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This Article is From Mar 01, 2017

गृह मंत्रालय ने मणिपुर के खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया?

गृह मंत्रालय ने मणिपुर के खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया?
केंद्रीय गृह मंत्रालय में नार्थ-ईस्ट के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया.
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय की बिल्डिंग में रियो ओलिंपिक में भाग ले चुके सात खिलाड़ी आए. यहां उन्हें एक नहीं बल्कि दो-दो मंत्रियों, गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू और उत्तर-पूर्व राज्यों के मंत्री जितेंद्र सिंह ने सम्मानित किया. उन्हें दो-दो लाख रुपये इनाम में दिया. यह बात अलग है कि सात में से पांच खिलाड़ी मणिपुर राज्य के थे, जहां अगले दो चरणों में चुनाव होना है. सवाल अब यह है कि क्या यह कार्यक्रम चुनाव की आचार संहिता के खिलाफ नहीं?

कार्यक्रम में भाषण के दौरान भी नार्थ-ईस्ट से जुड़े हुए मंत्रालय के मंत्री ने इशारे में कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि नार्थ-ईस्ट आगे बढ़े. केंद्र सरकार ने मणिपुर में स्टेडियम बनाने के लिए फंड भी दिए हैं. लेकिन स्टेडियम का काम रुका हुआ है. मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा "जमीन तो मिल गई है लेकिन काम रुका हुआ है. उम्मीद की जानी चाहिए कि 11 मार्च के बाद शुरू हो जाएगा."

हालांकि गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू का कहना है कि इस आयोजन को चुनावों से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि "यह पिछले छह महीने से प्लान किया जा रहा था. इसका चुनाव से कोई लेना देना नहीं."  
 
manipur sportesperson kiren rijiju

उधर खिलाड़ी भी उत्साहित दिखे. महिला हॉकी की कप्तान सुशीला छानूं जो कि मणिपुर की हैं, मानती हैं कि नार्थ-ईस्ट को फोकस करके सरकार एक अच्छा कदम उठा रही है. सुशीला छानूं ने एनडीटीवी से कहा कि "चुनाव से इसका क्या लेना-देना हम खिलाड़ी हैं और अच्छा खेलना चाहते हैं." .

सुशीला के  साथ सबसे छोटी खिलाड़ी जिम्नास्ट दीपा कर्माकर का भी मानना है कि इस फंक्शन को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. हालांकि वे त्रिपुरा की हैं और मानती हैं कि नार्थ-ईस्ट में बहुत टैलेंट है. दीपा करमाकर ने कहा कि "मणिपुर के चुनाव से इसका क्या लेना देना नार्थ-ईस्ट में बहुत टैलेंट है. अगली बार और बच्चे नार्थ-ईस्ट के होंगे और हम पूरी मेहनत करेंगे ताकि मेडल जीत सकें."  

वैसे जब एनडीटीवी ने चुनाव आयोग से इस मसले पर बात की तो वहां के अफसरों ने बताया कि चूंकि यह कार्यक्रम मणिपुर में नहीं हो रहा, इसलिए इसे सीधे-सीधे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं कह सकते. लेकिन चूंकि वहां चुनाव मार्च में है, इसीलिए अच्छा होता कि मंत्रालय इसकी जानकारी चुनाव आयोग को पहले दे देता.
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