- समस्तीपुर के सरायरंजन क्षेत्र में सड़क किनारे भारी संख्या में वीवीपैट पर्चियां कचरे के ढेर में मिलीं हैं
- आयोग ने इन पर्चियों को मॉक पोल के दौरान निकली पर्चियां बताते हुए सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया है
- चुनाव आयोग ने FIR के निर्देश दिए हैं. डीएम मौके पर जांच में जुटे हैं. इस क्षेत्र में 6 नवंबर को मतदान हुआ था
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच समस्तीपुर में शनिवार को चौंकाने वाली घटना सामने आई. यहां भारी संख्या में वीवीपैट मशीन से निकली पर्चियां कचरे के ढेर में मिली हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में 6 नवंबर को ही मतदान हुआ था. वीवीपैट की पर्चियों के ढेर मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया. आरजेडी ने इसे लोकतंत्र की डकैती करार देते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. चुनाव आयोग ने इन्हें मॉक पोल की पर्चियां बताया है और त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर(एआरओ) को निलंबित कर दिया है. एफआईआर भी दर्ज की जा रही है.

सरायरंजन में मिलीं पर्चियां, RJD हमलावर
आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी हुई मिली हैं. आरजेडी ने सवाल उठाया कि कब, कैसे, क्यों और किसके इशारे पर इन पर्चियों को फेंका गया? आरजेडी ने चुनाव आयोग को 'चोर' बताते हुए सवाल किया कि क्या वह इसका जवाब देगा?
सड़क किनारे मिले EVM पर्चियों के ढेर
सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें सड़क किनारे बिखरी वीवीपैट पर्चियों के ढेर साफ दिख रहे हैं. हालांकि NDTV वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता. सड़क किनारे कचरे के ढेर में वीवीपैट की पर्चियां मिलने की खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई.
डीएम, अधिकारी मौके पर पहुंचे
जिला निर्वाचन पदाधिकारी और समस्तीपुर के डीएम रोशन कुशवाहा खुद मौके पर पहुंच गए. उनके साथ अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल भी था. जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी रजनीश राय ने दावा किया कि यह मॉक पोल की पर्चियां हैं, जो मतदान से पहले ईवीएम के परीक्षण के दौरान निकलती हैं.
एक अधिकारी सस्पेंड, FIR के निर्देश
इस गंभीर मामले पर केंद्रीय चुनाव आयोग का भी बयान आया है. कहा गया कि समस्तीपुर के डीएम को घटनास्थल का दौरा कर जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया गया है. चूंकि ये मॉक पोल की वीवीपीएटी पर्चियां हैं, ऐसे में मतदान प्रक्रिया की अखंडता पर कोई समझौता नहीं हुआ है. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी डीएम की ओर से सूचित कर दिया गया है. लापरवाही के लिए संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर(एआरओ) को निलंबित किया जा रहा है और एफआईआर भी दर्ज की जा रही है.
लापरवाही या साजिश? उठ रहे सवाल
बहरहाल, प्रशासन की सफाई के बावजूद इस घटना पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि कि अगर ये वाकई मॉक पोल की पर्चियां हैं तो कूड़े में क्यों फेंक दी गईं? इन्हें निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके नष्ट क्यों नहीं किया गया? स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. कुछ लोगों का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं