- बिहार चुनाव में एनडीए ने बहुमत से ऊपर सीटें जीत कर सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं
- बीजेपी और जेडीयू के बीच सबसे बड़ी पार्टी बनने की कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है, दोनों के लगभग बराबर सीटें हैं
- राजद पिछली बार के मुकाबले सीटों में कमी के साथ पीछे है और कांग्रेस का प्रदर्शन भी कमजोर है
Bihar Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए रुझानों में बहुमत को पार कर गई है और सरकार बनाने की ओर है. अब सबकी निगाहें इस बात पर है कि कौन सबसे बड़ी पार्टी बनेगी. दिलचस्प है कि बड़ा भाई कौन बनेगा, इसको लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच ही गजब रेस चल रही है. रुझानों में 11.30 बजे के अपडेट्स की बात करें तो बीजेपी और जेडीयू का स्कोर 84-76 पर दिख रहा है. आरजेडी 35 सीटों के साथ काफी पीछे छूटती नजर आ रही है. पिछली बार आरजेडी 74 और बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं.
दोनों बराबर सीटों पर लड़ी थीं
बिहार चुनाव में इस बार बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही थीं. बीजेपी ने पिछली बार बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद गठबंधन में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को एडजस्ट करने के लिए अपनी सीटें घटाई थीं. पिछली बार जेडीयू महज 43 सीटों पर जीती थी. चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की पार्टी की सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसका नुकसान जेडीयू को उठाना पड़ा था.
बिहार में फिर से नीतीश सरकार, 10वीं बार लेंगे सीएम पद की शपथ!
बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार कायम रहने के संकेतों के बीच यह सवाल भी फिर उभरने लगा है कि क्या नीतीश कुमार ही फिर से मुख्यमंत्री होंगे. जेडीयू के दमदार प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि वो इस मुद्दे पर शायद ही कोई समझौता करे. हालांकि एनडीए ने भी विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण आते आते यह साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही नई सरकार का चेहरा होंगे. नीतीश कुमार अगर सीएम बनते हैं तो वो 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वर्ष 2005 से लगातार ही वो मुख्यमंत्री पद पर हैं.
महागठबंधन को भारी पड़ी महाभारत
महागठबंधन को चुनाव में अंदरूनी महाभारत भारी पड़ी या नीतीश सरकार ने आखिरी वक्त में मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए महिलाओं को 10 हजार, 125 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे जो ऐलान किए, उससे वो बड़ी हद तक जनता की नाराजगी कम करने में कामयाब रही. तेजस्वी यादव ने भी महिलाओं को एकमुश्त 30 हजार देने और प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी देने का बड़ा दांव खेला, लेकिन विपक्ष में रहते उनके वादों पर जमीनी स्तर पर सरकार की रेवड़ियां जनता को ज्यादा पसंद आईं.
बीजेपी और जेडीयू की सुनामी
बीजेपी और जेडीयू विपक्षी दलों के बड़े सफाये की ओर बढ़ रही है. बिहार चुनाव में सवर्ण वोटों का उसकी तरफ झुकाव रहा है. वहीं अति पिछड़ा वर्ग के वोटों पर जेडीयू की पकड़ रही है. दोनों दलों में काडर वोटों का ट्रांसफर भी बेहतर तरीके से होता रहा है. उधर, महागठबंधन को कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन से झटका लगा है. राजद सिर्फ 41 सीटों पर आगे है. जबकि कांग्रेस सिर्फ 7 सीटों पर सिमटती दिख रही है, जबकि पिछली बार उसने 19 सीटें जीती थीं.
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