पटना में स्वाभिमान रैली की तैयारियां (सभी तस्वीरें : ANI)
पटना:
बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव होने से पहले राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैलियों के साथ अलग अलग तरीकों से जनता को लुभाने के काम पर लग गई हैं। एक तरफ भाजपा की परिवर्तन रैली राज्य के अलग अलग हिस्सों में बदलाव का वादा कर रही है तो दूसरी तरफ रविवार को जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन की स्वाभिमान रैली ने पटना में रौनक बैठा रखी है।
हालांकि बाद में भाजपा की ओर से सफाई दी गई थी कि पीएम का तात्पर्य नीतीश के 'राजनीतिक डीएनए' से था। लेकिन इसे बिहारियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को 50 लाख बिहारियों के डीएनए भेजने की बात कह डाली और इसे एक राजनीतिक अभियान का नाम दे डाला।
इस अभियान के लिए छपे पैंपलेट में लिखा है 'मुझे बिहारी होने पर गर्व है, हमारे डीएनए में कोई खराबी नहीं है। शक है तो जांच करा लें।' स्वाभिमान रैली भी इसी अभियान का हिस्सा है जिसके लिए लालू, नीतीश और सोनिया गांधी का एक साथ मंच पर आना भी काफी चर्चा में बना हुआ है।
वैसे नीतीश कुमार ने स्वाभिमान पर पहुंची इस ठेस को सिर्फ डीएनए सैंपल तक ही सीमित नहीं रखा है। इसके अलावा पूरे बिहार में धरना और एक करोड़ हस्ताक्षर लेना भी शामिल है।
दिलचस्प है इस रैली में लगे काउंटर जहां 'डीएनए सैंपल' के लिए लोगों के बाल लिए जा रहे हैं। याद दिला दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने मुज़फ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'डीएनए' पर टिप्पणी की थी।
जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस की है स्वाभिमान रैली
हालांकि बाद में भाजपा की ओर से सफाई दी गई थी कि पीएम का तात्पर्य नीतीश के 'राजनीतिक डीएनए' से था। लेकिन इसे बिहारियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को 50 लाख बिहारियों के डीएनए भेजने की बात कह डाली और इसे एक राजनीतिक अभियान का नाम दे डाला।
डीएनए सैंपल के लिए पैंपलेट भी छपवाए गए हैं
इस अभियान के लिए छपे पैंपलेट में लिखा है 'मुझे बिहारी होने पर गर्व है, हमारे डीएनए में कोई खराबी नहीं है। शक है तो जांच करा लें।' स्वाभिमान रैली भी इसी अभियान का हिस्सा है जिसके लिए लालू, नीतीश और सोनिया गांधी का एक साथ मंच पर आना भी काफी चर्चा में बना हुआ है।
अभियान में हस्ताक्षर भी लिए जाएंगे
वैसे नीतीश कुमार ने स्वाभिमान पर पहुंची इस ठेस को सिर्फ डीएनए सैंपल तक ही सीमित नहीं रखा है। इसके अलावा पूरे बिहार में धरना और एक करोड़ हस्ताक्षर लेना भी शामिल है।
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