प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन की शानदार जीत के बाद उद्योग जगत ने बिहार में बड़े निवेश के रूप में समर्थन देने का वादा किया और कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को अब आर्थिक सुधारों पर नई परिस्थितियों के हिसाब से ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करे मोदी सरकार
दवा कंपनी बायोकान की चेयरमैन किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि मोदी सरकार को अपने आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष भी इसमें उसकी मदद करेगा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘बिहार में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ अब मोदी सरकार अपना सारा ध्यान आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित कर सकती है। उम्मीद है कि विपक्ष भी सरकार का साथ देगा।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भी ‘अपने रुख को ठीक कर सकती है। कटु बयानों व आर्थिक विधेयकों का विरोध पार्टी को मतदाताओं से अलग कर रहा है।’
बिहार में नई शुरुआत की उम्मीद
उद्योग मंडल एसोचैम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके महागठबंधन को प्रभावी जीत की बधाई दी है और कहा है कि उद्योग जगत को राज्य में ‘एक नई शुरुआत’ की उम्मीद है। एसोचैम ने एक बयान में कहा है कि चूंकि अब चुनाव हो चुके हैं तो ‘उद्योग जगत उम्मीद करता है कि केंद्र व राज्य जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करेंगे ताकि सभी नागरिकों की भलाई के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची वृद्धि दर हासिल कर सके।’ इसी तरह उद्योग मंडल सीआईआई ने भी राज्य के विकास के एजेंडे को और आगे बढ़ाने के लिए नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। सीआईआई अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने कहा, ‘ आगामी सरकार को हमारी शुभकामनाएं। मुझे पक्का विश्वास है कि नई सरकार बिहार की जनता की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए काम करेगी और बिहार को औद्योगिक विकास के एक नए युग में ले जाएगी।’
बार्कले ने जताई बाजार में कमजोरी आने की आशंका
ब्रिटेन की वित्तीय सेवा प्रमुख बार्कले का कहना है कि भारतीय वित्तीय बाजार चुनाव परिणामों से पहले सतर्क था और भाजपा के खिलाफ परिणामों से बाजारों में कमजोरी आ सकती है। बार्कले की रपट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि आज के परिणाम (भाजपा की हार) सोमवार को शुरुआती कारोबार में उत्साह ठंडा करने वाला तत्व साबित हो सकते है क्योंकि इसे केंद्र सरकार के सुधार के एजेंडे की राह में एक और अवरोध के रूप में देखा जाएगा। ’
आर्थिक नीतियों को नीचे तक न ले जाना एनडीए की हार का कारण
व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन, कैट ने कहा है कि मुद्रा बैंक योजना, कौशल भारत, डिजिटल इंडिया व मेक इन इंडिया जैसी पहलों व नीतियों को नीचे तक ले जाने वाली प्रणाली का अभाव भी (एनडीए की) हार की एक वजह हो सकी है।’ इसने एक बयान में कहा, ‘ नि:संदेह रूप से इन सभी अनूठी पहल के लाभार्थियों से कोई संपर्क नहीं होना, बिहार चुनावों में राजग की हार में एक बड़ी भूमिका रही है।’ कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भाटिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने उम्मीद जताई कि केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में गंभीर आत्मनिरीक्षण किया जाएगा। अभियांत्रिकी निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के चेयरमैन टीएस भसीन का मानना है कि बिहार अभियांत्रिकी निर्यात उत्पादों का वैश्विक केंद्र (हब) बन सकता है।
आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करे मोदी सरकार
दवा कंपनी बायोकान की चेयरमैन किरण मजूमदार शॉ ने कहा है कि मोदी सरकार को अपने आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष भी इसमें उसकी मदद करेगा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘बिहार में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ अब मोदी सरकार अपना सारा ध्यान आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित कर सकती है। उम्मीद है कि विपक्ष भी सरकार का साथ देगा।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भी ‘अपने रुख को ठीक कर सकती है। कटु बयानों व आर्थिक विधेयकों का विरोध पार्टी को मतदाताओं से अलग कर रहा है।’
बिहार में नई शुरुआत की उम्मीद
उद्योग मंडल एसोचैम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके महागठबंधन को प्रभावी जीत की बधाई दी है और कहा है कि उद्योग जगत को राज्य में ‘एक नई शुरुआत’ की उम्मीद है। एसोचैम ने एक बयान में कहा है कि चूंकि अब चुनाव हो चुके हैं तो ‘उद्योग जगत उम्मीद करता है कि केंद्र व राज्य जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करेंगे ताकि सभी नागरिकों की भलाई के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची वृद्धि दर हासिल कर सके।’ इसी तरह उद्योग मंडल सीआईआई ने भी राज्य के विकास के एजेंडे को और आगे बढ़ाने के लिए नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। सीआईआई अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने कहा, ‘ आगामी सरकार को हमारी शुभकामनाएं। मुझे पक्का विश्वास है कि नई सरकार बिहार की जनता की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए काम करेगी और बिहार को औद्योगिक विकास के एक नए युग में ले जाएगी।’
बार्कले ने जताई बाजार में कमजोरी आने की आशंका
ब्रिटेन की वित्तीय सेवा प्रमुख बार्कले का कहना है कि भारतीय वित्तीय बाजार चुनाव परिणामों से पहले सतर्क था और भाजपा के खिलाफ परिणामों से बाजारों में कमजोरी आ सकती है। बार्कले की रपट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि आज के परिणाम (भाजपा की हार) सोमवार को शुरुआती कारोबार में उत्साह ठंडा करने वाला तत्व साबित हो सकते है क्योंकि इसे केंद्र सरकार के सुधार के एजेंडे की राह में एक और अवरोध के रूप में देखा जाएगा। ’
आर्थिक नीतियों को नीचे तक न ले जाना एनडीए की हार का कारण
व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन, कैट ने कहा है कि मुद्रा बैंक योजना, कौशल भारत, डिजिटल इंडिया व मेक इन इंडिया जैसी पहलों व नीतियों को नीचे तक ले जाने वाली प्रणाली का अभाव भी (एनडीए की) हार की एक वजह हो सकी है।’ इसने एक बयान में कहा, ‘ नि:संदेह रूप से इन सभी अनूठी पहल के लाभार्थियों से कोई संपर्क नहीं होना, बिहार चुनावों में राजग की हार में एक बड़ी भूमिका रही है।’ कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भाटिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने उम्मीद जताई कि केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में गंभीर आत्मनिरीक्षण किया जाएगा। अभियांत्रिकी निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के चेयरमैन टीएस भसीन का मानना है कि बिहार अभियांत्रिकी निर्यात उत्पादों का वैश्विक केंद्र (हब) बन सकता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बिहार विधानसभा चुनाव 2015, उद्योग जगत, प्रतिक्रिया, महागठबंधन, एनडीए, आर्थिक सुधार, बिहार में औद्योगिक विकास, बाजार, Bihar Assembly Polls 2015, Industries, Reactions, GRAND ALLIANCE, NDA, Economic Reforms