Pradosh Vrat 2023: प्रदोष व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. माना जाता है कि जो भक्त पूरे श्रद्धाभाव से प्रदोष व्रत रखते हैं उनपर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है और जीवन से कष्टों का निवारण हो जाता है. प्रदोष व्रत में मान्यतानुसार भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती के पूजन करने का भी विधान है. पंचांग के अनुसार वैशाख मास का अंतिम प्रदोष व्रत मई में रखा जाएगा, परंतु बहुत से भक्तों को प्रदोष व्रत की सही तिथि (Pradosh Vrat Date) को लेकर उलझन बनी हुई है. कुछ को लगता है कि 2 मई के दिन प्रदोष व्रत है और कुछ 3 तारीख को प्रदोष व्रत मान रहे हैं. जानिए असल में प्रदोष व्रत की सही तिथि क्या है.
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प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त | Pradosh Vrat Date And Shubh Muhurt
पंचांग के अनुसार वैशाख मास का आखिरी प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा. यह तिथि 3 मई, बुधवार के दिन पड़ रही है. इस चलते प्रदोष व्रत 3 मई के दिन ही रखा जाएगा, हालांकि, त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 2 मई रात 11 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा जोकि अगले दिन 3 मई तक रहेगी. 3 मई के दिन ही उदया तिथि है इस चलते इसी दिन प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त पड़ रहा है.
प्रदोष व्रत की पूजा (Pradosh Vrat Puja) का शुभ मुहूर्त 3 मई की शाम 6 बजकर 57 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. बुधवार के दिन पड़ने के चलते इसे बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) कहा जाता है.
प्रदोष व्रत की पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह-सवेरे उठा जाता है. इसके पश्चात् भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं. स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इस दिन सुबह के समय तो मंदिर जा ही सकते हैं लेकिन प्रदोष व्रत की खास पूजा शाम के समय ही की जाती है. पूजा में फलाहार, बेलपत्र, दीप, अक्षत और धूप आदि अर्पित किेए जाते हैं. इसके पश्चात भक्त भोलेनाथ से अपनी मनोकामनाएं कहते हैं और पूजा का समापन कर प्रसाद वितरित करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)