
- बिहार में कांग्रेस ने महागठबंधन में 75 सीटों की मांग रखी है. जबकि आरजेडी ने उसे करीब 54 सीटों का ऑफर दिया है.
- आज नई दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो रही है. जहां कांग्रेस अपने प्रत्याशी तय करेगी.
- बताया जा रहा है कि दबाव की राजनीति का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस 75 उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करेगी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा किए अभी केवल दो दिन ही हुए हैं और महागठबंधन की लगभग सभी पार्टियां अधिक से अधिक सीटें पाने की होड़ में लगी हैं. महागठबंधन के सदस्य दलों के साथ सीटों के बंटवारे की बातचीत के बीच आज कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने वाली है. एनडीटीवी के सूत्रों के मुताबिक बिहार में कांग्रेस ने महागठबंधन में 75 सीटों की मांग रखी है. जबकि आरजेडी ने उसे करीब 54 सीटों का ऑफर दिया है.
बताया जा रहा है कि नई दिल्ली में हो रही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करेगी, साथ ही वह आरजेडी के प्रस्तावित 54 सीटों की जगह अपनी मांग के मुताबिक 75 सीटों पर उम्मीदवारों की चर्चा करेगी.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कई सीटों पर बातचीत जारी है लेकिन अनिश्चितता के कारण तैयारी अधूरी ना रहे इस वजह से सीईसी में अधिक सीटों पर चर्चा की जाएगी.
जानकारों के मुताबिक आरजेडी के प्रस्ताव से अधिक सीटों पर सीईसी में चर्चा कर कांग्रेस दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. बता दें कि 2020 में हुए बिहार चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे.

कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नामों का होगा फैसला
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प्रत्याशियों के नामों पर लगेगी मुहर
कांग्रेस के बिहार चुनाव प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद की मौजूदगी में प्रत्याशियों के नामों की एक सूची तैयार की गई है. बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में इन पर गहन चर्चा की जाएगी और इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा.
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में राहुल गांधी मौजूद होंगे. वहीं यह भी बताया जा रहा है कि बीते हफ्ते तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस बैठक में शामिल होंगे. 30 सितंबर की रात बुखार, थकान और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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बिहार में बड़े भाई की भूमिका में तेजस्वी
कांग्रेस बिहार चुनाव में अपना पूरा जोर लगा रही है. यही वजह कि कांग्रेस ने अगस्त के महीने के 16 दिनों तक बिहार में राहुल गांधी के नेतृत्व में 1300 किलोमीटर की वोट अधिकार यात्रा की थी. इसकी शुरुआत तेजस्वी यादव के साथ राहुल गांधी ने सासाराम में एक खुले जीप की सवारी के साथ की थी.
उस दौरान राहुल गांधी अपने हाथ हिलाकर भीड़ का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे तो तेजस्वी ने जीप की कमान संभाली थी. इसके साथ ही यह संकेत मिल गया था कि बिहार चुनाव के दौरान महागठबंधन में में तेजस्वी बड़े भाई की भूमिका निभाएंगे. हालांकि कांग्रेस इस पर चुप रही और महागठबंधन के नेतृत्व को लेकर उसने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कभी नहीं की.
वहीं तेजस्वी ने साफ तौर पर यह संकेत दिया कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन का राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर रही है, पर बिहार में आरजेडी ही वरिष्ठ साझेदार पार्टी होगी.

तेजस्वी कांग्रेस को क्यों कम सीटें देने पर आमदा?
2020 में 70 सीटें मिलने के बावजूद कांग्रेस केवल 19 सीटें ही जीत सकी थी. कांग्रेस के 27.14% के स्ट्राइक रेट की वजह से ही महागठबंधन की कुल सीटों पर असर पड़ा था, जबकि आरजेडी 75 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. कांग्रेस एक बार फिर उतनी ही सीटों पर चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है, पर आरजेडी उतने पर राजी नहीं हो रही है.
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बिहार की 40 में से 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. बताया जा रहा है कि उसी अनुपात के आधार पर आरजेडी ने कांग्रेस को 54 सीटों का प्रस्ताव दिया है.
बिहार में विधानसभा चुनाव 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे.
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