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Kalvakuntla Chandrashekar Rao

'Kalvakuntla Chandrashekar Rao' - 4 News Result(s)
  • तेलंगाना: KCR की इस चाल ने कर दिया कमाल, दांव खेलकर कांग्रेस-भाजपा को किया चित

    तेलंगाना: KCR की इस चाल ने कर दिया कमाल, दांव खेलकर कांग्रेस-भाजपा को किया चित

    रुझानों के आंकड़ों के मुताबिक 119 सीटों में से 86 सीटों पर टीआरएस आगे बनी हुई है. पिछले बार की बजाय इस बार टीआरएस को 23 सीटों का फायदा होता दिख रहा है. वहीं कांग्रेस की बात करें उसने 22 सीटों पर बढ़त बना रखी है. यहां कांग्रेस को 15 सीटों का नुकसान दिख रहा है. भाजपा केवल दो सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए है. भाजपा को भी तीन सीटों का नुकसान होता हुआ दिखा रहा है. वहीं अन्य के खाते में 9 सीटें जा सकती हैं.

  • क्या इस चुनाव में 'दो पाटन के बीच में' पिस जाएंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव?

    क्या इस चुनाव में 'दो पाटन के बीच में' पिस जाएंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव?

    तेलंगाना की राजनीति में जिस तरह से के चंद्रशेखर राव पर दोतरफे हमले हो रहे हैं, उससे कबीर का काफी प्रचलित एक दोहा याद आता है. 'चलती चाकी देखकर, कबीरा दिया रोय, दुइ पाटन के बीच में, साबुत बचा ना कोय' यह आजकर के चंद्रशेकर राव पर सटीक बैठता दिख रहा है. क्योंकि तेलंगाना की चुनावी रैलियों में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केसीआर यानी के चंद्रशेखर राव पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना की सियासत में केसीआर दो पाटन के बीच में फंसे नजर आ रहे हैं. दरअसल, टीडीपी से अलग होकर तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी बनाने वाले मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कई पार्टियों के चुनावी निशाने पर हैं. टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों चुनावी रैलियों में टीआरएस प्रमुख केसीआर पर हमला बोल रहे हैं. 

  • तेलंगाना में गरजे अमित शाह: चंद्रशेखर राव सरकार हर मोर्चे पर असफल रही, BJP ही ओवैसी से लड़ सकती है

    तेलंगाना में गरजे अमित शाह: चंद्रशेखर राव सरकार हर मोर्चे पर असफल रही, BJP ही ओवैसी से लड़ सकती है

    तेलंगाना में भी चार अन्य राज्यों के साथ चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. तेलंगाना में चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित किया और चंद्रशेखर राव के सरकार पर जमकर हमला बोला. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हैदराबाद के करीमनगर में रैली को संबोधित किया और कहा कि के. चंद्रशेखर राव की सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है. यह सरकार राज्य के लोगों को पर्याप्त नौकरियां देने में भी सक्षण नहीं रही है.

  • तेलंगाना विधानसभा चुनाव : 'मौके पर चौका' मारने की कला का नाम है के. चंद्रशेखर राव

    तेलंगाना विधानसभा चुनाव : 'मौके पर चौका' मारने की कला का नाम है के. चंद्रशेखर राव

    तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को कई मौकों पर अहम फैसले बड़े सहज भाव से लेने वाले चतुर नेता के तौर पर देखा जाता है. उनका राजनीतिक जीवन कई अहम पड़ावों से गुजरा और सही समय पर सही रास्ता चुन लेने का उनका हुनर उन्हें नवगठित राज्य की सत्ता के शीर्ष तक ले गया. तेलंगाना के मेडक जिले के चिंतमडका में 17 फरवरी 1954 को जन्मे चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से तेलुगु साहित्य में स्नातकोतर की डिग्री ली है. केसीआर ने 1970 में युवक कांग्रेस के सदस्य के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. 13 बरस तक कांग्रेस में रहने के बाद वह 1983 में तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हुए और 1985 से 1999 के बीच सिद्धिपेट से लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते. वह आंध्र प्रदेश की एन टी रामाराव सरकार में मंत्री बनाए गए.

'Kalvakuntla Chandrashekar Rao' - 4 News Result(s)
  • तेलंगाना: KCR की इस चाल ने कर दिया कमाल, दांव खेलकर कांग्रेस-भाजपा को किया चित

    तेलंगाना: KCR की इस चाल ने कर दिया कमाल, दांव खेलकर कांग्रेस-भाजपा को किया चित

    रुझानों के आंकड़ों के मुताबिक 119 सीटों में से 86 सीटों पर टीआरएस आगे बनी हुई है. पिछले बार की बजाय इस बार टीआरएस को 23 सीटों का फायदा होता दिख रहा है. वहीं कांग्रेस की बात करें उसने 22 सीटों पर बढ़त बना रखी है. यहां कांग्रेस को 15 सीटों का नुकसान दिख रहा है. भाजपा केवल दो सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए है. भाजपा को भी तीन सीटों का नुकसान होता हुआ दिखा रहा है. वहीं अन्य के खाते में 9 सीटें जा सकती हैं.

  • क्या इस चुनाव में 'दो पाटन के बीच में' पिस जाएंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव?

    क्या इस चुनाव में 'दो पाटन के बीच में' पिस जाएंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव?

    तेलंगाना की राजनीति में जिस तरह से के चंद्रशेखर राव पर दोतरफे हमले हो रहे हैं, उससे कबीर का काफी प्रचलित एक दोहा याद आता है. 'चलती चाकी देखकर, कबीरा दिया रोय, दुइ पाटन के बीच में, साबुत बचा ना कोय' यह आजकर के चंद्रशेकर राव पर सटीक बैठता दिख रहा है. क्योंकि तेलंगाना की चुनावी रैलियों में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केसीआर यानी के चंद्रशेखर राव पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना की सियासत में केसीआर दो पाटन के बीच में फंसे नजर आ रहे हैं. दरअसल, टीडीपी से अलग होकर तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी बनाने वाले मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कई पार्टियों के चुनावी निशाने पर हैं. टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों चुनावी रैलियों में टीआरएस प्रमुख केसीआर पर हमला बोल रहे हैं. 

  • तेलंगाना में गरजे अमित शाह: चंद्रशेखर राव सरकार हर मोर्चे पर असफल रही, BJP ही ओवैसी से लड़ सकती है

    तेलंगाना में गरजे अमित शाह: चंद्रशेखर राव सरकार हर मोर्चे पर असफल रही, BJP ही ओवैसी से लड़ सकती है

    तेलंगाना में भी चार अन्य राज्यों के साथ चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. तेलंगाना में चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित किया और चंद्रशेखर राव के सरकार पर जमकर हमला बोला. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हैदराबाद के करीमनगर में रैली को संबोधित किया और कहा कि के. चंद्रशेखर राव की सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है. यह सरकार राज्य के लोगों को पर्याप्त नौकरियां देने में भी सक्षण नहीं रही है.

  • तेलंगाना विधानसभा चुनाव : 'मौके पर चौका' मारने की कला का नाम है के. चंद्रशेखर राव

    तेलंगाना विधानसभा चुनाव : 'मौके पर चौका' मारने की कला का नाम है के. चंद्रशेखर राव

    तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को कई मौकों पर अहम फैसले बड़े सहज भाव से लेने वाले चतुर नेता के तौर पर देखा जाता है. उनका राजनीतिक जीवन कई अहम पड़ावों से गुजरा और सही समय पर सही रास्ता चुन लेने का उनका हुनर उन्हें नवगठित राज्य की सत्ता के शीर्ष तक ले गया. तेलंगाना के मेडक जिले के चिंतमडका में 17 फरवरी 1954 को जन्मे चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से तेलुगु साहित्य में स्नातकोतर की डिग्री ली है. केसीआर ने 1970 में युवक कांग्रेस के सदस्य के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. 13 बरस तक कांग्रेस में रहने के बाद वह 1983 में तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हुए और 1985 से 1999 के बीच सिद्धिपेट से लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते. वह आंध्र प्रदेश की एन टी रामाराव सरकार में मंत्री बनाए गए.