- लालू प्रसाद यादव की तीनों बेटियां राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा पटना एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुईं.
- रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने और राजनीति छोड़ने का ऐलान राजद की चुनावी हार के बाद किया.
- रोहिणी ने तेजस्वी यादव के सहयोगियों के बीच झगड़े में गंदी गालियां मिलने और मारपीट की बात कही.
लालू परिवार में चल रहे गृह कलह और रोहिणी आचार्य के द्वारा दिए गए बयान के बाद आज लालू प्रसाद यादव की तीन बेटियां राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा भी दिल्ली के लिए पटना एयरपोर्ट से रवाना हो गई हैं. रोहिणी आचार्य के सार्वजनिक तौर पर आक्रामक तेवर दिखाने और परिवार से नाता तोड़ने के फैसले के एक दिन बाद रविवार को लालू प्रसाद यादव परिवार के अंदर संकट अब और गहरा गया.
परिवार में और गहराया कलह
रविवार को पटना एयरपोर्ट पर तीनों बेटियां अपने परिवार के साथ नजर आईं. बताया जा रहा है कि लालू की बेटियां राजलक्ष्मी, रागिनी और चंदा तड़के लालू और राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड से चुपचाप निकल गईं. बताया जा रहा है कि पिछले दो दिनों में जो कुछ हुआ है, उससे वो काफी दुखी हैं. तेजस्वी यादव, जिनके नेतृत्व और सलाहकारों की पसंद पर हार के बाद से सवाल उठ रहे हैं, नतीजों के बाद से अब तक सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं.
पेशे से डॉक्टर हैं रोहिणी
पिछले एक हफ्ते से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अंदर एक राजनीतिक और व्यक्तिगत उथल-पुथल जारी है. पार्टी पहले ही बिहार विधानसभा चुनावों में अपमानजनक प्रदर्शन से जूझ रही है. चुनावों में पार्टी की सीटें 75 से गिरकर लगभग 25 पर आ गई हैं. आंतरिक कलह तब शुरू हुई जब लालू प्रसाद की सिंगापुर में रहने वाली बेटी और पेशे से डॉक्टर रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया. उनकी यह घोषणा राजद की चुनावी हार के कुछ ही घंटों बाद आई.
परिवार से किया गया अलग
रोहिणी ने शनिवार को एक के बाद एक कई भावुक पोस्ट कीं और भाई तेजस्वी पर कि उनके दो सबसे करीबी सहयोगियों, राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव और उनके पुराने सहयोगी रमीज़ के बीच हुए टकराव के दौरान उन्हें गंदी गालियां दी गईं. साथ ही किसी ने उन्हें चप्पल से मारने की भी कोशिश की. उन्होंने लिखा कि उन्हें 'अपने परिवार से अलग कर दिया गया', अपने माता-पिता को 'रोते हुए' छोड़ दिया. साथ ही उन पर लालू यादव को किडनी दान करने के बाद करोड़ों रुपये लेने का आरोप लगाया गया. इसे उन्होंने बेहद अपमानजनक बताया.
परिवार का इमोशनल सपोर्ट
एक और पोस्ट में उन्होंने कहा, 'संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं.' अभी तक किसी भी सहयोगी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे तेजस्वी के इर्द-गिर्द आंतरिक सत्ता संघर्ष की अटकलों को बल मिला है. रोहिणी ने पिछले साल सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गईं थी. उन्हें अक्सर परिवार का एक बड़ा इमोशनल सपोर्ट माना जाता रहा है. राजनीति और परिवार से उनके अचानक अलग हो जाने से राजद की चुनावी हार का असर और बढ़ गया है.
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