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बिहार चुनाव: महाराजगंज में क्‍या राजद खोल पाएगा खाता या जेडीयू मार ले जाएगी बाजी, समझ लीजिए पूरा समीकरण

बिहार के सिवान जिले में स्थित महाराजगंज विधानसभा में इस बार मुख्‍य मुकाबला जेडीयू के हेम नारायण साह और आरजेडी के विशाल जायसवाल के बीच है. 

बिहार चुनाव: महाराजगंज में क्‍या राजद खोल पाएगा खाता या जेडीयू मार ले जाएगी बाजी, समझ लीजिए पूरा समीकरण

बिहार के सिवान जिले में स्थित महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र राज्य की राजनीति में एक विशेष पहचान रखता है. यह क्षेत्र महाराजगंज लोकसभा सीट का हिस्सा है और अपने गठन (1951) से लेकर अब तक राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था के कई उतार-चढ़ाव का साक्षी रहा है. दिलचस्प बात यह है कि अब तक इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक भी जीत नहीं मिल सकी है. 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू की जीत का सिलसिला टूट गया. दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने यहां प्रत्याशी उतारकर समीकरण बिगाड़ दिए. लोजपा ने वोट काटे और इसका सीधा नुकसान जेडीयू को हुआ, जिससे यह सीट उसके हाथ से निकल गई. इस बार मुख्‍य मुकाबला जेडीयू के हेम नारायण साह और आरजेडी के विशाल जायसवाल के बीच है. 

क्‍या हैं महाराजगंज के चुनावी मुद्दे?

महाराजगंज क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण और कृषि प्रधान है. यहां की भूमि समतल और अत्यंत उपजाऊ है, जो धान, गेहूं और गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है. महाराजगंज से लगभग 36 किलोमीटर दूर बहने वाली गंडक नदी आसपास के गांवों की सिंचाई व्यवस्था की रीढ़ है. इसके अलावा यहां चावल मिलें, ईंट भट्ठे और कुछ छोटे उद्योग स्थानीय लोगों को रोजगार देते हैं और अर्थव्यवस्था को सहारा प्रदान करते हैं.

महाराजगंज अनुमंडल का नगर क्षेत्र आसपास के ग्रामीण इलाकों के लिए व्यापारिक केंद्र के रूप में कार्य करता है. यह क्षेत्र सिवान, छपरा और गोपालगंज से अच्छी तरह जुड़ा है. राज्य की राजधानी पटना से इसकी दूरी लगभग 133 किलोमीटर है, जिससे यह प्रशासनिक और वाणिज्यिक दृष्टि से भी रणनीतिक महत्व रखता है. महाराजगंज में आज भी कृषि, सड़क, सिंचाई और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दे चुनावी एजेंडे में सबसे आगे हैं.

कब-क‍ब किस पार्टी के खाते में गई सीट?

महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं. इस सीट का इतिहास बताता है कि यहां सत्ता में बार-बार परिवर्तन हुआ है, लेकिन कुछ दलों का प्रभाव लगातार बना रहा. जनता दल (यूनाइटेड) ने अब तक 5 बार जीत दर्ज की है, जिसमें 2000 में समता पार्टी के नाम से मिली एक जीत भी शामिल है. कांग्रेस और जनता पार्टी ने 3-3 बार यह सीट जीती है. इसके अलावा, जनता दल को दो बार सफलता मिली. किसान मजदूर प्रजा पार्टी, स्वतंत्र पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय क्रांति दल ने एक-एक बार जीत दर्ज की.

यादव, महतो समेत इन जातियों के वोट अहम 

2024 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या 5,25,485 है, जिसमें पुरुष 2,69,376 और महिलाएं 2,56,109 हैं. वहीं, कुल मतदाताओं की संख्या 3,15,954 है. इसमें 1,63,771 पुरुष और 1,52,183 महिलाएं हैं. यहां के मतदाता मुख्य रूप से ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, शहरी मतदाता केवल 5.91 प्रतिशत हैं. इस क्षेत्र में यादव, महतो, अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं की उपस्थिति निर्णायक है. 

 

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