- बेंगलुरू में नए साल की रात हुई छेड़खानी पर पीड़िता ने सुनाई आपबीती
- पीड़िता ने छेड़खानी करने वाले को पीटा तो लोगों ने उसका बचाव किया
- बेंगलुरू की शर्मनाक घटना की हो रही है चारों तरफ कड़ी निंदा
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नई दिल्ली:
जिस वक्त पूरा बेंगलुरू शहर नए साल में प्रवेश का जश्न मना रहा था, चैताली वासनिक रात को लगभग 1:30 बजे अपने दफ्तर से घर लौट रही थीं, जैसे बहुत-सी अन्य लड़कियां लौटती हैं. रास्ते में जब चैताली ने देखा कि दो पुरुष उसे घूरते हुए सामने की दिशा से उसके रास्ते में आ रहे हैं, तो उसने भी वही किया, जो आमतौर पर सभी लड़कियां किया करती हैं - वह एक कोने में हो गई, ताकि उन्हें जाने का रास्ता मिल सके.
मंगलवार रात को NDTV से बातचीत में चैताली ने बताया, "मैंने उन्हें अपनी ओर घूरते हुए देखा, सो मैं एक किनारे की तरफ हो गई... मैंने उन्हें जाने का रास्ता दे दिया... इसके बाद हुआ यह कि उनमें से एक ने मुझे अचानक दबोचा... मुझे कतई अदाज़ा नहीं था कि वह ऐसा कर सकता है, सो, कुछ समझ ही नहीं आया..."
...और इसके बाद जो कुछ हुआ, वह चैताली के हिसाब से कहीं ज़्यादा अविश्वसनीय था. चैताली ने कहा, "जब मुझए एहसास हुआ, वह क्या करके चला गया है, मैं तुरंत उसके पीछे लपकी, और उसे मारना शुरू कर दिया, ताकि अपने गुस्से को बाहर निकाल सकूं... कुछ ही देर में वहां 15-20 पुरुष इकट्ठे हो गए, और उन्होंने उस छेड़खानी करने वाले की पिटाई करने से मुझे रोकने की कोशिश की... तब मुझे बहुत गुस्सा आया कि ये लोग मुझसे उस छेड़खानी करने वाले को बचा क्यों रहे हैं... यही नहीं, वे यह भी कह रहे थे, नया साल है, ऐसा तो होता ही रहता है, सो, जाने दो..."
वैसे, जो कुछ चैताली के साथ पश्चिमी बेंगलुरू के इंदिरानगर में हुआ, वही सब शहर का सबसे शानदार कमर्शियल इलाका माने जाने वाले एमजी रोड पर भी बहुत-सी लड़कियों और महिलाओं के साथ घटा. वहां हज़ारों लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए थे, और शराब के नशे में धुत युवकों ने लड़कियों को दबोचा, छेड़ा, उन पर फब्तियां कसीं, उनका पीछा किया. 45 सिक्योरिटी कैमरों में ये सभी हरकतें रिकॉर्ड हुईं, और सोशल मीडिया पर जारी हुई फुटेज में महिलाओं को रोते और मदद के पुकारते देखा गया. तीन दिन बाद जनता के आक्रोश को समझने के बाद पुलिस ने मंगलवार रात को कहा कि उन्हें इन घटनाओं के ठोस सबूत हासिल हुए हैं.
इस बीच जनता का गुस्सा कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर के उस बयान के बाद ज़्यादा भड़क उठा, जिसमें उन्होंने कहा कि 'ऐसी बातें होती रहती हैं...' उन्होंने यह भी कहा था कि 'सड़कों पर गश्त करते रहने के लिए 10,000 पुलिस वाले तैनात करना मुमकिन नहीं है...' गृहमंत्री ने बताया था कि भीड़ पर नज़र रखने और यातायात सुचारु रखने के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर 1,500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
लेकिन चैताली ने NDTV को बताया, "मैं हर जगह तलाश कर रही थी, लेकिन मुझे कोई पुलिसवाला नहीं मिला... वहां लगभग पांच से 10 पुलिस वाले थे, जो पहले से वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी आकर यह तक नहीं पूछा कि क्या हुआ, या आपकी समस्या क्या है..."
मंगलवार रात को NDTV से बातचीत में चैताली ने बताया, "मैंने उन्हें अपनी ओर घूरते हुए देखा, सो मैं एक किनारे की तरफ हो गई... मैंने उन्हें जाने का रास्ता दे दिया... इसके बाद हुआ यह कि उनमें से एक ने मुझे अचानक दबोचा... मुझे कतई अदाज़ा नहीं था कि वह ऐसा कर सकता है, सो, कुछ समझ ही नहीं आया..."
...और इसके बाद जो कुछ हुआ, वह चैताली के हिसाब से कहीं ज़्यादा अविश्वसनीय था. चैताली ने कहा, "जब मुझए एहसास हुआ, वह क्या करके चला गया है, मैं तुरंत उसके पीछे लपकी, और उसे मारना शुरू कर दिया, ताकि अपने गुस्से को बाहर निकाल सकूं... कुछ ही देर में वहां 15-20 पुरुष इकट्ठे हो गए, और उन्होंने उस छेड़खानी करने वाले की पिटाई करने से मुझे रोकने की कोशिश की... तब मुझे बहुत गुस्सा आया कि ये लोग मुझसे उस छेड़खानी करने वाले को बचा क्यों रहे हैं... यही नहीं, वे यह भी कह रहे थे, नया साल है, ऐसा तो होता ही रहता है, सो, जाने दो..."
वैसे, जो कुछ चैताली के साथ पश्चिमी बेंगलुरू के इंदिरानगर में हुआ, वही सब शहर का सबसे शानदार कमर्शियल इलाका माने जाने वाले एमजी रोड पर भी बहुत-सी लड़कियों और महिलाओं के साथ घटा. वहां हज़ारों लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए थे, और शराब के नशे में धुत युवकों ने लड़कियों को दबोचा, छेड़ा, उन पर फब्तियां कसीं, उनका पीछा किया. 45 सिक्योरिटी कैमरों में ये सभी हरकतें रिकॉर्ड हुईं, और सोशल मीडिया पर जारी हुई फुटेज में महिलाओं को रोते और मदद के पुकारते देखा गया. तीन दिन बाद जनता के आक्रोश को समझने के बाद पुलिस ने मंगलवार रात को कहा कि उन्हें इन घटनाओं के ठोस सबूत हासिल हुए हैं.
इस बीच जनता का गुस्सा कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर के उस बयान के बाद ज़्यादा भड़क उठा, जिसमें उन्होंने कहा कि 'ऐसी बातें होती रहती हैं...' उन्होंने यह भी कहा था कि 'सड़कों पर गश्त करते रहने के लिए 10,000 पुलिस वाले तैनात करना मुमकिन नहीं है...' गृहमंत्री ने बताया था कि भीड़ पर नज़र रखने और यातायात सुचारु रखने के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर 1,500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
लेकिन चैताली ने NDTV को बताया, "मैं हर जगह तलाश कर रही थी, लेकिन मुझे कोई पुलिसवाला नहीं मिला... वहां लगभग पांच से 10 पुलिस वाले थे, जो पहले से वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी आकर यह तक नहीं पूछा कि क्या हुआ, या आपकी समस्या क्या है..."
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