एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का सपा-कांग्रेस पर हमला...
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की पार्टी ने हाथ मिला लिया है. समाजवादी पार्टी अब 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस पार्टी 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव की इच्छा के विपरीत अखिलेश यादव ने यह गठबंधन किया ताकि पार्टी को एक बार फिर सत्ता में आने का मौका मिले. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव और कांग्रेस पार्टी के इस कदम के पीछे राज्य के मुस्लिम वोट को बंटने से रोकना एक महत्वपूर्ण कारण है. यही वजह है कि दोनों दलों ने हाथ मिलाया है.
इस अब इन दोनों ही दलों के माथे पर बल पड़ना लाजमी है क्योंकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लीमीन (AIMIM) ने राज्य में चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. पार्टी के प्रमुख और सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 11 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. पार्टी को उम्मीद है कि राज्य का मुसलमान वोटर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी से भी नाराज है और उनके उम्मीदवारों को वोट देगा. उल्लेखनीय है कि देश के कई मुसलमानों में ओवैसी की काफी अच्छी छवि और लोग उनका अनुसरण करते हैं. पार्टी धीरे-धीरे आंध्र प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और अब उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में राजनीतिक विस्तार कर रही है.
इलाहाबाद में एआईएमआईएम पार्टी का चेहरा अफसर महमूद ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों से किए वादों को पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में राज्य के मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी लेकिन राज्य सरकार ने यह पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सरकार इस दिशा में ऐसी एक भी पहल नहीं की, मसलन समिति आदि बनाकर अध्ययन करना आदि की पांच सालों में जहमत नहीं उठाई.
अफसर ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने राज्य में सत्ता में आने के लिए यह भी वादा किया था कि जेलों में बंद निर्दोष मुसलमान युवकों को जेल से छोड़ने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी. अफसर महमूद का कहना है कि वह इस पार्टी से तब से जुड़े हैं जब से पार्टी राज्य में आई है. उन्होंने दावा किया कि पार्टी में पहले लोग आते ही नहीं थे क्योंकि पुलिस लोगों को परेशान करती थी. उन्होंने यहां तक कहा कि पार्टी को कार्यालय भी खोलने नहीं दिया जा रहा था. इस सबके के खिलाफ उन्होंने केस भी फाइल किया है.
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और पार्टी को जनाधार मिला है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में शहर अध्यक्ष अफसर अहमद ने कहा कि पार्टी राज्य में 100-200 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग अभी मुजफ्फरनगर दंगा नहीं भूले हैं. उस दौरान सूबे की समाजवादी पार्टी की सरकार ने जो काम किया उससे मुसलमान अब भी नाराज है. उन्होंने कहा कि इस दौरान समाजवादी पार्टी के किसी नेता विधायक या फिर सांसद ने लोगों के जख्म पर मरहम नहीं लगाया.
वहीं पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि दोनों दलों अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए यह गठबंधन किया है. ओवैसी ने दावा किया है कि कांग्रेस के 105 सीटों में से 20 समाजवादी पार्टी के नेता हैं. उन्होंने दोनों दलों पर हमला करते हुए कहा कि अगर इन दलों ने मुसलमानों के लिए काम किया है तो फिर 2014 के चुनाव में राज्य से एक भी मुसलमान सांसद क्यों नहीं बना. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि लोग मुजफ्फरनगर दंगे भूल जाएं, लेकिन ऐसा होगा नहीं.
समाजवादी पार्टी के मैनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को धार्मिक आजादी दिए जाने के प्रश्न के जवाब में ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि अगर ऐसा था कि क्यों नहीं सरकार ने बिना किसी भेदभाव के मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपियों पर चार्जशीट दायर की. ओवैसी का दावा कि पूर्व उत्तर प्रदेश में नोटबंदी के चलते मोराबादा, फिरोजाबाद और सहारनपुर में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, लोगों के कारोबार को बहुत नुकसान हुआ है. लोग बीजेपी, कांग्रेस-सपा के खिलाफ नोट करेंगे. ओवैसी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों विकास को नारे के रूप में प्रयोग किया है, लेकिन विकास हुआ नहीं है. ओवैसी का कहना है कि दोनों से अब तीखे सवाल किए जाएंगे और लोग निर्णय करेंगे.
वहीं, अफसर महमूद ने कहा है कि पार्टी इलाहाबाद की तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. शहर पश्चिमी, शहर दक्षिणी, सोरांव की सीट पर प्रत्याशियों का चयन किया जा रहा है. जल्द ही नामों की घोषणा की जाएगी. राज्य की स्थिति पर अपनी राय रखते हुए महमूद ने कहा कि जहां पर संगठन बना हुआ है, जहां से जीतने की उम्मीद है, वहीं से उम्मीदवार खड़े किए जा रहे हैं.
इस अब इन दोनों ही दलों के माथे पर बल पड़ना लाजमी है क्योंकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लीमीन (AIMIM) ने राज्य में चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. पार्टी के प्रमुख और सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 11 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. पार्टी को उम्मीद है कि राज्य का मुसलमान वोटर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी से भी नाराज है और उनके उम्मीदवारों को वोट देगा. उल्लेखनीय है कि देश के कई मुसलमानों में ओवैसी की काफी अच्छी छवि और लोग उनका अनुसरण करते हैं. पार्टी धीरे-धीरे आंध्र प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और अब उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में राजनीतिक विस्तार कर रही है.
पार्टी के इलाहाबाद शहर अध्यक्ष अफसर महमूद
इलाहाबाद में एआईएमआईएम पार्टी का चेहरा अफसर महमूद ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों से किए वादों को पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में राज्य के मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी लेकिन राज्य सरकार ने यह पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सरकार इस दिशा में ऐसी एक भी पहल नहीं की, मसलन समिति आदि बनाकर अध्ययन करना आदि की पांच सालों में जहमत नहीं उठाई.
अफसर ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने राज्य में सत्ता में आने के लिए यह भी वादा किया था कि जेलों में बंद निर्दोष मुसलमान युवकों को जेल से छोड़ने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी. अफसर महमूद का कहना है कि वह इस पार्टी से तब से जुड़े हैं जब से पार्टी राज्य में आई है. उन्होंने दावा किया कि पार्टी में पहले लोग आते ही नहीं थे क्योंकि पुलिस लोगों को परेशान करती थी. उन्होंने यहां तक कहा कि पार्टी को कार्यालय भी खोलने नहीं दिया जा रहा था. इस सबके के खिलाफ उन्होंने केस भी फाइल किया है.
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और पार्टी को जनाधार मिला है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में शहर अध्यक्ष अफसर अहमद ने कहा कि पार्टी राज्य में 100-200 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग अभी मुजफ्फरनगर दंगा नहीं भूले हैं. उस दौरान सूबे की समाजवादी पार्टी की सरकार ने जो काम किया उससे मुसलमान अब भी नाराज है. उन्होंने कहा कि इस दौरान समाजवादी पार्टी के किसी नेता विधायक या फिर सांसद ने लोगों के जख्म पर मरहम नहीं लगाया.
वहीं पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि दोनों दलों अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए यह गठबंधन किया है. ओवैसी ने दावा किया है कि कांग्रेस के 105 सीटों में से 20 समाजवादी पार्टी के नेता हैं. उन्होंने दोनों दलों पर हमला करते हुए कहा कि अगर इन दलों ने मुसलमानों के लिए काम किया है तो फिर 2014 के चुनाव में राज्य से एक भी मुसलमान सांसद क्यों नहीं बना. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि लोग मुजफ्फरनगर दंगे भूल जाएं, लेकिन ऐसा होगा नहीं.
समाजवादी पार्टी के मैनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को धार्मिक आजादी दिए जाने के प्रश्न के जवाब में ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि अगर ऐसा था कि क्यों नहीं सरकार ने बिना किसी भेदभाव के मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपियों पर चार्जशीट दायर की. ओवैसी का दावा कि पूर्व उत्तर प्रदेश में नोटबंदी के चलते मोराबादा, फिरोजाबाद और सहारनपुर में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, लोगों के कारोबार को बहुत नुकसान हुआ है. लोग बीजेपी, कांग्रेस-सपा के खिलाफ नोट करेंगे. ओवैसी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों विकास को नारे के रूप में प्रयोग किया है, लेकिन विकास हुआ नहीं है. ओवैसी का कहना है कि दोनों से अब तीखे सवाल किए जाएंगे और लोग निर्णय करेंगे.
वहीं, अफसर महमूद ने कहा है कि पार्टी इलाहाबाद की तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. शहर पश्चिमी, शहर दक्षिणी, सोरांव की सीट पर प्रत्याशियों का चयन किया जा रहा है. जल्द ही नामों की घोषणा की जाएगी. राज्य की स्थिति पर अपनी राय रखते हुए महमूद ने कहा कि जहां पर संगठन बना हुआ है, जहां से जीतने की उम्मीद है, वहीं से उम्मीदवार खड़े किए जा रहे हैं.
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