VIDEO: 125 साल के योग गुरु ने अपनी सादगी से जीता दिल, पद्म श्री लेने से पहले पीएम-राष्‍ट्रपति को किया प्रणाम

सफेद धोती-कुर्ता पहने योग गुरु मंच पर पहुंचने से पहले दो बार फिर नतमस्तक हुए और राष्ट्रपति कोविंद ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया और उन्हें खड़ा किया.

VIDEO: 125 साल के योग गुरु ने अपनी सादगी से जीता दिल, पद्म श्री लेने से पहले पीएम-राष्‍ट्रपति को किया प्रणाम

स्वामी सिवानंद ने अपना पूरा जीवन मानव मात्र के कल्याण में समर्पित किया है

नई दिल्‍ली :

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 54 हस्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए. इस दौरान 125 वर्षीय योग गुरु स्वामी सिवानंद (125-year-old Swami Sivananda)हर किसी के आकर्षण का केंद्र रहे. स्‍वामी सिवानंद जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) के हाथों पद्म श्री (Padma Shri) सम्मान लेने नंगे पैरों राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने अपने स्थान पर खड़े होकर तालियां बजाकर उनका सम्मान किया. सम्मान प्राप्त करने से पहले सिवानंद ने जब राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)को नमस्कार किया तो एक बार फिर सभी ने उनके सम्मान में तालियां बजाईं.उनके नमस्कार के जवाब में पीएम मोदी ने तुरंत हाथ जोड़ा और नतमस्तक हुए.

सफेद धोती-कुर्ता पहने योग गुरु मंच पर पहुंचने से पहले दो बार फिर नतमस्तक हुए और राष्ट्रपति कोविंद ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया और उन्हें खड़ा किया. उसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र से सम्मानित किया.योग गुरु को सम्मानित करने के दौरान राष्ट्रपति कोविंद उनसे बातचीत करते नजर आए और जब दोनों ने तस्वीरें खिंचवाईं तो दरबार हॉल फिर से तालियों से गूंज उठा. स्वामी सिवानंद ने अपना पूरा जीवन मानव मात्र के कल्याण में समर्पित किया है. स्‍वामी सिवानंद की अनुशासित और व्‍यवस्थित दिनचर्या के साथ योग व उबले हुआ आहार ने उन्‍हें रोग और तनाव मुक्‍त लंबा जीवन दिया है. अविभाजित भारत के सिलहट (अब बांग्‍लादेश में) जिल में 8 अगस्‍त 1896 को जन्‍मे स्‍वामी सिवानंद ने कम उम्र में ही माता-पिता को खो दिया था. गरीबी के कारण माता-पिता बचपन में उन्‍हें मुख्‍य रूप से उबले हुए चावल का पानी ही खिला सकते थे.

माता-पिता के निधन के बाद उन्‍हें पश्चिम बंगाल के नवद्वीप में गुरुजी के आश्रम में लाया गया. आचार्य ओंकारानंद गोस्‍वामी ने उनका पालन पोषण किया और योग व स्‍कूली शिक्षा के साथ आध्‍यात्मिक शिक्षा प्रदान की. वे जीवनभर सकारात्‍मकता से भरपूर विचारक रहे हैं. 'दुनिया मेरा घर है और इसके लोग मेरे माता-पिता है, इनसे प्‍यार करना और इनकी सेवा मेरा धर्म है' पर उनका अगाध विश्‍वास रहा है.बीते 50 सालों से सिवानंद कुष्‍ठ प्रभावितों की सेवा में जुटे हैं.

पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, लोक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल आदि विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को प्रदान किए जाते हैं. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे. वर्ष 2022 के लिए कुल चार पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार दिए जा रहे हैं. पुरस्कार पाने वालों की सूची में 34 महिलाएं हैं. इसके अलावा 13 लोगों को पद्म पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किये जा रहे है.

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