
- नवादा विधानसभा सीट पर पति-पत्नी जितेंद्र प्रताप और सुमन कुमारी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं
- जितेंद्र प्रताप की पहचान ब्लड डोनर के रूप में है और वे जाति धर्म बिना मदद करते हैं
- जितेंद्र प्रताप बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक रह चुके हैं और उन पर दंगा भड़काने के आरोप हैं
बिहार चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. पहले चरण के तहत नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. इस बार का चुनाव महागठबंधन और एनडीए के बीच आपसी खींचतान के साथ-साथ उन उम्मीदवारों की वजह से भी खास है जो चुनाव में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. नवादा विधानसभा सीट पर भी दो ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने लोगों का ध्यान खींचा है. ये दोनों उम्मीदवार पति-पत्नी हैं. पति का नाम जितेंद्र प्रताप जीतू और पत्नी का नाम सुमन कुमारी उर्फ सुमन त्यागी है. हैरानी की बात ये है कि ये पति-पत्नी किसी दल से नहीं,बल्कि निर्दलीय मैदान में उतरे हैं. ये किसी सियासी घराने से भी नहीं हैं. और नही आर्थिक स्थिति मजबूत है फिर भी सियासत के मैदान में दोनों अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
पति की चूड़ी की दुकान, पत्नी गृहिणी
नवादा शहर के मृदहटोली निवासी जितेन्द्र प्रताप मामूली परिवार से आते हैं. जितेंद्र प्रताप की चूड़ी की दुकान है, जिससे परिवार की जीविका चलती है. जबकि पत्नी सुमन त्यागी गृहिणी हैं. वह परिवार को संभालती हैं. हालांकि जितेन्द्र से अधिक पढ़ी लिखी उनकी पत्नी हैं. जितेन्द्र नन मैट्रिक अष्टम पास हैं. जबकि उनकी पत्नी इंटरमीडिएट हैं. जितेन्द्र के पास संपति के नाम पर सिर्फ एक बुलेट गाड़ी है. जबकि उनकी पत्नी के नाम पर सिर्फ मकान.सुमन के हाथ में कैश डेढ लाख रूपए नगद है. जबकि खाते में 25 हजार रूपए हैं. सुमन के जिम्मे 60 ग्राम सोना है. सुमन के पास कुल साढ़े सात लाख की संपति है जबकि जितेन्द्र के पास साढ़े सात लाख की संपति है. 50 ग्राम सोना है और 12 हजार रूपए बैंक बैलेंस है.
ब्लड डोनर के नाम से मशहूर हैं जितेंद्र
आपको बता दें कि जितेंद्र की पहचान जिले में एक ब्लड डोनर के रूप में रही है. वे लंबे समय से जरूरत मंदों को ब्लड डोनेट करते और करवाते रहे हैं. ब्लड डोनेट करनेवालों का ग्रुप चलाते हैं, जिसके जरिए नवादा और नवादा से बाहर के लोगों को मदद पहुंचाते रहे हैं. लेकिन इस दफा चुनाव मैदान में हैं. जितेंद्र कहते हैं कि ब्लड डोनेशन जब करते हैं तब जाति धर्म देखकर नही करते. इसलिए लोग उन्हें मदद करेंगे. जहां तक पत्नी का चुनाव लड़ने की बात है तो वह उसकी मर्जी है. जबकि पत्नी सुमन ने कहा कि लोकतंत्र में सब चुनाव लड़ सकता है.
दंगा भड़काने के आरोपी रहे हैं जितेन्द्र प्रताप
जितेन्द्र प्रताप जीतू नवादा जिला बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक रहे हैं. छत्रपति शिवाजी संस्थान के सचिव हैं. जितेन्द्र पर दंगा भड़काने का आरोप है. जितेंद्र प्रसाद ने अपने हलफनामा में तीन मुकदमा का जिक्र किया है. जितेंद्र पर दंगा भड़काने का आरोप है. पुलिस से रायफल छिनने जैसा आरोप है. और एक चेक बांउस का मुकदमा भी है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि मुकदमा के कारण जितेंद्र दंपति साथ में चुनाव उतरे हैं ताकि पति के रदद होने की स्थिति में पत्नी सियासी मैदान में डटी रहें. बहरहाल, कारण जो भी हो लेकिन पति पत्नी के एक साथ चुनाव मैदान में उतरने से मामला रोचक हो गया है.
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