
- प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना घोषणापत्र तैयार कर लिया है.
- सूत्रों के अनुसार घोषणापत्र में सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता दी गई है.
- पार्टी ने भ्रष्टाचार समाप्त करने, सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने और हर परिवार को रोजगार देने का वादा किया है.
Jan Suraj Manifesto For Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने अपना घोषणा पत्र तैयार कर लिया है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घोषणा पत्र जल्द की जाएगी. बताया गया कि 'जन सुराज पार्टी' ने अपने घोषणापत्र में बिहार की राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन की बात कही गई है. पार्टी ने इसे केवल चुनावी वादा नहीं बल्कि "जनता के फैसले और भागीदारी पर आधारित शासन-मॉडल" बताया है. घोषणापत्र में सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, गरीबी-उन्मूलन और पारदर्शी राजनीति को केंद्र में रखा गया है.
घोषणापत्र में कहा गया है कि आजादी के 75 साल बाद भी बिहार बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. इसलिए जन सुराज पार्टी सत्ता परिवर्तन नहीं, "व्यवस्था परिवर्तन" की बात कर रही है. पार्टी का दावा है कि सरकार जनता की नहीं बल्कि नेताओं और ठेकेदारों की बन गई है जिसे अब जनता के हाथों में वापस सौंपना होगा.
बिहार चुनावः जन सुराज की घोषणापत्र के अहम प्वाइंट
- नया राजनीतिक मॉडल – जनता के सुझावों और जनभागीदारी से सरकार चलाने की घोषणा.
- सुशासन की नई परिभाषा– भ्रष्टाचार समाप्त करने और शासन में पारदर्शिता लागू करने पर जोर.
- शिक्षा क्रांति– सरकारी स्कूलों को प्राइवेट के मुकाबले बेहतर बनाने का वादा.
- रोज़गार की गारंटी – हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार या आजीविका-सहायता.
- स्वास्थ्य-सुधार योजना – हर पंचायत में क्लिनिक और हर जिला में सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल.
- किसानों को अधिकार– न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कृषि-आधारित उद्योगों का विकास.
- महिलाओं का सशक्तिकरण - शिक्षा, सुरक्षा और आर्थिक-स्वतंत्रता पर विशेष ध्यान.
- स्वच्छ प्रशासन - जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर विकास-आधारित राजनीति का लक्ष्य.
- युवाओं की नेतृत्व में भागीदारी - राजनीति में योग्यता-आधारित चयन की व्यवस्था.
- स्थायी विकास पर फोकस, उद्योग, शिक्षा, खेल, ग्रामीण विकास और डिजिटल इकोनॉमी का विस्तार.
पार्टी ने घोषणा पत्र को बताया जनता का दस्तावेज
घोषणापत्र में पार्टी ने साफ कहा है कि बिहार की गरीबी, बेरोज़गारी और पलायन को केवल भाषण से नहीं बल्कि स्पष्ट नीति और कड़े प्रशासनिक बदलाव से खत्म किया जा सकता है. 'जन सुराज पार्टी' ने अपने घोषणापत्र को “जनता का दस्तावेज” बताते हुए दावा किया है कि इसमें हर वर्ग की भावनाओं को शामिल किया गया है, चाहे वे किसान हों या फिर मजदूर, युवा, महिलाएं, व्यापारी या सरकारी कर्मचारी.
घोषणा पत्र में लिखा- पार्टी धर्म या जाति की राजनीति को नहीं मानती
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह की धर्म या जाति पर आधारित राजनीति को अस्वीकार करती है और “काम की राजनीति” को बढ़ावा देगी. घोषणापत्र के अनुसार, बिहार में नई राजनीति की शुरुआत का समय आ गया है जहां नेता नहीं, जनता निर्णय करेगी.
यह घोषणापत्र जारी करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की तकदीर तभी बदलेगी जब जनता अपने अधिकारों को समझे और राजनीति में सीधे भागीदारी निभाए. जन सुराज का लक्ष्य है,“बदलाव की सरकार, जनता के साथ.”
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