उत्तराखंड में लोगों के बीच शिल्पी अरोड़ा
नई दिल्ली:
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत को उनके ही गढ़ में चुनौती देने उनकी ही एक पुरानी सहयोगी मैदान में उतर गई हैं. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की महासचिव और पार्टी प्रवक्ता रहीं शिल्पी अरोड़ा ने किच्छा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर अपना नामांकन भर दिया है. शिल्पी गदरपुर सीट से अपनी उम्मीदवारी का दावा कर रही थीं पर टिकट न मिलने से उन्होंने कल ही पार्टी छोड़ दी. उन्होंने हरीश रावत पर धोखे का आरोप लगाया. हालांकि रावत की तरफ़ से शिल्पी अरोड़ा को टिकट न दिए जाने की वजह ये बतायी गई कि वह जीतने योग्य उम्मीदवार नहीं हैं. इसी से नाराज़ शिल्पी ने रावत को चुनौती देने के लिए उनकी ही सीट से नामांकन भरने का फ़ैसला किया.
शिल्पी को दिल्ली के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने भी मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी. उन्होंने गदरपुर से भी अपना नामांकन भर दिया है.
किसी भी उम्मीदवार की जीत या हार अपनी जगह है, लेकिन जिस उत्तराखंड में कांग्रेस के सामने अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है और सीधी टक्कर बीजेपी से है, वहां अपनों की बग़ावत मुश्किल को पैदा करती ही है.
शिल्पी को दिल्ली के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने भी मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी. उन्होंने गदरपुर से भी अपना नामांकन भर दिया है.
किसी भी उम्मीदवार की जीत या हार अपनी जगह है, लेकिन जिस उत्तराखंड में कांग्रेस के सामने अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है और सीधी टक्कर बीजेपी से है, वहां अपनों की बग़ावत मुश्किल को पैदा करती ही है.
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