मध्य प्रदेश में अभी परिणाम पूरी तरह से जारी नहीं हुए हैं.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपना वनवास खत्म कर लिया है और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया है. हालांकि, विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी पूरी तरह से घोषित नहीं किए गये हैं, मगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और बहुमत से महज दो-चार कदम ही दूर है. मध्य प्रदेश में अभी भी रिजल्ट आने बाकी ही हैं. अभी 4 सीटों पर रिजल्ट घोषित नहीं किए गए हैं. हालांकि, जिन चार के परिणाम नहीं आए हैं, उनमें से 3 पर कांग्रेस लीड कर रही है और एक पर बीजेपी लीड कर रही है. अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से जो आधिकारिक आंकड़ें जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक, कांग्रेस 112, भाजपा 108, बसपा 2 सपा 1 और निर्दलीय के खाते में 4 सीटें गई हैं. हालांकि, कांग्रेस अभी काउंटिंग में जिस तरह से तीन सीटों पर लीड कर रही है, उससे लगता है कि वह बहुमत के जादुई आंकड़े को छू लेगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर कांग्रेस की सरकार तो बनेगी, मगर बिना किसी की मदद से संभव भी नहीं प्रतीत होता.
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दरअसल, मध्य प्रदेश की सियासत में ताज अपने नाम करने और सरकार का गठन करने के लिए अब कांग्रेस के लिए मदद लेने की स्थिति बनती दिख रही है. जिस तरह से चुनाव परिणाम को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है, उससे लगता है कि कांग्रेस की सरकार में अब समाजवादी पार्टी और कुछ निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी.
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बुधवार सुबह 6 बजे तक जारी आंकड़ों के मुताबिक, 230 सीटों में से 227 सीटों पर जीत की घोषणा हो चुकी है. इनमें उम्मीद की जा सकती है कुछ सीटें कांग्रेस के खाते में जुड़ेंगी. फिर भी अब ऐसा लगने लगा है कि कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सहारे की जरूरत पड़ेगी. अगर कांग्रेस 112 सीटों पर ही सीमित रह जाती है और बसपा-सपा का समर्थन मिल भी जाता है, तभी बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए कांग्रेस को चार में से किसी एक निर्दलीय की जरूरत होगी. ऐसे में अब लगने लगा है कि कांग्रेस की सरकार बनाने की चाबी कहीं निर्दलीय उम्मीदवार के पास न चला जाए.
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बता दें कि राज्य में बीजेपी को एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ा है. हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से जीत गए हैं. करीब 58 हजार वोटों के अंतर से हराकर उन्होंने जीत दर्ज की है. गौरतलब है कि 28 नवंबर को राज्य में मतदान हुए थे.
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