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This Article is From Nov 23, 2018

भंवरी देवी कांड ने हिला दी थी गहलोत सरकार की कुर्सी, अब आरोपियों के बच्चे कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे चुनाव

कांग्रेस ने भंवरी देवी मामले के महिपाल मदेरणा की बेटी और मलखान सिंह बिश्नोई के बेटे को टिकट दिया है.

भंवरी देवी कांड ने हिला दी थी गहलोत सरकार की कुर्सी, अब आरोपियों के बच्चे कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे चुनाव
भंवरी देवी कांड की वजह से राजस्थान के सियासी गलियारों में भूचाल आ गया था.
नई दिल्ली: राजस्थान में अशोक गहलोत की कुर्सी हिला देने वाला भंवरी देवी कांड एक बार फिर चर्चा में है. साल 2011 में हुए इस कांड की वजह से राजस्थान के सियासी गलियारों में भूचाल आ गया था. अब यह कांड दोबारा चर्चा में इसलिए आया है, क्योंकि इसके मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा और पूर्व विधायक मलखान सिंह बिश्नोई का बेटा महेंद्र बिश्नोई चुनावी दंगल में उतरे हैं. कांग्रेस ने इन दोनों को टिकट दी है. दिव्या को जोधपुर के ओसियां तो महेंद्र बिश्नोई को लूणी विधानसभा सीट से उतारा गया है. ओसियां विधानसभा सीट जाट समुदाय बहुल है. दिव्या के दादा परसराम मदेरणा क्षेत्र में बड़े जाट नेता हुआ करते थे. क्या है भंवरी देवी कांड, जिसने ला दिया था भूचाल?

कौन थी भंवरी देवी?

भंवरी देवी जोधपुर के पास एक सरकारी अस्पताल में नर्स थीं. नट समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भंवरी देवी राजस्थानी फिल्मों और एल्बम में भी काम करती थीं. उन्होंने बतौर एक्ट्रेस कई फिल्मों में काम किया. वह खुद का एल्बम लाना चाहती थी. वह एक्टिंग के काम के लिए अक्सर शहर से बाहर रहती थीं. जिसकी वजह से वह ड्यूटी से नदारद रहती थीं. जब ज्यादा दिन तक वह नदारद रहने लगीं तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद वह स्थानीय विधायक मलखान सिंह बिश्नोई से मिलने गई, उन्होंने उसकी मुलाकात महिपाल मदेरणा से करवाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद भंवरी की नौकरी दोबारा से बहाल हो गई. बाद में भंवरी देवी की मलखान सिंह और महिपाल से नजदीकियां हो गईं. यह सब होने के बाद भंवरी देवी की सियासी गलियारों में जान पहचान हो गई और उसने स्थानीय लोगों के काम करवाने शुरू कर दिए.

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विधायक बनने की चाह ने दी मौत
फिर भंवरी देवी के मन में राजनीति में आने का विचार आया. भंवरी ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से टिकट मांगा. इसके लिए उसने महिपाल और मलखान सिंह पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. जब उसे लगा कि उसे टिकट नहीं मिलेगा तो भंवरी ने ऐलान किया कि उसके पास एक ऐसी सीडी है, जिससे तीन दिन में गहलोत सरकार गिर जाएगी. भंवरी के इस एलान के बाद दोनों नेताओं ने उससे दूरी बना दी.

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लाखों रुपए मांगने का आरोप
भंवरी पर आरोप लगाया गया था कि उसने सीडी देने के लिए करीब लाखों रुपए में दोनों से सौदा किया था. यह वहीं सीडी थी, जिसमें उसने दावा किया था इसमें महिपाल और मलखान सिंह के अंतरंग सीन हैं. इसके बाद भंवरी देवी लापता हो गई थीं. भंवरी के पति कई दिनों तक इस मामले पर चुप रहे और बाद में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई और मंत्री महिपाल मदेरणा पर इसका आरोप लगाया था. पुलिस मामले को सुलझाने में नाकाम रही तो मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. मामला ज्यादा बढ़ा तो महिपाल मदेरणा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. महिपाल मदेरणा और मलखान अभी दोनों जेल में हैं. सीबीआई ने इस मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया था. मामला अभी कोर्ट में लंबित है.

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