
- सिवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण और स्थानीय राजनीति का प्रभाव रहा है
- 2020 के चुनाव में राजद के हरिशंकर यादव ने लोजपा के मनोज कुमार सिंह को लगभग सत्रह हजार वोटों से हराया
- यादव, राजपूत, भूमिहार और मुसलमान इस विधानसभा क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली सामाजिक वर्ग माने जाते हैं
सिवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में उन सीटों में से है जहां जातीय समीकरण और स्थानीय नेतृत्व दोनों ही बराबर असर रखते हैं. यह सीट सिवान लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है और ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस से लेकर राजद तक कई दलों की सियासी यात्रा का गवाह रही है. 1951 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के राम नंदन यादव ने यहां जीत दर्ज की थी, जबकि 2020 में इस सीट पर आरजेडी के हरिशंकर यादव ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर अपनी राजनीतिक पकड़ को और मजबूत किया.
2020 के विधानसभा चुनाव में हरिशंकर यादव ने लोजपा (LJP) के मनोज कुमार सिंह को 17,965 वोटों के अंतर से हराया. हरिशंकर को 67,757 वोट मिले जबकि मनोज कुमार सिंह को 49,792 वोट हासिल हुए. इस जीत के साथ राजद ने यह साबित कर दिया कि रघुनाथपुर में उसका जनाधार अब भी अडिग है.
रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति पूरी तरह सामाजिक समीकरणों से जुड़ी है. यादव, राजपूत, भूमिहार और मुसलमान मतदाता यहां के सबसे प्रभावशाली वर्ग हैं. 2015 में पहली बार हरिशंकर यादव ने यह सीट जीती थी और तब से उन्होंने स्थानीय स्तर पर लगातार संगठन को मजबूत किया है. सड़कों, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर सक्रियता ने उन्हें जनता के बीच एक भरोसेमंद नेता के रूप में स्थापित किया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 का विधानसभा चुनाव रघुनाथपुर में दिलचस्प रहेगा. आरजेडी जहां अपनी तीसरी जीत की कोशिश में है, वहीं एनडीए के घटक दल इस सीट पर नया समीकरण बनाकर मुकाबला कड़ा करने की तैयारी में हैं.
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