बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो).
पटना:
नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर इस बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या अपनी राय बदली है? यह पूछे जाने पर उन्होंने सवालों को आज टाल दिया.
‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के समापन के बाद कुमार ने मीडिया कर्मियों को नववर्ष और प्रकाश पर्व की बधाई दी. गुरु गोविंद सिंह की 350 वीं जयंती का जलसा यहां चल रहा है.
हालांकि, संवाददाता उनसे नोटबंदी के बारे में पूछते इससे पहले ही उन्होंने उनसे बिहार के बारे में अच्छी चीजों पर जोर देने की अपील की ताकि प्रकाश पर्व के मौके पर श्रद्धालु राज्य में आएं और अच्छी यादों के साथ वापस लौटें.
प्रकाश पर्व 25 दिसंबर को शुरू हुआ था और पांच जनवरी को समाप्त होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच जनवरी को पटना में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात कही गई है.
नीतीश कुमार ने नोटबंदी के बारे में कुछ भी बातचीत नहीं की. जद (यू) ने संकेत दिया है कि पार्टी 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने की समीक्षा पांच जनवरी को प्रकाश पर्व खत्म होने के बाद करेगी. कुमार ने हाल में कहा कि वह मामले पर अपने मन की बात अभियान के 50 दिन बीतने के बाद रखेंगे. यह अवधि गत 30 दिसंबर को समाप्त हो गई. कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया था.
सहयोगी कांग्रेस और राजद ने उम्मीद जताई थी कि कुमार बड़े नोटों को बंद करने के फैसले की आलोचना करने में उनके साथ आएंगे. इसकी वजह से देशभर में आम आदमी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.
नोटबंदी का समर्थन करते हुए कुमार ने हालांकि इस कदम को लागू करने के लिए ‘खराब व्यवस्था’ को उजागर किया था. इसकी वजह से नागरिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के समापन के बाद कुमार ने मीडिया कर्मियों को नववर्ष और प्रकाश पर्व की बधाई दी. गुरु गोविंद सिंह की 350 वीं जयंती का जलसा यहां चल रहा है.
हालांकि, संवाददाता उनसे नोटबंदी के बारे में पूछते इससे पहले ही उन्होंने उनसे बिहार के बारे में अच्छी चीजों पर जोर देने की अपील की ताकि प्रकाश पर्व के मौके पर श्रद्धालु राज्य में आएं और अच्छी यादों के साथ वापस लौटें.
प्रकाश पर्व 25 दिसंबर को शुरू हुआ था और पांच जनवरी को समाप्त होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच जनवरी को पटना में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात कही गई है.
नीतीश कुमार ने नोटबंदी के बारे में कुछ भी बातचीत नहीं की. जद (यू) ने संकेत दिया है कि पार्टी 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने की समीक्षा पांच जनवरी को प्रकाश पर्व खत्म होने के बाद करेगी. कुमार ने हाल में कहा कि वह मामले पर अपने मन की बात अभियान के 50 दिन बीतने के बाद रखेंगे. यह अवधि गत 30 दिसंबर को समाप्त हो गई. कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया था.
सहयोगी कांग्रेस और राजद ने उम्मीद जताई थी कि कुमार बड़े नोटों को बंद करने के फैसले की आलोचना करने में उनके साथ आएंगे. इसकी वजह से देशभर में आम आदमी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.
नोटबंदी का समर्थन करते हुए कुमार ने हालांकि इस कदम को लागू करने के लिए ‘खराब व्यवस्था’ को उजागर किया था. इसकी वजह से नागरिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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