
पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया से भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. यहां महिला सब-इंस्पेक्टर प्रीति कुमारी चर्चा में बनी हुई हैं. भ्रष्टाचार के मामले में उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं. दरअसल प्रीति कुमारी को विजलेंस विभाग ने दलाल अर्जुन सोनी के साथ 12 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी के अगले ही दिन एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने पूरे मामले को और सनसनीखेज बना दिया है.

वायरल ऑडियो ने मचाया बवाल
वायरल हो रही क्लिप में महिला दारोगा अपने दलाल से अंडरगार्मेंट मंगाने की बात करती सुनाई देती हैं. ये ऑडियो सामने आते ही मामला केवल भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि निजी आचरण और वर्दी की गरिमा पर भी गहरे सवाल खड़े हो गए हैं.
वायरल ऑडियो से एक दिन पहले हुई थी गिरफ्तारी
इससे पहले एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि, मुकदमे में मदद के एवज में महिला दारोगा ने 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. 12 हजार रुपये में तय हुआ. इसके बाद विजिलेंस की टीम ने ट्रैप ऑपरेशन चलाकर महिला दारोगा और दलाल अर्जुन सोनी को पकड़ लिया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया और फिर मुजफ्फरपुर जेल भेज दिया. विजिलेंस ने उनके आवास पर छापा मारकर रुपयों के साथ कई दस्तावेज भी बरामद किए.
सोशल मीडिया पर गुस्सा
सोशल मीडिया पर लोग खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि, “क्या पुलिस अब दलालों से सौदे करेगी? सिर्फ गिरफ्तारी काफी है या बर्खास्तगी भी जरूरी है? जनता की रखवाली करने वाले ही भरोसा तोड़ेंगे तो सिस्टम पर कौन भरोसा करेगा?”
बड़ा सवाल — सिस्टम पर धब्बा
यह मामला अब बिहार पुलिस की छवि पर सवाल बन गया है. इस मामसे में रिश्वतखोरी के साथ ही निजी लेन-देन की घिनौनी मांग की गई है. साथ ही सवाल ये खड़े होते हैं कि सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का क्या हुआ?
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