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Exclusive: बिहार में RJD का खेल बिगाड़ने से लेकर SIR के नुकसान तक... ओवैसी ने NDTV से क्या-क्या कहा, जानें

एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल से खास बातचीत में असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर कई सवाल दागे. उन्होंने सीमांचल में किए गए विकास कार्यों पर भी सवाल उठाया.

ओवैसी का खास इंटरव्यू.
  • ओवैसी ने सीमांचल को पसमांदा बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र आज भी विकास से वंचित है. युवा पलायन कर रहे हैं.
  • महागठबंधन के खेल बिगाड़ने के आरोपों को खारिज करते हुए ओवैसी ने बिहार की पार्टियों की भूमिका पर सवाल उठाए.
  • ओवैसी ने कहा कि AIMIM बिहार में अल्पसंख्यकों की आवाज़ बनकर लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश कर रही है.
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किशनगंज:

बिहार चुनाव के बीच असदुद्दीन ओवैसी ने एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल को दिए खास इंटरव्यू में सीमांचल के मुद्दों और चुनौतियों पर बात की. इसके साथ ही AIMIM यहां कितनी मजबूत है और वह हैदराबाद छोड़कर बिहार क्यों आए, इसका जवाब भी ओवैसी ने दिया है. इसके साथ ही महागठबंधन के साथ गठबंधन न करने और उनका खेल बिगाड़ने वाले आरोपों पर भी उन्होंने खुलकर जवाब दिया. अगर वह सत्ता में आए तो क्या करेंगे, इसके साथ ही सीमांचल में चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी की जमकर तारीफ भी की, सबकुछ डिटेल में जानें. 

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उन्होंने कहा कि सीमांचल बिल्कुल भी नहीं बदला है. वह पहले ही पसमांदा था और आज भी है. पीएम मोदी ने अररिया में कहा कि हमने एम्स, आईआईटी बनाया, पटना में, भागलपुर में, दरभंगा में.उन्होंने सीमांचल के लिए क्या किया, ये वह नहीं बोल सकते.उन्होंने कहा कि सीमांचल आज भी अंडर डेवलप्ड है. यहां पर कई तरह के मुद्दे हैं. यहां के लोग देखते हैं कि पटना, गया या अन्य जगहों पर जो हो रहा है वो यहां पर नहीं होता. डेढ़ करोड़ के करीब युवा तो यहां से गायब हो जाते हैं.

ओवैसी ने किया AIMIM की जीत का दावा

बिहार के पिछले चुनाव में जीते AIMIM के विधायकों का पार्टी का साथ छोड़ने को लेकर ओवैसी ने कहा कि इस बार उन्होंने बहुत मेहनत की है. जिन चार विधायकों को तेजस्वी ने खरीदा था, उनमें से तीन को उन्होंने टिकट ही नहीं दिया. वे लोग कहीं के नहीं रहे. उनमें से जिस एक विधायक को उन्होंने जहां से टिकट दिया भी है, वहां से उनकी जमानत जब्त हो जाएगी. क्यों कि वहां से एआईएमआईएम का प्रत्याशी ही जीतेगा.

महागठबंधन का खेल बिगाड़ने परओवैसी का जवाब

सीमांचल में महागठबंधन का खेल बिगाड़ने के आरोप पर ओवैसी ने कहा कि उन्होंने किसी का खेल नहीं बिगाड़ा है.उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा बोलते है उनको भी सामने बिठा लो. ओवैसी ने कहा कि बिहार की 75 साल की राजनीति को देखा जाए तो बीजेपी, कांग्रेस, नीतीश कुमार और लालू परिवार ने यहां किया ही क्या है. ओवैसी ने कहा कि बिहार में कुशवाहा के साथ उनका 19 सीटों पर गठबंधन हुआ था. इनमें से 5 सीटें AIMIM ने जीती थीं. उनके खिलाफ  9 सीटें गठबंधन जीता था और 6 सीटें एनडीए जीता था. इतने वोट नहीं थे कि वे हार जाते. इसीलिए खेल बिगाड़ने की बात गलत है. बिहार में हर समुदाय की लीडरशिप है. 17 फसद में 2 फीसद निकाल दीजिए तो अपरकास्ट और मुस्लिम 15 फसीद हैं. सबसे बड़ा कास्ट यही है और आप उसी की लीडरशिप नहीं होना कह रहे हैं. यहां यादव 14 प्रतिशत हैं और साढ़े 3 फसदी मल्लाह हैं, सहनी डिप्टी सीएम पद मांगते हैं.

बीजेपी पर ओवैसी का आरोप

बिहार चुनाव में बीजेपी ने हर कास्ट को देखकर टिकट दिया है. अपरकस्ट से लेकर ईबीसी से लेकर सिवाय मुस्लिमों के उन्होंने हर कास्ट को देखा है. बात सामाजिक न्याय और सबका साथ और सबका विकास और सबका विश्वास की करते हैं, लेकिन ग्राउंड पर इसे लेकर कुछ होता ही नहीं है. 

ओवैसी ने पूछा- अल्पसंख्यकों की आवाज क्यों नहीं हो सकती

ओवैसी ने कहा कि वह राजनीतिक मायलेज लेने के लिए बिहार नहीं आए हैं.उनका मानना है कि सब सब समुदायों की एक आवाज होगी तो भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा. एक अल्पसंख्यक समाज की आवाज और लीडरशिप क्यों नहीं होनी चाहिए.AIMIM बस यही कोशिश कर रहा है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. 

बिहार में सरकार बनाने पर ओवैसी का जवाब

सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि उन्होंने जीडीए एलायंस बनाया है. इसमें पांच दल हैं. अगर यहां की जनता उनको समर्थन देती है तो अगर हम अच्छी सीटें जीतते हैं तो खेल अलग होगा. ओवैसी ने कहा कि अगर मधु कोड़ा सीएम बन सकता है तो वह भी ऐसा कर सकते हैं. वह भी कोशिश कर रहे हैं तो कामयाबी जरूर मिलेगी. ओवैसी ने कहा कि सब संभव है. सीमांचल का बेटा मुख्यमंत्री बनेगा. 

क्या विपक्ष में दम है, जानें ओवैसी ने क्या कहा?

क्या महागठबंधन एनडीए को जरा पाएगा, इस सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि 2004 बाद आरजेडी को पावर नहीं मिली.2015 में लालू-नीतीश मिल गए, नीतीश बीजेपी से नाराज हुए, फिर बुला लिया और फिर छोड़ दिया.एनडीए को हराना उनके लिए बहुत बड़ा चैलेंज है. वे ऐसा कर पाएंगे या नहीं ये तो बिहार की जनता ही तय करेगी.

बीजेपी की B टीम होने पर ओवैसी का जवाब

बीजेपी की बी टीम और वोट कटवा के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि कोई ये नहीं कहता कि पीएम मोदी तीन बार देश की सत्ता पर काबिज हुए तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है. अगर कोई दल गठबंधन के बाद भी तीन बार हार रहा है तो इसके लिए किसी और को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है. इसके बारे में आपको खुद सोचना चाहिए. इस बार बिहार की जनता क्या फैला करेगी, ये तो कोई नहीं जानता.मैं तो अपनी पार्टी के कामकाज और उम्मीदवारों की चिंता में व्यस्त हूं इसीलिए किसी और की चिंता करने का समय मेरे पास नहीं है. 

SIR से सीमांचल को क्या नुकसान?

एसआईआर से सीमांचल के लोग परेशान हैं.कई लोगों के नाम काट दिए गए.एक बूथ पर कम से कम 50-100 सही वोयर्स के नाम काटे गए.11 नवंबर को देखिए इसका क्या प्रभाव पड़ता है. ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष अख्तर रहमान इस मामले में खुद एक पार्टी हैं, हमने खुद 900 नाम दिए, जो जिंदा हैं और कहीं गए नहीं और न ही डबल एंट्री हुई है उनकी.समय कम था तो हर पंचायत में जाकर  एक-एक नाम देना संभव नहीं था.हमने एक विधानसभा में जाकर देखा तो वहां पर 900 नाम सामने आए.

बुर्का के खिलाफ बीजेपी के बयान पर ओवैसी का जवाब

गिरिराज सिंह के बुर्का वाले वोटर्स की चेकिंग के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि वह नफरत फैलाते हैं. उन्होंने पहले बिहार के मुस्लिमों को नमकहराम कहा और ऐसा बताया कि वे अपने जेब से पैसे दे रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि चुनाव आयोग जो हैंडबुक देता है, उसमें एक अलग सेक्शन है, जिसमें बुर्का, हिजाब और सिर पर पल्ला लेने वालों की पहचान कैसे करनी है, उसमें सब लिखा है. इन लोगों का याद दिलाने की क्या जरूरत है. एक समुदाय के खिलाफ ये कहना बीजेपी के लिए नुकसानदेह होगा.जनता के मन में ये बात आ गई है कि आप हिजाब और बुर्के के खिलाफ हैं. पीएम मोदी और नड्डा की रैली में दिखाया जाता है कि बुर्का पहने लोग बैठे हैं.एक गरीब के पास वोट की ताकत है, आर उसे रोकना चाहते हैं. 

बिहार में AIMIM की सरकार बनी तो क्या करेंगे?

ओवैसी ने कहा कि अगर वह बिहार में सरकार बना पाए तो शिक्षा, महिलाओं के लिए अस्पताल, नदी कटाव के काम को रोकना, इंडस्ट्रीज को लाना, किसानों को उनकी सफल की सही कीमत दिलवाना, पानी में यूरेनियम से होने वाले कैंसर के लिए अस्पताल खुलवाना, इन सभी मुद्दों पर काम करेंगे. 

 शेरवानी पहनने के सवाल पर ओवैसी का मजेदार जवाब

 शेरवानी पहनकर घूमने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि उनको गर्मी नहीं लगती, यह  केवल एक कुर्ते की तरह है. 
ओवैसी ने बताया कि इस शेरवानी में कुछ है ही नहीं. ये एक नॉर्मल कॉटन का पकड़ा है. आप निकाल लीजिए इसे, खत्म हो गया. उन्होंने बताया कि सर्दी के दिनों में इसके अंदर एक स्वेटर पहन लीजिए, अपना काम चलता रहता है. उन्होंने कहा कि समझिए कि ये एक कुर्ता पायजामे की तरह है. उन्होंने कहा कि इससे सुकून मिलता है. ये देश की पहचान है. ओवैसी बोले कि वो सूट-बूट तो पहन नहीं सकते हैं. ये हो ही नहीं सकते है अपने से. शेरवानी में क्या है, कुछ भी तो नहीं. ये चलता है.

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