मॉक ड्रिल का दृश्य।
बेंगलुरु:
पठानकोट एयर बेस में हुए आतंकी हमले को देखते हुए अपनी तैयारी का जायजा लेने के लिए कर्नाटक विधानसभा परिसर में नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स और कर्नाटक के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने मॉक ड्रिल किया।
विधानसभा परिसर में दो भवन हैं, विकास सोधा और विधान सोधा। पुलिस के प्रशिक्षित तीन कमांडो आतंकवादियों की वेशभूषा में विधान सोधा में घुसे। ठीक इसके सामने विकास सोधा है जिसमें गृह मंत्रालय के साथ-साथ कई अन्य मंत्रालय हैं। करीब 6 बजे स्वचालित हथियार से गोली चलने की आवाज आई। सबसे पहले पुलिस ने मोर्चा संभाला और इसके फौरन बाद गडूडा फ़ोर्स (कर्नाटक का आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने, जो सबसे पहले विकास सोधा की छत पर प्रतीकात्मक तरीके से हैलिकॉप्टर के जरिए पहुंचाए गए।
हैलीकॉप्टरों का भी उपयोग
इसमें एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया। जैसे ही कमांडो नीचे उतरे तो एनएसजी की टीम भी पहुंची। दोनों टीमों की पहले ब्रीफिंग हुई। उन्हें बताया गया कि विधान सोधा में आने-जाने के रास्ते कहां-कहां हैं और आतंकवादी कहां छिपे हैं। इसके बाद करीब साढ़े सात बजे कमांडो एक्शन शुरू हुआ और लगभग एक घंटे में आतंकवादियों को घेरकर गिरफ्तार कर लिया गया।
गडूडा फोर्स काफी कारगर होगी
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि गडूडा फोर्स की ट्रैनिंग एनएसजी ने की है। किसी आतंकवादी घटना के वक्त एनएसजी के पहुंचने से पहले गडूडा फोर्स की जिम्मेदारी होगी कि वह हालात को काबू में रखने के साथ-साथ आतंकवादियों को भी पकड़े। एनएसजी को मौके पर पहुंचने में वक्त लगता है। ऐसे में गडूडा फ़ोर्स काफी उपयोगी होगी।
कर्नाटक में गडूडा फोर्स की स्थापना 2011 में की गई जो कि आंतरिक सुरक्षा प्रकोष्ठ यानी आईएसडी के तहत काम करती है। इसका प्रमुख एडीजीपी रैंक का अधिकारी होता है जो कि फिलहाल सुनील कुमार हैं। बेंगलुरु में कई आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं। विधान सभा के साथ-साथ इसरो आईआईएससी और परमाणु संयंत्र आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं।
विधानसभा परिसर में दो भवन हैं, विकास सोधा और विधान सोधा। पुलिस के प्रशिक्षित तीन कमांडो आतंकवादियों की वेशभूषा में विधान सोधा में घुसे। ठीक इसके सामने विकास सोधा है जिसमें गृह मंत्रालय के साथ-साथ कई अन्य मंत्रालय हैं। करीब 6 बजे स्वचालित हथियार से गोली चलने की आवाज आई। सबसे पहले पुलिस ने मोर्चा संभाला और इसके फौरन बाद गडूडा फ़ोर्स (कर्नाटक का आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने, जो सबसे पहले विकास सोधा की छत पर प्रतीकात्मक तरीके से हैलिकॉप्टर के जरिए पहुंचाए गए।
हैलीकॉप्टरों का भी उपयोग
इसमें एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया। जैसे ही कमांडो नीचे उतरे तो एनएसजी की टीम भी पहुंची। दोनों टीमों की पहले ब्रीफिंग हुई। उन्हें बताया गया कि विधान सोधा में आने-जाने के रास्ते कहां-कहां हैं और आतंकवादी कहां छिपे हैं। इसके बाद करीब साढ़े सात बजे कमांडो एक्शन शुरू हुआ और लगभग एक घंटे में आतंकवादियों को घेरकर गिरफ्तार कर लिया गया।
गडूडा फोर्स काफी कारगर होगी
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि गडूडा फोर्स की ट्रैनिंग एनएसजी ने की है। किसी आतंकवादी घटना के वक्त एनएसजी के पहुंचने से पहले गडूडा फोर्स की जिम्मेदारी होगी कि वह हालात को काबू में रखने के साथ-साथ आतंकवादियों को भी पकड़े। एनएसजी को मौके पर पहुंचने में वक्त लगता है। ऐसे में गडूडा फ़ोर्स काफी उपयोगी होगी।
कर्नाटक में गडूडा फोर्स की स्थापना 2011 में की गई जो कि आंतरिक सुरक्षा प्रकोष्ठ यानी आईएसडी के तहत काम करती है। इसका प्रमुख एडीजीपी रैंक का अधिकारी होता है जो कि फिलहाल सुनील कुमार हैं। बेंगलुरु में कई आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं। विधान सभा के साथ-साथ इसरो आईआईएससी और परमाणु संयंत्र आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं।