- बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने परीक्षा, साइबर अपराध, बालू माफिया और भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.
- शेखपुरा से संजय प्रभात, चंदन सहित कई आरोपियों को धांधली और संपत्ति से जुड़ी जांच में गिरफ्तार किया.
- बालू माफिया और भू-माफिया के खिलाफ विशेष टीम बनाई गई है, जिनकी अवैध संपत्ति का मूल्य करोड़ों रुपये में है.
बिहार में परीक्षा माफिया, साइबर अपराध, बालू माफिया और भू-माफिया के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मोर्चा खोल दिया है. पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान ईओयू के पुलिस उप-महानिरीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने खुलासा किया कि हाल के महीनों में ईओयू और साइबर विंग ने कई बड़े और संगठित अपराध नेटवर्क पर प्रभावी कार्रवाई की है.
डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि चुनाव समाप्त होने के बाद बहाली प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके बाद राज्य में दो प्रमुख परीक्षाएं आयोजित की गईं. इन परीक्षाओं के दौरान सक्रिय परीक्षा माफियाओं पर विशेष निगरानी रखी गई. जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कुछ गिरोह लंबे समय से परीक्षाओं को प्रभावित करने का काम कर रहे थे.
परीक्षा माफिया पर शिकंजा, संजीव मुखिया गैंग तक पहुंची जांच
ईओयू ने शेखपुरा जिले से संजीव मुखिया गैंग से जुड़े संजय प्रभात को गिरफ्तार किया है. संजय प्रभात का नाम पहले भी बीपीएससी परीक्षा घोटाले में सामने आ चुका था. यह मामला लंबे समय से ईओयू की निगरानी में था. इसके अलावा चंदन नामक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है, जो सीटीईटी, नीट और टीआरई-बीपीएससी जैसी परीक्षाओं में धांधली से जुड़ा पाया गया है. जांच में सामने आया है कि चंदन परीक्षा से पहले उम्मीदवारों से एक लाख रुपये और परीक्षा के बाद आठ लाख रुपये तक की वसूली करता था. वह कोचिंग संस्थान केवल दिखावे के लिए चलाता था, ताकि छात्र एक जगह इकट्ठा हों और उन पर दबाव बनाया जा सके. यह कोचिंग वर्ष 2015 से 2018 के बीच संचालित की गई थी. आरोपी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी कार्रवाई की जा चुकी है.
बालू माफिया और भू-माफिया पर बड़ी तैयारी
प्रेस वार्ता में डीआईजी ढिल्लो ने बताया कि बालू माफिया और भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. राज्य के सभी जिलों से माफियाओं की सूची मंगवाई गई है. भू-माफिया के आठ लोगों की पहचान की गई है, जिनके पास करीब 37.79 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति पाई गई है. इनके खिलाफ PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं, बालू माफिया के 11 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी अवैध संपत्ति का आंकड़ा 50.09 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इन मामलों को आगे की कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजा जा रहा है.
अभियोजन में भी मिली सफलता, 11 लोगों को सजा
ईओयू के तहत अभियोजन विभाग को और मजबूत किया गया है. एनडीपीएस के तीन मामलों और भ्रष्टाचार के एक मामले में कुल 11 आरोपियों को सजा दिलाई गई है. यह दिखाता है कि जांच के साथ-साथ मामलों को अंजाम तक पहुंचाने पर भी फोकस किया जा रहा है.
साइबर अपराध पर बड़ा खुलासा
साइबर अपराध को लेकर भी ईओयू ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए. डीआईजी ने बताया कि अब तक सवा लाख से अधिक फ्रॉड कॉल दर्ज की जा चुकी हैं. इसके अलावा 25 हजार से ज्यादा साइबर शिकायतें मिली हैं. 15 दिसंबर तक करीब 22 प्रतिशत राशि को होल्ड किया गया है और 8 करोड़ रुपये से अधिक की रकम पीड़ितों को वापस कराई गई है.
अब तक 1000 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि साइबर इंटेलिजेंस टीम ने अलग से 131 गिरफ्तारियां की हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सहयोग से 616 बैंक खातों को चिन्हित किया गया है, जिनमें बड़े पैमाने पर संदिग्ध लेन-देन हुआ है.
सोशल मीडिया और डिजिटल अरेस्ट पर सख्ती
सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर भी ईओयू की पैनी नजर है. अब तक 108 मामले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज किए गए हैं और 356 आपत्तिजनक पोस्ट को होल्ड किया गया है. दरभंगा में सामने आए सिम बॉक्स मामले की जांच सीबीआई कर रही है, क्योंकि इसका संबंध अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा है.
डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर फ्रॉड मामलों पर भी विशेष फोकस किया गया है. अब तक 130 मामले सामने आए हैं, जिनमें 30 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. दक्षिण एशिया में रह रहे 29 संदिग्धों से संपर्क किया गया है.
जागरूकता अभियान और सुप्रीम कोर्ट तक मामला
ईओयू डिजिटल अरेस्ट को लेकर आम लोगों में जागरूकता फैला रही है. विशेष रूप से पेंशनधारकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है. राजगीर में बड़ा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है और सीबीआई को जांच का आदेश दिया गया है. बिहार साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर भी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
उड़ीसा पेपर लीक में बिहार कनेक्शन
उड़ीसा पेपर लीक मामले में बिहार के पटना जिले के खुसरूपुर निवासी एक व्यक्ति को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि आरोपी को पेपर पढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल के दीघा ले जाया गया था.
बैंक खाता किराए पर देना बन रहा नया खतरा
ईओयू के एसपी विनय कुमार ने गंभीर चेतावनी देते हुए कहा कि आजकल लोग अपने बैंक खाते भी किराए पर देने लगे हैं, जैसे मकान किराए पर दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में अपना बैंक खाता, एटीएम या ओटीपी किसी के साथ साझा न करें. पटना में इस तरह के मामले सामने आए हैं और इनकी जांच की जा रही है. यदि किसी की सीधी संलिप्तता नहीं है तो वह साइबर थाने में शिकायत दर्ज करा सकता है.
ईओयू की यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि बिहार में संगठित अपराध, परीक्षा माफिया और साइबर फ्रॉड के खिलाफ सरकार और पुलिस अब जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. आने वाले दिनों में इन नेटवर्क्स पर और बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है.
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