पासपोर्ट के मुताबिक स्वामी शिवानंद का जन्म आठ अगस्त,1896 को हुआ.
पहले तो यही सुनने में आश्चर्य लगता है कि किसी जीवित शख्स की आयु 121 वर्ष हो और उससे भी दोगुना आश्चर्य यह सुनकर लगता है कि इस उम्र में उन्होंने पहली बार वोट किया हो. लेकिन इस तरह का वाकया यूपी के आखिरी यानी सातवें चरण के मतदान में आठ मार्च को वाराणसी में उस वक्त देखने को मिला जब 121 वर्षीय स्वामी शिवानंद वाराणसी में दुर्गाकुंड स्थित मतदान केंद्र में अपनी जीवन में पहली बार मतदान करने पहुंचे.
दैनिक जागरण की इस रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी शिवानंद का जन्म आठ अगस्त 1896 को अविभाजित बंगाल में श्रीहट जिले के हरिपुर गांव में हुआ था. पिता श्रीनाथ ठाकुर और मां भगवती ने बेहद गरीबी के कारण चार वर्ष की उम्र में नवद्वीप, बंगाल के ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया. छह वर्ष की उम्र में ही उनके मां-पिता का एक ही दिन में देहांत हो गया. इसके बाद बाद स्वामी शिवानंद कभी अपने गांव नहीं गए. वह 1979 से लगातार काशी में रह रहे हैं और अपने आश्रम में ही बाबा काशी विश्वनाथ की स्थापना की है. उनके मुताबिक बाबा विश्वनाथ के लिए उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है.
स्वामी शिवानंद का कहना है कि वह मौजूदा मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं और अपने भक्तों के आग्रह पर मतदान करने गए. स्वामी शिवानंद के पास अपनी उम्र से जुड़े प्रमाणपत्रों में पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आई कार्ड है. अपनी लंबी आयु के राज के बारे में स्वामी शिवानंद का कहना है कि वह तेल, मसाले खाने से पूरी तरह से परहेज करते हैं. उन्होंने विवाह भी नहीं किया है.
दैनिक जागरण की इस रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी शिवानंद का जन्म आठ अगस्त 1896 को अविभाजित बंगाल में श्रीहट जिले के हरिपुर गांव में हुआ था. पिता श्रीनाथ ठाकुर और मां भगवती ने बेहद गरीबी के कारण चार वर्ष की उम्र में नवद्वीप, बंगाल के ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया. छह वर्ष की उम्र में ही उनके मां-पिता का एक ही दिन में देहांत हो गया. इसके बाद बाद स्वामी शिवानंद कभी अपने गांव नहीं गए. वह 1979 से लगातार काशी में रह रहे हैं और अपने आश्रम में ही बाबा काशी विश्वनाथ की स्थापना की है. उनके मुताबिक बाबा विश्वनाथ के लिए उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है.
स्वामी शिवानंद का कहना है कि वह मौजूदा मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं और अपने भक्तों के आग्रह पर मतदान करने गए. स्वामी शिवानंद के पास अपनी उम्र से जुड़े प्रमाणपत्रों में पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आई कार्ड है. अपनी लंबी आयु के राज के बारे में स्वामी शिवानंद का कहना है कि वह तेल, मसाले खाने से पूरी तरह से परहेज करते हैं. उन्होंने विवाह भी नहीं किया है.
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