां में तो बाढ़ से करीब डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए हैं. दूसरे जिलों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. 

खगड़िया में बाढ़ ने बढ़ाई मुसीबत

बिहार के खगड़िया में आई सैलाब ने पीड़ितों के जिंदगियों को।मुश्किल में डाल दिया है. जिले का करीब 1.50 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है. जिले का चार प्रखंड का 18 पंचायत बाढ़ के पानी से जलमग्न है।सबसे बुरा हाल परबत्ता प्रखंड का है. जहां की लगभग एक दर्जन पंचायत बाढ़ की विभीषिका झेल रही है. इन पंचायतों की सड़के दरिया में तब्दील हो गई है. कॉलेज और स्कूल पानी पानी हो गया है. आने जाने का एक मात्र साधन नाव है. वह भी प्रयाप्त संख्या में नहीं है. बाढ़ की विभीषिका ने न केवल आवागमन में लोगों की परेशानियों को बढ़ाया है. बल्कि बड़ी आबादी को घर से बेघर भी कर दिया है. बाढ़ पीड़ित बांध पर शरण लिए हुए है.जहां उन्हें चिलचिलाती धूप और मूसलाधार बारिश को झेलना पर रहा है. दो वक्त के भोजन के लिए भी लाले पर रहे हैं. 

नवगछिया में टूटा बांध, ग्रामीणों की बढ़ी दिक्कत

नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड में स्थित इस्माइलपुर बिंदटोली रिंग बांध का एक बड़ा हिस्सा दो दिन पहले ध्वस्त हो गया। बांध टूटते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. तेज कटाव के कारण 30 से ज्यादा मकान गंगा में समा गए. हालात की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ.नवल किशोर चौधरी लगातार घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं. आपदा में राहत और मरम्मत का काम जारी है. जेसीबी मशीनों से मिट्टी डालकर स्लोप तैयार किया जा रहा है, साथ ही जियो बैग और कटे हुए पेड़ पानी में डाले जा रहे हैं ताकि बांध को मजबूती दी जा सके. जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ की बोट से कटाव स्थल का जायजा लिया और अधिकारियों को तेजी व मजबूती से काम करने का निर्देश दिया. बांध पर बसे हजारों लोगों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. पीड़ितों के लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. फिलहाल बांध को अस्थायी रूप से दुरुस्त कर लिया गया है और पानी की स्थिति स्थिर है.

रोहतास में वाटर फॉल का दिखा रौद्र रूप

रोहतास जिले के पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण झरनों में उफान आ गया है. तिलौथू थाना क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी से निकलने वाला तुतला भवानी वाटरफॉल इन दिनों अपने रौद्र रूप में नजर आ रहा है. रात भर हुई लगातार बारिश से वाटरफॉल का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे पानी का बहाव अत्यंत तेज हो गया है. वन विभाग ने एहतियातन तुतला भवानी, कशिश झरना और मांझर कुंड जैसे प्रमुख वाटरफॉल के आसपास पर्यटकों के जाने पर रोक लगा दी है.

मौके पर देखा गया कि पहाड़ से पानी अत्यधिक वेग से नीचे गिर रहा है, जो एक विहंगम लेकिन खतरनाक नजारा पेश कर रहा है. फिलहाल यहां आने वाले सैलानियों को रोक दिया गया है और सलाह दी गई है कि वे स्थिति सामान्य होने तक वाटरफॉल के पास न जाएं. तुतला भवानी, कशिश और मांझर कुंड झरनों पर सामान्य दिनों में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है. लोग यहां परिवार संग घूमने और पिकनिक मनाने आते हैं, लेकिन बरसात में जलधारा का वेग कई गुना बढ़ जाता है, जिससे फंसने या बहाव में बहने का खतरा बढ़ जाता है. 

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