बिहार चुनाव : श्रेय लेने और दावों को झुठलाने की कागजी लड़ाई जारी

बिहार चुनाव : श्रेय लेने और दावों को झुठलाने की कागजी लड़ाई जारी

नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)।

पटना:

बिहार में चुनावी मैदान में विधिवत रूप से शनिवार से सभी प्रमुख नेता प्रचार के लिए उतरेंगे, लेकिन उसके पहले एक लड़ाई कलम से लड़ी जा रही है। इसमें मुद्दा है बिहार के विशेष पैकेज का।
 
नीतीश का खत जेटली के नाम
ताजा घटनाक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री, अरुण जेटली को एक पत्र लिखा है। दरअसल जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए एक लाख 25 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की है, बिहार सरकार इस बात को साबित करने में लगी है कि यह पैकेज नहीं मात्र बिहार में चल रही परियोजनाओं की पैकेजिंग हैं और इसमें मात्र 17 हजार करोड़ की नए परियोजनाएं हैं।

बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग
नीतीश ने अपने पत्र में, जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के पिछले दिनों के एक पत्र का जवाब है, में कई मुद्दे उठाए गए हैं जिसमें एक बार फिर राज्य को विशेष राज्य का दर्ज देने की मांग की गई है। साथ ही एक अच्छा और सच्चा पैकेज देने का आग्रह किया गया है, ताकि राज्य और केंद्र के न केवल रिश्ते बेहतर हों, बल्कि राज्य के लोगों का विकास भी हो सके।  

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नीतीश के पत्र में शामिल प्रमुख बिंदु -

  • केंद्र सरकर द्वारा राजधानी पटना में नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 2000 करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया है, लेकिन जमीन की वर्तमान दर से ही भूमि अधिग्रहण करने में ही 10000 करोड़ रुपये खर्च होगा। इस रकम का भुगतान कौन करेगा।
  • ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए बिहार में 20 हजार करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट की अनुमति दी गई, लेकिन केंद्र ने दिए मात्र 10 हजार 551 करोड़ रुपये। अब कई सड़कों का निर्माण अधर में लटक गया है।
  • बिहार में विभिन परियोजनाओं के निर्माण के लिए केंद्र से 28903 करोड़ रुपये की सहायता आनी थी, लेकिन नीतीश के अनुसार केंद्र ने मात्र 19146 करोड़ रुपये दिए।
  • नीतीश कुमार ने ऊर्जा क्षेत्र को लेकर भी केंद्र पर आरोप लगाया है कि जहां विशेष प्लान के तहत 8308 करोड़ रुपये दिए जाने थे वहां दो चरणों में मात्र 2400 करोड़ ही दिए गए।  

नीतीश कुमार के इस पत्र से साफ है कि विधानसभा  चुनाव के मौके पर विशेष पैकेज के मुद्दे पर बिहार सरकार केंद्र के तर्कों को अपने दावों से कमजोर करना चाहती है। साथ ही विशेष राज्य के दर्जे की अपनी मांग को बार-बार दुहराने का मौका भी नहीं छोड़ रही।