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This Article is From Jan 23, 2017

ज़रा संभलकर ये चुनावी डगर है, पिछले चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के प्रत्याशियों ने बनाया था यह अनोखा रिकॉर्ड

ज़रा संभलकर ये चुनावी डगर है, पिछले चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के प्रत्याशियों ने बनाया था यह अनोखा रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रक्रिया जारी है
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर है. पहले दौर के मतदान के लिए प्रत्याशी और पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं. कई निर्दलीय भी हैं जो मैदान में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. सभी को लगता है कि वह चुनाव जीत रहा है. यही कारण है कि ऐसा होता है कि कई सीटों से राजनीतिक दलों के अलावा कई निर्दलीय भी खड़े होते हैं. और ऐसा भी होता है कि एक सीट पर दर्जन, दो दर्जन से भी ज्यादा प्रत्याशी चुनावी मैदान में होते हैं.

चुनाव परिणाम यह होता है कि कई प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाते हैं. जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2012 में चुनाव के बाद 6835 प्रत्याशियों में से 5756 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. चुनाव लड़ने वालों में 6252 पुरुष प्रत्याशी थे जबकि 583 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. इनमें से 5269 पुरुष और 487 महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

कांग्रेस के सबसे ज्यादा प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई, फिर नंबर बीजेपी का था..
इनमें सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी, दूसरे नंबर पर तीसरे नंबर पर रहने वाली बीजेपी के प्रत्याशियों की जमानत चुनाव आयोग ने जब्त की थी. कांग्रेस पार्टी ने 355 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 28 सीटों पर उनके नेता चुनकर विधानसभा पहुंचे जबकि 240 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. बीजेपी ने 398 सीटों पर प्रत्याशी उतारे, 47 पर जीत मिली और 229 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए. बीएसपी ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा और 80 सीटों पर जीता. बीएसपी के 51 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई. सीपीआई के सभी 51 उम्मीदवार जमानत जब्त करवा बैठे थे. अन्य राष्ट्रीय दल एनसीपी ने 127 सीटों पर कैंडिडेट उतारे और एक सीट पर जीत दर्ज की. सीपीएम ने 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारे, भले ही जीत नहीं मिली लेकिन 16 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की भी हुई थी जमानत जब्त
ऐसा नहीं है कि चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाले अखिलेश यादव या कहें समाजवादी पार्टी ने इस सूची में अपना नाम नहीं आने दिया. राज्य की समाजवादी पार्टी के कुल 401 प्रत्याशियों में 224 ने जीत दर्ज की थी जबकि 53 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. आरएलडी ने भी 46 सीटों में प्रत्याशी दिए और 9 जीत दर्ज की थी तथा 20 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाए थे.

लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार भी यूपी हो चुके हैं फेल
पिछले चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी उतारे थे जिनके सभी 219 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ने भी चार प्रत्याशी मैदान में उतारे और सभी के सभी चारों खाने चित्त हो गए और जमानत तक नहीं बचा पाए. रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा)  ने भी 212 प्रत्याशियों के साथ मैदान मारने का प्रयास किया था लेकिन सभी की मेहनत बेकार गई और जमानत जब्त. इसके अलावा राज्य में 200 से ज्यादा ऐसे भी दल थे जिनके सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त करनी पड़ी थी.

विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 59.4 प्रतिशत मत पड़े थे
पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कुल  7, 58,31,682 मत पड़े थे. गिनती के दौरान 38736 मतों को खारिज कर दिया गया था. चुनाव आयोग के अनुसार 17,170 को ईवीएम से सही नहीं निकाला जा सका. पूरी चुनावी प्रक्रिया में 1,33,879 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. हर पोलिंग बूथ पर औसतन 952 मतदाता थे. राज्य में विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 59.4 प्रतिशत मत पड़े थे.

2012 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कुल 403 सीटों में से 318 सीटें जनरल थीं जबकि 85 सीटें आरक्षित थीं. चुनाव में 15 सीटों पर 6-10 उम्मीदवार थे. वहीं, 161 सीटों पर 11-15 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया. बाकी 227 सीटों पर 15 से ज्यादा प्रत्याशी चुनावी मैदान पर लड़े.

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