Sawan 2024: 72 साल बाद सावन पर दुर्लभ संयोग बन रहा है. ज्योतिष इस बार सावन को बेहद खास बता रहे हैं. मान्यतानुसार भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रिय सावन मास में बन रहे संयोग में उनकी आराधना करने से हर तरह के दुख दूर हो जाएंगे, जीवन में संपन्नता आएगी. ज्योतिष के अनुसार, इस बार सावन पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. ग्रह-नक्षत्र के ये संयोग इस सावन को बेहद शुभ फलदायी बना रहे हैं. इस बार एक-दो नहीं चार शुभ संयोग (Shubh Sanyog) हैं. आइए जानते हैं इन संयोगों और पूजा विधि के बारें में.
29 दिनों का सावन
वैदिक पंचाग के अनुसार, इस बार सावन 22 जुलाई, सोमवार से शुरू हो रहा है. इस बार सावन माह में 5 सोमवारी पड़ रहा है. 29 दिनों तक शिवभक्त अपने आराध्य की पूजा-अर्चना कर सकेंगे. इससे उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होंगी.
सावन में दुर्लभ संयोग
सावन की शुरुआत 22 जुलाई की सुवह 05 बजकर 37 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है. वहीं, समापन 19 अगस्त दिन सोमवार को ही है. सोमवार, प्रीति योग और आयुष्मान योग का भी अनूठा संयोग बन रहा है. ज्योतिष का कहना है कि 18 अगस्त को शुक्ल पक्ष चतुर्दशी की क्षय तिथि लग रही है, इसलिए पूर्णिमा का प्रवेश 19 अगस्त को हो रहा है. जैसे ही पूर्णिमा शुरू होगी वैसे ही भद्रा काल भी शुरू हो जाएगा, जो दोपहर 1.32 बजे तक रहेगा.
सावन के दुर्लभ संयोग में कैसे करें पूजा
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें.
- व्रत रख रहे हैं तो हाथ में पवित्र जल, अक्षत, फूल लेकर संकल्प लें.
- गंगाजल और पंचामृत से देवाधिदेव का अभिषेक करें और विधिवत शिव परिवार की पूजा करें.
- धूप-दीप, बेलपत्र, भंग, अक्षत, धतूरा, फल, फूल चढ़ाएं.
- घर में बने मंदिर या पूजा स्थल पर दीपक जलाएं.
- सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) की कथा सुनकर शिव परिवार और सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें.
- श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की आरती करें.
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव से गलतियों की क्षमा मांगें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)