बीजेपी ने तेजस्वी यादव को नमाजवादी बताया
- तेजस्वी यादव की वक्फ कानून पर टिप्पणी पर बीजेपी हमलावर.
- बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तेजस्वी यादव पर सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाया.
- बीजेपी ने कहा आरजेडी मुस्लिम वोटों को रिझाने के लिए वक्फ कानून खत्म करने की योजना बना रही है.
- तेजस्वी यादव ने वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने की बात कही थी.
रविवार को पटना के गांधी मैदान में मुसलमानों का बड़ा हुजूम मौजूद था और वहीं मौजूद थे तेजस्वी यादव. वक्फ कानून को लेकर NDA सरकार को घेरा जा रहा था. तब शायद तेजस्वी को भी अंदाजा रहा होगा कि वो जो कर रहे हैं और जो बोल रहे हैं BJP उसे नया मोड़ देगी- ध्रुवीकरण वाला मोड़. बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तेजस्वी पर दोरदार हमला किया और कहा- ‘इस देश को इस्लामिक मुल्क बनाने का प्रयास हो रहा है. ये शरिया कानून लागू करना चाहते हैं. मौलाना तेजस्वी यादव संविधान को जानते नहीं है.
शरिया और हलाला पसंद
गौरव भाटिया ने कहा आरजेडी बिहार में अगले 50 साल सत्ता में आने वाली नहीं है. हमारे लिए अंबेडकर जी पूजनीय है. तेजस्वी यादव और लालू यादव सांप्रदायिक राजनीति करते हैं. हिन्दू और मुस्लिम राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी का हमला बड़ा होकर शरिया और हलाला तक भी पहुंचा. गौरव भाटिया ने कहा कि तेजस्वी और उनकी पार्टी को शरिया और हलाला पसंद है.
मुस्लिम वोटों को रिझाने में लगी आरजेडी
दरअसल, रविवार को पटना में तेजस्वी यादव ने नए वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने की बात की थी. तेजस्वी के बयान के बाद से बीजेपी हमलावर है और लगातार उन्हें नमाजवादी बता रही है. पटना के गांधी मैदान में वक्फ बचाओ संविधान बचाओ रैली में तेजस्वी यादव ने जो कुछ कहा, उससे साफ है कि मुस्लिम वोटों को रिझाने के लिए आरजेडी फ्रंट फुट पर खेलेगा. आरजेडी मुस्लिम वोटों में कोई बंटरबांट नहीं चाहता और उनको पूरी तरह रिझाने के लिए वक्फ कानून खत्म करने का दांव चल दिया है. आरजेडी अपने कोर माई समीकरण को एकमुस्त रखना चाहता है जिसमें 18 फीसदी मुस्लिम वोट काफी अहम हो जाता है.
तेजस्वी के ‘कूडेदान' वाले तेवर बता रहे हैं कि वो मुसलमानों के लिए अपनी जगह वैसी ही बनाना चाहते हैं, जैसी 1990 में आडवाणी की राम रथ यात्रा रोककर उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने बनायी थी. हां, ये भी हकीकत है कि तेजस्वी ने अगर मुस्लिम वोटों को एकजुट करने के लिए वक्फ कानून हटाने वाला दांव चला है तो बीजेपी ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड दिया। लेकिन दिलचस्प ये कि RJD और बीजेपी के दांव में JDU की मुश्किलें बढ गई हैं. पार्टी बीजेपी का ना खुलकर समर्थन कर पा रही है और ना ही खुलकर विरोध. इस बीच एक सवाल कांग्रेस के सामने भी है कि जिन अल्पसंख्यकों के वोट पर उसकी नजर थी, क्या उसे तेजस्वी अकेले ले उड़ेंगे.
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