मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की घोषणा.
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ में भी किसानों का कर्ज माफ किया गया है. शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कर्जमाफी (Loan Waiver) की घोषणा कर दी. भूपेश बघेल ने पहली कैबिनेट बैठक में तीन अहम फैसले लिए. इनमें 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया. दूसरे फैसले में धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने की बात कही गई. वहीं झीरम हमले के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए SIT का गठन किया गया. बता दें कि कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में किसानों की कर्जमाफी की बात कही गई थी. इसके अलावा यह भी कहा गया था कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर इसे लागू किया जाएगा, जिसपर तत्काल प्रभाव से अमल किया गया. चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस को किसानों, युवाओं और दुकानदारों की वजह से ही जीत मिली है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टीएन सिंह देव और ताम्रध्वज साहू के साथ मंत्रालय में पहली कैबिनेट बैठक की. बघेल ने पत्रकारों को बताया कि 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया. इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 6100 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायदा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों के कर्ज को माफ किया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि कर्ज माफी किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन तथा सशक्तीकरण में मददगार होगी. बघेल ने कहा कि राहुल गांधी के वायदे के मुताबिक, सरकार ने शपथ लेने के बाद धान की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी निर्णय किया है. उन्होंने यह भी कहा कि झीरम घाटी घटना की एसआईटी से जांच कराई जाएगी.
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बता दें कि 26 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था, जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल समेत कई की मौत हो गई थी.
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इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रायपुर के बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. बघेल ने हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. बघेल के साथ उनके सहयोगी ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सिंह देव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. वह अंबिकापुर से विधायक हैं. वहीं ताम्रध्वज साहू पिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेता हैं एवं दुर्ग ग्रामीण सीट से विधायक हैं. साहू दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद भी हैं.
भूपेश बघेल कांग्रेस के एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया. कांग्रेस ने पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ रही भाजपा को सत्ता से हटाया. कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत दिलाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की बड़ी भूमिका रही है. 57 वर्षीय भूपेश बघेल अन्य पिछड़ा वर्ग के कुर्मी समाज से आते हैं जो राज्य की राजनीति में काफी दखल रखता है. बघेल ने वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था और पांच वर्ष तक वह लगातार मेहनत करते रहे.
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इन पांच वर्षों के मेहनत के बाद कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में सफल रही है. राज्य में भूपेश बघेल की छवि तेज तर्रार नेता की है, जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के साथ मिलकर लगातार हार के कारण निराश संगठन में फिर से नई जान फूंकी. बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 में दुर्ग जिले के सभ्रांत किसान परिवार में हुआ. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 80 के दशक में की थी. वह लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों और आंदालनों में शामिल होते रहे. बघेल के कार्यों को देखकर पार्टी ने 1993 में उन्हें टिकट दिया और वह पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गए. बाद में वह 1998 और 2003 में भी क्षेत्र से विधायक रहे. वर्ष 2008 में वह चुनाव हार गए थे.
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इस चुनाव में भाजपा के विजय बघेल ने उन्हें हराया था. हार के बाद बघेल को वर्ष 2009 में रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया लेकिन वह रमेश बैस से चुनाव हार गए. बघेल पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया और वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली. इस वर्ष (वर्ष 2018 में) हुए चुनाव में बघेल ने पाटन विधानसभा सीट से जीत हासिल की है.
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शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कांग्रेस के विधायक, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे.
(इनपुट: भाषा से भी)
पहली कैबिनेट मीटिंग के तीन बड़े फैसले -
— Bhupesh Baghel (@Bhupesh_Baghel) December 17, 2018
1. 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ रूपये का कर्जा माफ.
2. धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल किया गया.
3. झीरम हमले के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए SIT का किया गठन.
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टीएन सिंह देव और ताम्रध्वज साहू के साथ मंत्रालय में पहली कैबिनेट बैठक की. बघेल ने पत्रकारों को बताया कि 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया. इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 6100 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायदा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों के कर्ज को माफ किया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि कर्ज माफी किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन तथा सशक्तीकरण में मददगार होगी. बघेल ने कहा कि राहुल गांधी के वायदे के मुताबिक, सरकार ने शपथ लेने के बाद धान की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी निर्णय किया है. उन्होंने यह भी कहा कि झीरम घाटी घटना की एसआईटी से जांच कराई जाएगी.
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बता दें कि 26 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था, जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल समेत कई की मौत हो गई थी.
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इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रायपुर के बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. बघेल ने हिंदी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. बघेल के साथ उनके सहयोगी ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सिंह देव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. वह अंबिकापुर से विधायक हैं. वहीं ताम्रध्वज साहू पिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेता हैं एवं दुर्ग ग्रामीण सीट से विधायक हैं. साहू दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद भी हैं.
भूपेश बघेल कांग्रेस के एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया. कांग्रेस ने पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ रही भाजपा को सत्ता से हटाया. कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत दिलाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की बड़ी भूमिका रही है. 57 वर्षीय भूपेश बघेल अन्य पिछड़ा वर्ग के कुर्मी समाज से आते हैं जो राज्य की राजनीति में काफी दखल रखता है. बघेल ने वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था और पांच वर्ष तक वह लगातार मेहनत करते रहे.
दफ्तर संभालते ही कमलनाथ ने राहुल गांधी के कर्ज माफी के वायदे पर किया दस्तखत, 5 खास बातें...
इन पांच वर्षों के मेहनत के बाद कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में सफल रही है. राज्य में भूपेश बघेल की छवि तेज तर्रार नेता की है, जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के साथ मिलकर लगातार हार के कारण निराश संगठन में फिर से नई जान फूंकी. बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 में दुर्ग जिले के सभ्रांत किसान परिवार में हुआ. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 80 के दशक में की थी. वह लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों और आंदालनों में शामिल होते रहे. बघेल के कार्यों को देखकर पार्टी ने 1993 में उन्हें टिकट दिया और वह पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गए. बाद में वह 1998 और 2003 में भी क्षेत्र से विधायक रहे. वर्ष 2008 में वह चुनाव हार गए थे.
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इस चुनाव में भाजपा के विजय बघेल ने उन्हें हराया था. हार के बाद बघेल को वर्ष 2009 में रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया लेकिन वह रमेश बैस से चुनाव हार गए. बघेल पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया और वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली. इस वर्ष (वर्ष 2018 में) हुए चुनाव में बघेल ने पाटन विधानसभा सीट से जीत हासिल की है.
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शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कांग्रेस के विधायक, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे.
(इनपुट: भाषा से भी)
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