शिवराज सिंह और कमलनाथ
भोपाल:
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Elections Results) के नतीजे आने के बाद प्रदेश में सियासी ड्रामे देखने की पूरी संभावना लग रही है. यहां कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया, बहुमत से दो सीट दूर 114 पर ही कांग्रेस रह गई है. वहीं भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर मौजूद है. ऐसे में भाजपा ने भी सरकार बनाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में है. बता दें, कांग्रेस ने मंगलवार रात को ही राज्यपाल को खत लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन सूत्रों की माने तो राजभवन की ओर से कांग्रेस को जवाब मिला था कि अभी नतीजे से पूरे आ जाने दीजिए.
मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 114 कांग्रेस को, 109 भाजपा को, दो बसपा को, एक सपा को और चार सीटें अन्य को मिली हैं. यहां सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है. ऐसे में अगर बसपा, सपा और अन्य भाजपा की तरफ आ जाते हैं तो राज्य में चौथी बार भाजपा की सरकार बन सकती है. इसी बीच मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्वीट करके कहा, 'प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है. कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं. बुधवार को राज्यपाल महोदया से मिलेंगे.'
मध्य प्रदेश में बहुमत से दो कदम दूर रह गई कांग्रेस, जानें अब क्या होगा सियासी समीकरण
कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह ने मंगलवार देर रात मुश्किल से कुछ मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखा है कि उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया जाए, वे बहुमत साबित कर सकते हैं. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन उन्हें इस पर जवाब मिला कि अभी तक मतगणना जारी है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस से राजभवन की ओर से कहा गया है कि अभी पूरे नतीजे तो आ जाने दीजिए. वहीं बताया जा रहा है कांग्रेस नेता बुधवार सुबह राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं.
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भाजपा के लिए भी सरकार बनाने के अभी भी विकल्प हो सकते हैं. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी के पास 109 सीटें हैं, अगर वह सपा और बसपा और निर्दलीय को अपने साथ साधने में कामयाब हो जाती है, तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा छू लेगी. क्योंकि बीजेपी के 109, बसपा के 2, सपा के 1 और निर्दलीय 4 को मिलाकर कुल संख्या 116 होते हैं, जो बहुमत का आंकड़ा है. वहीं कांग्रेस 114 पर ही रह जाएगी. इस तरह से अगर बीजेपी के लिए सब कुछ सही और फिट बैठता गया तो बीजेपी सत्ता में वापस हो भी सकती है. मगर यह राह इतना आसान भी नहीं होगी.
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अब क्या होंगे सियासी समीकरण
कांग्रेस को बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए दो सीटों की जरूरत है. ऐसे में कांग्रेस को मदद की जरूरत पड़ेगी. हालांकि, कांग्रेस के लिए दो सीटों की समर्थन जुटाना आसान माना जा रहा है. क्योंकि समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल ने मंगलवार को घोषणा की कि वह कांग्रेस को अपना समर्थन देंगे. अगर सपा की सीटें कांग्रेस को मिल जाती हैं तब यह आंकड़ा 115 पहुंच जाता है. तब भी एक सीट कम है. मगर माना जा रहा है कि बसपा कांग्रेस को समर्थन दे देगी. संभावनाओं पर बात करे तो अगर बसपा कांग्रेस का समर्थन न भी करती है तो कांग्रेस को निर्दलीय पर निर्भर होना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में निर्दलीय अहम भूमिका निभाएंगे.
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मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने का मांगा समय
मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 114 कांग्रेस को, 109 भाजपा को, दो बसपा को, एक सपा को और चार सीटें अन्य को मिली हैं. यहां सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है. ऐसे में अगर बसपा, सपा और अन्य भाजपा की तरफ आ जाते हैं तो राज्य में चौथी बार भाजपा की सरकार बन सकती है. इसी बीच मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्वीट करके कहा, 'प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है. कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं. बुधवार को राज्यपाल महोदया से मिलेंगे.'
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प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है ।
— Rakesh Singh (@MPRakeshSingh) December 11, 2018
कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं।
कल राज्यपाल महोदया से मिलेंगे।
कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह ने मंगलवार देर रात मुश्किल से कुछ मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखा है कि उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया जाए, वे बहुमत साबित कर सकते हैं. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन उन्हें इस पर जवाब मिला कि अभी तक मतगणना जारी है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस से राजभवन की ओर से कहा गया है कि अभी पूरे नतीजे तो आ जाने दीजिए. वहीं बताया जा रहा है कांग्रेस नेता बुधवार सुबह राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं.
कांग्रेस की ओर से राज्यपाल को लिखा गया खत.
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भाजपा के लिए भी सरकार बनाने के अभी भी विकल्प हो सकते हैं. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी के पास 109 सीटें हैं, अगर वह सपा और बसपा और निर्दलीय को अपने साथ साधने में कामयाब हो जाती है, तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा छू लेगी. क्योंकि बीजेपी के 109, बसपा के 2, सपा के 1 और निर्दलीय 4 को मिलाकर कुल संख्या 116 होते हैं, जो बहुमत का आंकड़ा है. वहीं कांग्रेस 114 पर ही रह जाएगी. इस तरह से अगर बीजेपी के लिए सब कुछ सही और फिट बैठता गया तो बीजेपी सत्ता में वापस हो भी सकती है. मगर यह राह इतना आसान भी नहीं होगी.
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अब क्या होंगे सियासी समीकरण
कांग्रेस को बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए दो सीटों की जरूरत है. ऐसे में कांग्रेस को मदद की जरूरत पड़ेगी. हालांकि, कांग्रेस के लिए दो सीटों की समर्थन जुटाना आसान माना जा रहा है. क्योंकि समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल ने मंगलवार को घोषणा की कि वह कांग्रेस को अपना समर्थन देंगे. अगर सपा की सीटें कांग्रेस को मिल जाती हैं तब यह आंकड़ा 115 पहुंच जाता है. तब भी एक सीट कम है. मगर माना जा रहा है कि बसपा कांग्रेस को समर्थन दे देगी. संभावनाओं पर बात करे तो अगर बसपा कांग्रेस का समर्थन न भी करती है तो कांग्रेस को निर्दलीय पर निर्भर होना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में निर्दलीय अहम भूमिका निभाएंगे.
मध्य प्रदेश में बहुमत के जादुई आंकड़े से दो कदम दूर रह गई कांग्रेस, जानें अब क्या होगा सियासी समीकरण
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