फाइल फोटो
इंफाल:
मणिपुर चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद सत्ता के लिए संघर्ष शुरू हो गया है. हालांकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है और बीजेपी दूसरे नंबर पर है लेकिन बहुमत नहीं होने के कारण सत्ता की जोड़तोड़ शुरू हो गई है. इन सबके बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह अगले 24 घंटों के भीतर पद से इस्तीफा देंगे. हालांकि 21 सीटें जीतने वाली बीजेपी की तरफ से पूर्वोत्तर राज्यों के संयोजक हेमंत बिस्व सरमा का कहना है कि उनके पास 30 विधायकों के समर्थन के खत हैं और 31वें विधायक की समर्थन की चिट्ठी जल्दी ही गवर्नर के पास भेजी जाएगी. इस कड़ी में बीजेपी महासचिव राम माधव ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के समर्थन से राज्य में सरकार गठन का दावा पेश करेगी. माधव ने कहा, "हम राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलेंगे और उनसे कहेंगे कि भाजपा को मणिपुर में सरकार बनाने का न्योता दें, जिसे एनपीपी और लोजपा का समर्थन है."
भाजपा ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में 21 सीटें जीती है, और उसने अपने सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की चार सीटों और एनपीपी की चार सीटों, लोजपा की एक सीट और एक निर्दलीय के समर्थन के साथ सरकार गठन के लिए आवश्यक न्यूनतम 31 सदस्यों की संख्या जुटा ली है. माधव ने कहा, "मैं भाजपा को समर्थन देने के लिए एनपीपी और लोजपा को धन्यवाद देता हूं. मैं बदलाव और प्रगतिशील मणिपुर के लिए मतदान करने के लिए मणिपुर के लोगों को भी धन्यवाद देता हूं." इस मौके पर एनपीपी के अध्यक्ष कोनराड संगमा ने कहा, "मैं राज्य में बदलाव के लिए वोट देने हेतु मणिपुर के लोगों को धन्यवाद देता हूं."
60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 28 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस लिहाज से कांग्रेस ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है. राज्य में पिछले 15 वर्षों से सत्ता में काबिज कांग्रेस की तरफ से उपमुख्यमंत्री जी जईखनगम ने कहा है कि हम सबसे बड़ी पार्टी हैं लिहाजा गवर्नर को हमको सरकार बनाने का मौका देना चाहिए. कांग्रेस भी दावा है कि एनपीपी के चारों विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है लेकिन जब बीजेपी ने अपने समर्थन के दावे की बात कही थी तो राज्यपाल से मिलने एनपीपी के विधायक उनके साथ गए थे. ऐसे में फिलहाल भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
भाजपा ने मणिपुर विधानसभा चुनाव में 21 सीटें जीती है, और उसने अपने सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की चार सीटों और एनपीपी की चार सीटों, लोजपा की एक सीट और एक निर्दलीय के समर्थन के साथ सरकार गठन के लिए आवश्यक न्यूनतम 31 सदस्यों की संख्या जुटा ली है. माधव ने कहा, "मैं भाजपा को समर्थन देने के लिए एनपीपी और लोजपा को धन्यवाद देता हूं. मैं बदलाव और प्रगतिशील मणिपुर के लिए मतदान करने के लिए मणिपुर के लोगों को भी धन्यवाद देता हूं." इस मौके पर एनपीपी के अध्यक्ष कोनराड संगमा ने कहा, "मैं राज्य में बदलाव के लिए वोट देने हेतु मणिपुर के लोगों को धन्यवाद देता हूं."
60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 28 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस लिहाज से कांग्रेस ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है. राज्य में पिछले 15 वर्षों से सत्ता में काबिज कांग्रेस की तरफ से उपमुख्यमंत्री जी जईखनगम ने कहा है कि हम सबसे बड़ी पार्टी हैं लिहाजा गवर्नर को हमको सरकार बनाने का मौका देना चाहिए. कांग्रेस भी दावा है कि एनपीपी के चारों विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है लेकिन जब बीजेपी ने अपने समर्थन के दावे की बात कही थी तो राज्यपाल से मिलने एनपीपी के विधायक उनके साथ गए थे. ऐसे में फिलहाल भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं