विज्ञापन

बिहार में 25,000 करोड़ का निवेश करेगा अदाणी ग्रुप, जानिए कैसे बदलेगी एनर्जी सेक्‍टर की तस्‍वीर

इस परियोजना के तहत 800 मेगावाट की तीन अत्याधुनिक सुपर-क्रिटिकल तकनीक पर आधारित यूनिट्स लगाई जाएंगी. इस तकनीक में कम कोयले का उपयोग होगा, जबकि अधिक बिजली पैदा होगी. बिहार सरकार अगले 33 वर्षों तक बेहद सस्‍ते दरों (6.08 रुपये/यूनिट) पर बिजली खरीदेगी.

बिहार में 25,000 करोड़ का निवेश करेगा अदाणी ग्रुप, जानिए कैसे बदलेगी एनर्जी सेक्‍टर की तस्‍वीर
  • बिहार में 2005 तक बिजली की आपूर्ति सीमित थी, लेकिन अब 22 से 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो रही है.
  • 2025 में बिहार की बिजली की खपत 8,752 मेगावाट पहुंच गई है, जो 2035 तक यह 17,000 मेगावाट पहुंचने का अनुमान है.
  • इस यात्रा का सहभागी बन रहा है अदाणी ग्रुप, जिसने थर्मल पावर प्रोजेक्‍ट के लिए 25,000 करोड़ का निवेश किया है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

बिहार में कभी बामुश्किल 6-7 घंटे बिजली मिला करती थी. वो लालटेन, लैंप, इमरजेंसी लाइट का जमाना था. ज्‍यादा पीछे जाने की बात नहीं है. 2005 से पहले तक यही हाल था, बिहार का. जेनरेटर कनेक्‍शन का एक अलग ही बिजनेस था. जो समृद्ध थे, उनके घरों में बैटरी-इन्‍वर्टर, महंगे सोलर सिस्‍टम जैसी व्‍यवस्‍थाएं होती थीं, लेकिन ज्‍यादातर लोग लालटेन-लैंप की मद्धम रोशनी में ही समय काट रहे होते थे. जो युवा आज 20-22 वर्ष की उम्र के हैं, वो शायद उस दौर की कल्‍पना भी न कर पाएं. 

लेकिन दो दशकों में स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं. अब 22 से 24 घंटे बिजली मिल रही है. घरों से लालटेन-लैंप गायब हो चुके हैं. सुदूर गांवों तक बिजली पहुंच गई हैं. जिस अंतिम व्‍यक्ति तक सरकारी योजनाएं और सुविधाएं पहुंचाने की बात कही जाती है, उसी तर्ज पर अंतिम घर तक बिजली कनेक्‍शन पहुंचाया जा रहा है. बिजली की खपत 12 गुना से ज्‍यादा बढ़ चुकी है. ये कहानी है बिहार के पावर सेक्‍टर की. 

बिहार में जिन योजनाओं को सरकार गेम चेंजर मान रही है, उनमें 125 यूनिट फ्री बिजली अहम है. इससे बिहार के 1 करोड़ 89 लाख यूजर्स को फायदा मिल रहा है. 1 करोड़ 67 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल जीरो हो गया है.  

बिहार की विकास यात्रा का सहभागी 

राज्‍य में बिजली की खपत 2005 में जहां 700 मेगावाट हुआ करती थी, वही 2025 में पीक के दौरान 8,752 मेगावाट हो चुकी है. केंद्र का अनुमान है कि अगले 10 वर्षों में यानी साल 2035 तक बिहार में बिजली की खपत 17,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी. पावर सेक्‍टर में बिहार की इसी विकास यात्रा का सहभागी बनने जा रहा है, अदाणी ग्रुप (Adani Group). 

एनर्जी सेक्‍टर में अग्रणी अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी पावर, भागलपुर के पीरपैंती में 25 हजार करोड़ से अधिक का निवेश कर रही है. बिहार सरकार की पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड और अदाणी पावर के बीच करार हो चुका है. अदाणी ग्रुप को 2400 मेगावाट की एक विशाल बिजली परियोजना स्थापित करने की अनुमति मिल गई है. इस थर्मल पॉवर प्लांट के शुरू होने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा. लोगों को उम्मीद है कि बदलाव की गति बरकरार रहेगी.  

कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं 

2005 में राज्‍य में जहां सिर्फ 17 लाख बिजली कनेक्शन थे, 2025 में उनकी संख्‍या 2.16 करोड़ पहुंच गई.  प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 2005 के 75 KWH से 5 गुना बढ़कर 2025 में 374 KWH हो गई है. 2005 में ट्रांसफार्मर की संख्या जहां केवल 35,746 थी, वो 2025 में 10 गुना बढ़कर 3.73 लाख हो गई है. 

आंकड़े बता रहे हैं कि ऊर्जा क्षेत्र में बिहार ने काफी तेजी से प्रगति की है. तभी ISRO की डीकेडल चेंज ऑफ नाइट टाइम लाइट की रिपोर्ट बताती है कि 2012 से 2021 तक बिहार के नाइट टाइम लाइट में 474% की बढ़ोतरी हुई. जो देश में सबसे ज्यादा थी, लेकिन ये सब करना इतना आसान नहीं था. बिहार की ये प्रगति बिना राजनीतिक इच्छाशक्ति के संभव नहीं थी. जाहिर तौर पर एनडीए की सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इसमें बड़ा योगदान है.  

ऊर्जा मंत्री बोले- एनर्जी का अहम रोल 

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गरीबी मिटाने के लिए एनर्जी सेक्‍टर को अहम बताया. उन्‍होंने कहा, 'दुनिया के तमाम अर्थशास्त्री मानते हैं कि आपको अगर गरीबी मिटानी है तो आपको दो चीज अवश्य करनी चाहिए कम्युनिकेशन और एनर्जी.  2005 में जब हमारी सरकार बनी, तब से हमने इस क्षेत्र में काम किया. इससे हालत बदले. 2005 में जब हम जाते थे तो हर जगह करोड़ की लागत से गलत सब स्टेशन के निर्माण का शिलान्यास होता था. 

बिहार ऊर्जा के क्षेत्र में अब नई नीतियां बना रहा है. रिन्यूएबल एनर्जी के सेक्टर में भी बिहार अब कदम बढ़ा रहा है. दरभंगा, सुपौल, कजरा के सोलर प्लांट इस बदलाव की कहानी कह रहे हैं. अब 1 लाख करोड़ के निवेश से औद्योगिक विकास और रोजगार की राह में भी बिहार आगे बढ़ रहा है.

ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, 'हमने अभी रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी लागू की है. इसे सबने सराहा है. हमें 6500 करोड़ के प्रपोजल आ चुके हैं. 60 लाख बीपीएल परिवारों के घरों में सोलर रूफटॉप लगाया जाएगा. अगले 5 वर्षों में एनर्जी सेक्टर में बिहार में 1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश होगा. प्राइवेट सेक्टर का हिस्सा 50 हजार करोड़ से अधिक का होगा. इससे बिहार का औद्योगिक विकास होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा. 

बिहार के इतिहास में सबसे बड़ा निवेश! 

जानकारों के मुताबिक, बिहार के इतिहास में ये अब तक का सबसे बड़ा निजी निवेश है. इस परियोजना के तहत 800 मेगावाट की तीन अत्याधुनिक सुपर-क्रिटिकल तकनीक पर आधारित यूनिट्स लगाई जाएंगी. इस तकनीक में कम कोयले का उपयोग होगा, जबकि अधिक बिजली पैदा होगी. बिहार सरकार अगले 33 वर्षों तक बेहद सस्‍ते दरों (6.08 रुपये/यूनिट) पर बिजली खरीदेगी. राज्‍य को सस्‍ती बिजली मिलेगी तो आम लोगों को भी फायदा मिलेगा. 2035 तक बिहार में बिजली की खपत 17 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है और ऐसे में पीरपैंती का ये पावर प्‍लांट महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com