समाजवादी पार्टी में शामिल हुए बेनी प्रसाद वर्मा (फाइल फोटो)
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर रहे हैं और ऐसे में जिनके टिकट कट रहे हैं और जिन्हें उनकी जीतने वाली सीट के स्थान पर दूसरी सीटों से टिकट दिया जा रहा है वे नाराज हो गए हैं. ऐसे ही नेता हैं समाजवादी पार्टी के राकेश वर्मा. पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा पार्टी से इतना नाराज़ हैं कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय ले लिया है. इसके साथ ही यह भी खबर है कि अब वह बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
बता दें कि राकेश वर्मापहले बाराबंकी से चुनाव लड़ते रहे हैं. और वह इस सीट से जीते भी हैं. कद्दावर नेता से संबंधों के चलते वह मुलायम सिंह यादव सरकार में मंत्री भी रहे हैं. उस समय वह बाराबंकी की मसौली सीट से जीते थे. उल्लेखनीय है कि बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए थे. कहा जाता है कि इस समय उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव से जो डील की थी उसी के तहत उन्हें राज्यसभा भेजा गया. उन्हें राज्यसभा और बेटे को टिकट देनी की बात कही गई थी.
यह वादा मुलायम सिंह यादव ने किया था जब वह अध्यक्ष थे. बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने जो लिस्ट जारी की थी, उसमें राकेश वर्मा का नाम था. राकेश को बाराबंकी की रामनगर सीट से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया था.
फिलहाल इस सीट से सपा के ही एमएलए हैं और वह हैं अरविंद सिंह गोप. गोप अखिलेश यादव सरकार में मंत्री भी हैं और अखिलेश के करीबी भी बताए जाते हैं. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने गोप का टिकट काटकर राकेश वर्मा को इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया था. तब काफी हंगामा हुआ था. मुलायम सिंह यादव के खेमे का कहना था कि गोप का टिकट काटा नहीं गया है, उन्हें एमएलसी बना दिया जाएगा.
उधर, अखिलेश यादव ने पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद पहली लिस्ट में बेनी प्रसाद वर्मा के लड़के का टिकट काट दिया. दूसरी लिस्ट बहराइच की कैसरगंज सीट से टिकट दिया गया था. यहां से बेनी प्रसाद वर्मा एमपी रह चुके हैं. इस घोषणा के बाद अब बेनी प्रसाद के बेटे राकेश वर्मा ने कहा कि वह कैसरगंज से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्हें अपनी नाराज़गी सार्वजनिक तौर पर मीडिया वालों को बुलाकर कर जाहिर की. राकेश वर्मा बाराबंकी निवासी हैं.
बता दें कि राकेश वर्मापहले बाराबंकी से चुनाव लड़ते रहे हैं. और वह इस सीट से जीते भी हैं. कद्दावर नेता से संबंधों के चलते वह मुलायम सिंह यादव सरकार में मंत्री भी रहे हैं. उस समय वह बाराबंकी की मसौली सीट से जीते थे. उल्लेखनीय है कि बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए थे. कहा जाता है कि इस समय उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव से जो डील की थी उसी के तहत उन्हें राज्यसभा भेजा गया. उन्हें राज्यसभा और बेटे को टिकट देनी की बात कही गई थी.
यह वादा मुलायम सिंह यादव ने किया था जब वह अध्यक्ष थे. बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने जो लिस्ट जारी की थी, उसमें राकेश वर्मा का नाम था. राकेश को बाराबंकी की रामनगर सीट से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया था.
फिलहाल इस सीट से सपा के ही एमएलए हैं और वह हैं अरविंद सिंह गोप. गोप अखिलेश यादव सरकार में मंत्री भी हैं और अखिलेश के करीबी भी बताए जाते हैं. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने गोप का टिकट काटकर राकेश वर्मा को इस सीट से प्रत्याशी घोषित किया था. तब काफी हंगामा हुआ था. मुलायम सिंह यादव के खेमे का कहना था कि गोप का टिकट काटा नहीं गया है, उन्हें एमएलसी बना दिया जाएगा.
उधर, अखिलेश यादव ने पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद पहली लिस्ट में बेनी प्रसाद वर्मा के लड़के का टिकट काट दिया. दूसरी लिस्ट बहराइच की कैसरगंज सीट से टिकट दिया गया था. यहां से बेनी प्रसाद वर्मा एमपी रह चुके हैं. इस घोषणा के बाद अब बेनी प्रसाद के बेटे राकेश वर्मा ने कहा कि वह कैसरगंज से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्हें अपनी नाराज़गी सार्वजनिक तौर पर मीडिया वालों को बुलाकर कर जाहिर की. राकेश वर्मा बाराबंकी निवासी हैं.
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