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This Article is From Nov 30, 2018

क्या इस चुनाव में 'दो पाटन के बीच में' पिस जाएंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव?

तेलंगाना की राजनीति में जिस तरह से के चंद्रशेखर राव पर दोतरफे हमले हो रहे हैं, उससे कबीर का काफी प्रचलित एक दोहा याद आता है.

क्या इस चुनाव में 'दो पाटन के बीच में' पिस जाएंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव?
के चंद्रशेखर राव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: तेलंगाना की राजनीति में जिस तरह से के चंद्रशेखर राव पर दोतरफे हमले हो रहे हैं, उससे कबीर का काफी प्रचलित एक दोहा याद आता है. 'चलती चाकी देखकर, कबीरा दिया रोय, दुइ पाटन के बीच में, साबुत बचा ना कोय' यह आजकर के चंद्रशेकर राव पर सटीक बैठता दिख रहा है. क्योंकि तेलंगाना की चुनावी रैलियों में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केसीआर यानी के चंद्रशेखर राव पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना की सियासत में केसीआर दो पाटन के बीच में फंसे नजर आ रहे हैं. दरअसल, टीडीपी से अलग होकर तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी बनाने वाले मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कई पार्टियों के चुनावी निशाने पर हैं. टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों चुनावी रैलियों में टीआरएस प्रमुख केसीआर पर हमला बोल रहे हैं. 

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दरअसल, केसीआर के नाम से चर्चित के. चंद्रशेखर राव देश के 29वें राज्य बने तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री हैं. 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग होकर नए राज्य बने तेलंगाना के न सिर्फ केसीआर पहले मुख्यमंत्री हैं, बल्कि राज्य के गठन के लिए लंबे समय तक आंदोलन चलाने वाली पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति के वह अध्यक्ष भी हैं. दरअसल, केसीआर ने साल 2001 में टीडीपी से इस्तीफा देकर तेलंगाना राष्ट्र समिति का गठन किया. इसका मकसद नये राज्य के गठन की मांग था. माना जाता है कि उनकी राजनीतिक जीवन का टर्निंग प्वाइंट यही है. 

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तेलंगाना में चुनावी रैलियों में एक ओर जहां राहुल गांधी केसीआर पर हमलावर हैं, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी जमकर हमला बोल रहे हैं. गुरुवार को रैली के दौरान मुख्यमंत्री केसीआर के नाम का दूसरा अर्थ लगाते हुए राहुल गांधी ने उन्हें कथित रूप से ‘खाओ कमीशन राव' से पुकारा और कहा कि जिन्होंने वादा किया था कि वह राज्य का ‘पुनर्गठन' करेंगे उसके उलट उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों और ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का स्वरूप बदल दिया जिससे लागत और लोगों पर बोझ बढ़ गया.    

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी ने 'ईमानदार प्रधानमंत्री' बनने के वादे के साथ ही किया गया हर एक वादा तोड़ा है. उन्होंने मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर वनवासियों को नुकसान पहुंचाने के लिए आदिवासी अधिकार कानून को हल्का बनाने का आरोप लगाया. तेलंगाना में छात्र सम्मेलन और तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए गांधी ने घोर पूंजीवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर मोदी और राव पर हमला बोला. साथ ही उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और उसकी 'सहयोगी पार्टी' हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को भाजपा की ‘बी और सी' टीम बताया. 

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राहुल गांधी ने हैदराबाद में छात्रों के एक सम्मेलन में कहा, ‘आपने देखा होगा कि उन्होंने हर एक वादा तोड़ दिया है. उन्होंने ईमानदार प्रधानमंत्री होने का वादा भी तोड़ दिया.' कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राफेल सौदे में उद्योगपति अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये दे दिये, लेकिन किसानों को उनका हक नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री 15 लोगों के तीन लाख पचास हजार करोड़ रुपये माफ कर सकते हैं...वह भी देश के सबसे अमीर लोगों के, तो उन्हें भारत के किसानों के कर्ज माफ करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.' राहुल गांधी ने कहा, "मुझे अपने लोगों से झूठ बोलने की आदत नहीं है. मेरी झूठे वादे करने की आदत नहीं है. मैंने कर्नाटक और पंजाब के किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था, और जब हम वहां सत्ता में आए, तो हमने ऐसा ही किया.' तेलंगाना के आदिवासी क्षेत्र भूपलपल्ली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य में अनुसूचित जनजाति की आबादी के अनुपात में उनके उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों और सरकारी शैक्षिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण देने का वादा किया.    

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मुख्यमंत्री केसीआर के नाम का दूसरा अर्थ लगाते हुए राहुल गांधी ने उन्हें कथित रूप से ‘खाओ कमीशन राव' से पुकारा और कहा कि जिन्होंने वादा किया था कि वह राज्य का ‘पुनर्गठन' करेंगे उसके उलट उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों और ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का स्वरूप बदल दिया जिससे लागत और लोगों पर बोझ बढ़ गया.   गौरतलब है कि टीआरएस प्रमुख ने कहा था कि अगर वह चुनाव हार गए तो वह घर जाएंगे और आराम करेंगे. इस पर चुटकी लेते हुए गांधी ने कहा, ‘केसीआर निश्चित तौर पर चुनावों के बाद 300 करोड़ रुपये के भव्य बंगले में आराम करेंगे. आप आराम करिए और कांग्रेस पार्टी तेलंगाना के लोगों की मदद से राज्य की आकांक्षाएं और सपने पूरे करेगी.'

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और कांग्रेस पार्टियों में परिवार का शासन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों तेलंगाना विधानसभा चुनाव में ‘दोस्ताना मैच' खेल रही हैं. समावेशी विकास के भाजपा के वादे को दोहराते हुए मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति ने "दीमक" की तरह विकास को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने राज्य में अपनी पहली चुनावी जनसभा में निजामाबाद में कहा, ‘तेलंगाना के मुख्यमंत्री और उनका परिवार सोचता है कि वे कांग्रेस की तरह कोई काम नहीं करके निकल सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस की शैली अपना ली, जिसने 50-52 साल तक बिना कुछ किये शासन किया, लेकिन अब यह नहीं चल सकता.' निजामाबाद से राव की पुत्री के. कविता लोकसभा में सांसद हैं. संप्रग सरकार के समय राव के मंत्री बतौर कार्यकाल को याद करते हुए मोदी ने कहा कि टीआरएस अध्यक्ष ने कांग्रेस के नेतृत्व में अपनी ‘अप्रेंटिसशिप' की थी. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और टीआरएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों दल झूठ बोलने के मामले में एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं. 

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