
- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बेगूसराय की सातों विधानसभा सीटें राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनी हुई हैं
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बेगूसराय में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आने वाले हैं
- तेजस्वी यादव बेगूसराय के मटिहानी क्षेत्र में जदयू के पूर्व विधायक बोगो सिंह को राजद में शामिल करा रहे हैं
बिहार विधानसभा चुनाव होने में अभी भले कुछ महीनों का समय हो लेकिन इसे लेकर सियासी पारा अभी से चढ़ने लगा है. आगामी चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेता समय-समय पर बिहार का दौरा भी करने लगे हैं. तमाम दल अभी से ही जनता तक अपनी बात पहुंचाने और आगामी चुनाव में उनके वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में लगे हैं. इस बार के चुनाव में बिहार की कई सीटों पर मुकाबला बेहद रोमाचंक होने वाला है. ऐसी ही एक सीट है बेगूसराय की. बेगूसराय की करें तो यहां के सातों विधानसभा सीट हॉट सीट बना हुआ है. इन सातों सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए नेता कदमताल कर रहे हैं, जिसका परिणाम है की गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जहां पटना और मुंगेर प्रमंडल के सभी जिलों के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करने बेगूसराय आ रहे हैं. अमित शाह से पहले पीएम मोदी भी बीते कुछ दिनों में बिहार का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने बिहार को लेकर कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की है.

आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बुधवार को ही बेगूसराय के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच चुके हैं. पूरब का लेनिनग्राद कहे जाने वाले बेगूसराय में अमित शाह का दौरा कई मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अमित शाह गुरुवार की दोपहर 2 बजे आईओसीएल के मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करने वाले हैं. वहीं तेजस्वी यादव भी गुरुवार को ही हासपुर गावं की यात्रा पर रहेंगे.
सियासी दांव पेच के माहिर माने जाने वाले अमित शाह का बेगूसराय मे मौजूद रहना कई मायने में महत्वपूर्ण हैं. इस बैठक में अमित शाह कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने वाले हैं. उधर, तेजस्वी यादव मटिहानी बिधानसभा के हांसपुर में जदयू के पूर्व बिधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह को राजद में शामिल होने की घोषणा करने वाले हैं. बोगो सिंह को राजद में शामिल करा कर तजस्वी यादव जदयू को हजार वोल्ट का झटका देने वाले हैं.
आपको बता दें कि बोगो सिंह की गिनती बिहार के दबंग नेताओ में होती है. पिछले चुनाव मे बोगो सिंह बहुत ही कम बोट के अंतर से चुनाव हारे थे और लोजपा के राजकुमार सिंह की जीत हुई थी. राजकुमार सिंह बाद में लोजपा को छोड़ कर जदयू में शामिल हो गए थे. जिसके बाद से ही दबंग की छवि रखने वाले बोगो सिंह नाराज होकर राजद की ओर अपना रूख किया. यहां आपको यह भी बताते चलें की पिछले चुनाव में इस सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से सीपीएम के राजेंद्र सिंह त्रिकोणीय मुकाबले मे बहुत कम अंतर से हारे थे.

ऐसे मे इस बार बोगो सिंह की इस सीट पर दाबेदारी महागठबंधन में दरार डाल सकती है. बोगो सिंह के राजद मे शामिल होने पर कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पहले ही अपना बिरोध दराज करा चुकी है. ऐसे में मटिहानी सीट से अगर बोगो सिंह को राजद उतारती है तो महागठबंधन की राजनीति मे इसका बुरा असर पड़ने वाला है. खास बात यह है की इस सीट पर चिराग पासवान की भी नजर है और वो यहां से अपना उम्मीदवार उतारना चाहते हैं.
ऐसा हुआ तो ये एनडीए के बीच मौजूद एकता की भी परीक्षा लेने जैसा होगा. क्योंकि यहां से राजकुमार सिंह के रूप में जदयू के बिधायक ताल ठोक रहे हैं. माना जाता है की राजकुमार सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी बनती है ऐसे में चिराग पासवान अगर इस सीट के लिए अपनी दाबेदारी पेश करते हैं तो महागठबंधन की तरह एनडीए में भी घमासान मचना तय है. ऐसा लगता है कि गृहमंत्री अमित साह बेगूसराय के दौरे पर इसका कोई तोड़ निकाले और और इसपर गहन मंथन करेंगे. एक तरह तेजस्वी यादव तो दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह का एक ही दिन बेगूसराय का दौरा कई मायनों में महत्पूर्ण है. अब देखना है की दोनों ही नेताओं के दौरे का बेगूसराय की सियासी समीकरण पर क्या असर पड़ता है.
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