
- बिहार चुनाव में RJD और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है
- कांग्रेस के अशोक गहलोत ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात कर महागठबंधन में एकजुटता की बात कही है
- महागठबंधन की ओर से गुरुवार को एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीट बंटवारे और स्थिति को स्पष्ट किया जाएगा
महागठबंधन में पड़ी सीटों की गांठ को सुलझाने के लिए बुधवार को कांग्रेस ने अपने 'जादूगर' को भेजा. बंद कमरे की जो तस्वीर सामने आई, उससे काफी कुछ बयां हो गया. लालू सेंटर में हैं. तेजस्वी किनारे हैं. जाहिर है फैसला लालू कर रहे हैं. बड़ा सवाल यह कि कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत सीटों के मोलभाव के माहिर खिलाड़ी लालू पर कितना जादू चला पाए हैं? दरअसल बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक बात नहीं बन पाई है. इस गतिरोध को दूर करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस और RJD के बीच अब बात बन गई है. हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर क्या कुछ बात हुई इसे लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. गुरुवार को महागठबंधन एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही है. इसमें असली पिक्चर सामने आएगी.
लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के साथ बैठक करने के बाद अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट भी साझा किया. इस पोस्ट में उन्होंने कहा लिखा कि आज AICC बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के साथ लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ बेहद सकारात्मक मुलाकात हुई. बिहार में इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है एवं मजबूती से चुनाव लड़ रहा है. कल (गुरुवार को) महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. बिहार में भाजपा द्वारा महागठबंधन में फूट डालने एवं माहौल खराब करने के उद्देश्य से प्रायोजित कैंपेन चलाया गया. ऐसा माहौल बना दिया गया जैसे महागठबंधन में आपस में फूट डल गई है.

243 सीटों में 5-7 सीटों पर स्थानीय नेताओं एवं समीकरणों के कारण कई बार फ्रेंड्ली फाइट जैसी परिस्थिति बन जाती है. यह बहुत छोटी संख्या है परन्तु इसे लेकर मीडिया में महागठबंधन के खिलाफ कैंपेन चला दिया गया जबकि असलियत में कोई भी परेशानी नहीं है. बिहार अब बदलाव चाहता है एवं पूरे बिहार की जनता समझ रही है कि प्रदेश में इंडिया गठबंधन की जीत देश एवं प्रदेश के हित में है.
उधर, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें गठबंधन सहयोगी के साथ सीट बंटवारे को लेकर उत्पन्न तनाव को दूर करने का जिम्मा सौंपा है. सीट बंटवारे पर पूरी तरह सहमति नहीं बनने से बिहार में विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है. बैठक के बाद गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे अहम राज्य में हार के बाद बिहार का चुनाव विपक्षी गठबंधन के लिए “बेहद महत्वपूर्ण” है. हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए तैयार है, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि आप मुझसे इस तरह की घोषणा क्यों करवाना चाहते हैं?
आज AICC बिहार प्रभारी श्री @Allavaru के साथ श्री @laluprasadrjd एवं श्री @yadavtejashwi के साथ बेहद सकारात्मक मुलाकात हुई। बिहार में इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है एवं मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। कल महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 22, 2025
बिहार में भाजपा… pic.twitter.com/TvPkY2UHA6
अशोक गहलोत ने कहा कि आपने दो महीने पहले ‘वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान (कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष) राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘कैमिस्ट्री' देखी थी, जब दोनों नेताओं ने राज्य भर में साथ यात्रा की थी. वे उपयुक्त समय पर उपयुक्त निर्णय लेंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से तेजस्वी यादव को औपचारिक समर्थन न मिलने से राजद में असंतोष है. हालांकि वह “तेजस्वी सरकार” के नारे के साथ चुनावी अभियान चला रहे हैं.
बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से राजद 143 और कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि, कम से कम पांच सीटों पर दोनों दलों के बीच ‘दोस्ताना मुकाबला' होने जा रहा है. वहीं, तीन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से भी मुकाबला करेंगे.
अशोक गहलोत ने पटना हवाई अड्डे पर आगमन के समय कहा था कि “पांच-दस सीटों पर दोस्ताना मुकाबला कोई बड़ी बात नहीं है. लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तक सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे. हालांकि, इनमें से पांच सीटें पहले चरण के चुनाव में आती हैं, जिनके लिए नाम वापसी की समय सीमा सोमवार को समाप्त हो चुकी है.
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